Sajid Khan: अमेरिकी से लेकर फिलीपींस तक छोड़ी अभिनय की छाप
Sajid Khan: 1957 में रिलीज हुई मेहबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ में सुनील दत्त के किरदार बिरजू के बचपन वाली भूमिका निभाने वाले अभिनेता साजिद खान का कैंसर के चलते 22 दिसंबर को 70 साल की उम्र में निधन हो गया। इस फिल्म में बिरजू का किरदार निभाने वाले साजिद खान को खासा पॉपुलैरिटी मिली थी। इस किरदार से उनको घर-घर पहचान मिली थी। उन्होंने ‘माया’ और ‘द सिंगिंग फिलिपिना’ जैसी अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में भी अभिनय किया। ‘मदर इंडिया’ के बाद, साजिद खान ने मेहबूब खान की ‘सन ऑफ इंडिया’ में भी मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म ‘माया’ में अपनी भूमिका के साथ एक किशोर आदर्श के रूप में उनको वैश्विक स्टारडम मिला, जहां उन्होंने एक स्थानीय लड़के राजूजी की भूमिका निभाई, जो जे नॉर्थ द्वारा निभाए गए चरित्र से दोस्ती करता है। फिल्म की लोकप्रियता के कारण इसी नाम से एक सीरीज बनाई गई और उनकी लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ।
‘माया’ ने दिलाई दुनियाभर में पहचान
साजिद खान ने ‘माया’ में शानदार अभिनय किया था, जिसकी वजह से उन्हें दुनियाभर में पहचान मिली। साजिद खान ने अमेरिकी टीवी शो ‘द बिग वैली’ के एक एपिसोड में गेस्ट भूमिका निभाई और संगीत शो ‘इट्स हैपनिंग’ में गेस्ट जज के रूप में दिखाई दिए। अभिनेता फिलीपींस में एक प्रसिद्ध नाम बन गए और उन्होंने अभिनेता नोरा औनोर के साथ ‘द सिंगिंग फिलिपिना’, ‘माई फनी गर्ल’ और ‘द प्रिंस एंड आई’ जैसी फिल्मों में काम किया। उन्होंने मर्चेंट-आइवरी प्रोडक्शन ‘हीट एंड डस्ट’ में एक डकैत की भूमिका निभाई थी।
ऐसे चमका किस्मत का सितारा
साजिद खान का जन्म बेहद गरीब घर में हुआ था। उनके माता-पिता बॉम्बे में झुग्गी-झोपड़ी में रहा करते थे। लेकिन उनकी किस्मत का सितारा उस वक्त चमक उठा था जब मदर इंडिया’ की अपार सफलता के बाद महबूब खान और उनकी पत्नी सरदार अख्तर ने उन्हें गोद ले लिया था। लेकिन ‘मदर इंडिया’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में काम करने के बाद भी साजिद को वो पहचान नहीं मिली जो इस फिल्म से उन्हें बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट मिली थी। जब झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले साजिद खान पर महबूब खान की नजर पड़ी, तो उन्होंने फिल्म ‘मदर इंडिया’ में साजिद को छोटे बिरजू की भूमिका के लिए फाइनल कर दिया था। इस फिल्म से मिली अपार से सफलता के बाद भी वह इंडस्ट्री में कभी सुपरस्टार नहीं बन पाए थे। टीनएज में उन्होंने अमेरिका और फिलीपींस में धमाल मचा दिया था। 60 और 70 के दशक में तक तो वह टीन आइडल बन चुके थे। साजिद खान जिस तरह फर्श से अर्श पर पहुंचा वो सभी के लिए हैरान करने वाली बात थी। 70 के दशक में जब साजिद खान का करियर नहीं चमक पाया और उन्हें कुछ खास फिल्मों के ऑफर भी नहीं मिले तो उन्होंने गिरते करियर ग्राफ को देखते हुए एक रिटेल स्टोर खोला और कॉस्ट्यूम जूलरी बनाने का काम शुरू किया।
कई प्रमुख हस्तियों के साथ किया काम
उन्होंने अपने करियर में कई प्रमुख हस्तियों के साथ काम किया है, जिनमें मेहबूब खान, नरगिस, एलन और मौरिस किंग, डिक क्लार्क, सैली फील्ड, शशि कपूर, रैमसे ब्रदर्स, सैल माइनो, आर।डी। बर्मन, नोरा औनोर शामिल हैं। क्लिंट वॉकर, जे नॉर्थ, बारबरा स्टैनविक, , टीना रेविला, किरण कुमार, योगिता बाली, नूतन जैसे कलाकारों के साथ काम किया था। उन्होंने हीट एंड डस्ट, दहशत, जिंदगी और तूफान, महात्मा एंड द मैड बॉय, सवेरा, द सिंगिंग फिलिपिना, माया, सन ऑफ इंडिया जैसी फिल्मों में भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया।
रेखा ने भी फिल्मों में काम पाने मांगी थी मदद
कुछ रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जाता है कि जब साजिद अमेरिका में थे, तब रेखा ने फिल्मों में काम पाने के लिए उनसे मदद मांगी थी। वो अमेरिकन फिल्मों में भारतीय मूल की महिला के किरदार निभाना चाहती थीं। क्योंकि तब अमेरिका में ‘दी जंगल बुक’ और ‘माया’ जैसे प्रोजेक्ट्स बन रहे थे। मगर जब तक साजिद, रेखा की कुछ मदद कर पाते, तब तक वो ‘सावन भादो’ से हिंदी फिल्मों में एंट्री मार चुकी थीं। ख़ैर, अमेरिका में जब उन्हें काम मिलना बंद हो गया, तो साजिद फिलीपीन्स निकल गए। वहां जाकर कई रोमैंटिक कॉमेडी फिल्मों में काम किया। ऐसी ही एक फिल्म थी ‘द सिंगिंग फिलिपिना’, जिसके चलते वो फ़िलीपीन्स में भी पहचाने जाने लगे। उन्होंने दोबारा भारत आकर फिल्मों में काम करने की कोशिश की। मगर उन्हें वैसा काम नहीं मिला, जैसा वो चाहते थे।
गुमनाम थी उनकी जिंदगी
साजिद खान पिछले कई सालों से गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे। इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि उनकी मौत 22 दिसंबर को ही हो गई थी, लेकिन उनके निधन की खबर 27 दिसंबर को फैली। उन्होंने 70 साल की उम्र में अंतिम सास ली। साजिद खान अपने आखिरी पलों में दूसरी पत्नी के साथ केरल में रह रहे थे।
अक्सर केरल में रहा करते थे
उन्होंने 70 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। एक्टर लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। केरल के अलाप्पुझा जिले के कायमकुलम टाउन जुमा मस्जिद में उनका सुपुर्द-ए-खाक हुआ। उनके बेटे समीर ने बताया कि उनके पिता अपनी दूसरी पत्नी के साथ केरल में रह रहे थे। उनके पिता को राजकुमार पीताम्बर राणा और सुनीता पीताम्बर ने गोद लिया था और फिल्म निर्माता महबूब खान ने उनका पालन-पोषण किया था। उनके पिता कुछ समय से फिल्मों से भी दूर थे और परोपकारी कामों में ज्यादा बिजी रहने लगे थे और अक्सर केरल में रहा करते थे। उन्हें यहां अच्छा लगता था। इसके बाद वो दूसरी शादी करके यहीं बस गए थे।
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