Prank Videos: सोशल मीडिया में हर दिन लाखों रील पोस्ट
Prank Videos: सोशल मीडिया में हर दिन हम ऐसे सैकड़ों वीडियो देखते हैं और उनका आनंद लेते हैं कि किस तरह लोग एक दूसरे को बहुत गंभीरता से मजाक बना डालते हैं। नई पीढ़ी तो अकसर ऐसे वीडियोज को बहुत पसंद करती हैं। शायद यही कारण है कि आजकल सोशल मीडिया में हर दिन लाखों प्रैंक वीडियोज पोस्ट किए जाते है और उन्हें खूब दर्शक भी मिलते हैं। दरअसल प्रैंक वीडियो इसलिए भी युवाओं को पसंद होते हैं, क्योंकि इनमें कुछ अलग ही तरह का रोमांच होता है।
सार्वजनिक जगहों पर अंजाने लोगों से मजाक करना, ऐसी हरकतें करना जिससे सामने वाले को गुस्सा आ जाए और फिर जब वह गुस्से में फट पड़ने को हो, तो मुस्कुराकर कह देना, अरे, हम तो प्रैंक वीडियो बना रहे थे। ये ऐसी गतिविधियां या हरकतें हैं, जो भले उन लोगों को पसंद न आती हों, जिनके साथ ये मजाक हो रहा हो, लेकिन देखने वालों को ये वीडियो खूब मजा देते हैं। वास्तव में प्रैंक वीडियोज का सारा मकसद ही यही होता है कि हम अपने किसी जानने वाले को, किसी बात को लेकर बेहद डरा दें या फिर उसे चने के झाड़ पर चढ़ा दें और फिर जब वो वहां भरपूर तरीके से अपना जलवा बिखेरने लगे तो यह कहकर उसे फ्यूज कर दें कि यह तो प्रैंक हैं यानी मजाक है। लेकिन कई बार अंजाने लोगों से की गई कोई मजाक या मस्खरापन भारी भी पड़ जाता है।
युवक को भारी पड़ गया
पिछले दिनों दो युवक मुंबई के एक रेलवे स्टेशन पर चुपके से प्रैंक वीडियो बना रहे थे, जिसमें एक युवक चलत सीढ़ियों से ऊपर से नीचे की तरफ जा रहा था और बगल में दूसरी स्वाचालित सीढ़ियों से एक मध्य उम्र की महिला नीचे से ऊपर जा रही थी। लोग अपने धुन में सीढ़ियों में चल रहे होते हैं कि तभी अचानक वह युवक, महिला के चेहरे को अपनी ओर खींचता है और जब तक वह कुछ समझ पाए उसका चुंबन ले लेता है। महिला हतप्रभ रह जाती है, लोग भी हैरान होते हैं, लेकिन यह प्रैंक बनाना बहुत भारी पड़ता है, क्योंकि भीड़भाड़ भरी सीढ़ियों में युवक को पकड़ लिया जाता है और उस महिला से लेकर दर्जनों दूसरे लोग उस पर अपने हाथों की जबरदस्त खुजली मिटाते हैं। उस समय कोई नहीं सुनता कि वह प्रैंक कर रहा था। तो कई बार इस जोखिमभरी हंसी मजाक में इस तरह के हालात भी पैदा हो जाते हैं। दोस्तों के बीच अप्रैल फूल डे हमेशा गुदगुदी पैदा करने वाला दिन होता है। लेकिन अजनबियों के बीच यह हमेशा से खतरनाक होता है।
अजनबी के साथ जोखिमपूर्ण होता
जब अजनबियों के साथ प्रैंक किया जाता है, तो यह सोचकर किया जा सकता है कि इसके नुकसान भी हो सकते हैं। लेकिन जब हम अपने दोस्तों, जानकारों को बरगलाते हैं या किसी बात पर बेवकूफ बनाते हैं और वे बन जाते हैं तो हम तो खिलखिलाकर हंसते ही हैं, जिन्हें बेवकूफ बनाते हैं, वो भी हंस पड़ते हैं। लेकिन अजनबी लोगों के साथ ऐसा करना हमेशा जोखिमपूर्ण होता है। चल गया तो बल्ले बल्ले वरना यह प्रैंक गले की हड्डी भी बन जाता है। इसलिए रोजमर्रा की जिंदगी में प्रैंक को सोच समझकर ही शामिल करें। एक जमाना था, जब लोग अपने दोस्तों को बेवकूफ बनाने के लिए, सहकर्मियों को उल्लू बनाने के लिए और अपने परिजनों को खूबसूरती से बरगलाने के लिए एक अप्रैल यानी अप्रैल फूल डे का इंतजार करते थे। लेकिन जैसा कि कहते है- ‘रात का इंतजार कौन करे/आजकल दिन में क्या नहीं होता’। ठीक इसी तरह अब इन सब बातों के लिए हमें 364 दिनों के बाद आने वाले एक अप्रैल या अप्रैल फूल डे का इंतजार नहीं करना होता। सोशल मीडिया ने मजाक बनाने, बरगलाने आदि को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना दिया है।
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