Personal Loan – नियमों को और सख्त करने की तैयारी में RBI, बैंकों को जारी किया फरमान
Personal Loan: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन के नियमों को और सख्त बनाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल, रिटेल क्रेडिट की ग्रोथ और कमजोरियों को लेकर रिजर्व बैंक चिंतित है। मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने ये जानकारी दी है। इन बैंकर्स के साथ बातचीत में ये बात सामने निकलकर आई कि रिजर्व बैंक ने कुछ बैंकों को अपनी आंतरिक नीतियों को और मजबूत करने के लिए कहा है, साथ अनसिक्योर्ड लोन को मंजूरी देते समय कड़ी सीमाएं तय करने को भी कहा है। आरबीआई ने बैंकों से ये भी कहा कि वो उधारकर्ता को उसके क्रेडिट स्कोर और रेटिंग्स के आधार पर अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन अमाउंट की एक सीमा तय करें।

मामले में सीमा तय करनी चाहिए
एक सीनियर बैंकर ने कहा वे सोच रहे हैं कि हमें किस तरह के लोन देने के मामले में सीमा तय करनी चाहिए। ऐसे आंकड़े हैं जो कहते हैं कि 50,000 रुपये तक के लोन में दबाव है और इसके आधार पर हमें पर्सनल उधारकर्ताओं के लिए सीमा तय करनी चाहिए कि हम कितना लोन दे सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर किसी उधारकर्ता के पास पहले से ही दो लोन हैं, जैसे कि होम लोन और व्हीकल लोन, तो आरबीआई बैंकों से कह रहा है कि वे सावधानी बरतें और ये आकलन करें कि उधारकर्ता को पर्सनल लोन दिया जाना चाहिए या नहीं और अगर देना भी है तो कैसे देना चाहिए।
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ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी
कई बैंकों ने पहले से ही अपनी आंतरिक सीमाएं तय करके रखी हुई हैं, फिर भी आरबीआई चाहता है कि इन नीतियों को ज्यादा स्पष्ट रूप से डॉक्यूमेंट किया जाए और उन पर बारीकी से नजर रखी जाए। एक दूसरे बैंकर ने कहा कि ये दोहरी जीत होगी क्योंकि इससे मजबूत रिस्क मैनेजमेंट और आसान रेगुलेटरी निरीक्षण सुनिश्चित होगा। ये तब हुआ है जब रेगुलेटर लगातार निरीक्षण कर रहा है और अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन की चूक में बढ़ोतरी से चिंतित है।
बैंकर्स ने कहा कि उम्मीद है कि आरबीआई इन दिशा-निर्देशों पर एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर सकता है जो अगले पखवाड़े में जारी होने की संभावना है। नवंबर 2023 में आरबीआई ने लेंडर्स की ओर से दिए जाने वाले कंज्यूमर लोन पर रिस्क वेटेज को 100% से बढ़ाकर 125% कर दिया था। आरबीआई के मंथली डेटा के मुताबिक मार्च में पर्सनल लोन में साल-दर-साल 14% की ग्रोथ दर्ज हुई है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 17.6% की ग्रोथ देखने को मिली थी।

सरकारी बैंकों को लेकर चिंता कम
मार्च में कुल नॉन-फूड क्रेडिट ग्रोथ साल-दर-साल 12% बढ़ी, जबकि एक साल पहले यह 16.3% थी। जबकि अनसिक्योर्ड लोन की मांग खास तौर पर निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच मजबूत बनी हुई है, अधिकांश का मानना है कि बैंकों से आगे चलकर इस सेगमेंट को और ज्यादा सावधानी से बढ़ाने की उम्मीद है। दूसरी तरफ, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास छोटे क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो के कारण बड़ी अनसिक्योर्ड लोन बुक नहीं है।
जबकि हाई रिस्क वेटेज ने अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन ग्रोथ की रफ्तार को धीमा कर दिया है, रिजर्व बैंक की दिसंबर 2024 की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक राइट-ऑफ में तेज ग्रोथ को लेकर चिंतित है। रिपोर्ट में कहा गया था, हालांकि, चिंता का विषय राइट-ऑफ में तेज बढ़ोतरी है, खास तौर से निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच, जो इस सेगमेंट में बिगड़ती एसेट क्वालिटी और अंडरराइटिंग मानकों में कमजोर पड़ने को आंशिक रूप से छुपा सकता है।