Super Brain Yoga: विषय पर फोकस बढ़ाए सुपर ब्रेन योग
Super Brain Yoga: ब्रेन योग हमारे दिमाग के दो हिस्सों को एक साथ नियंत्रित करने का तरीका है। माना जाता है कि हमारे मस्तिष्क के दो भाग हैं। एक दायां भाग और दूसरा बायां भाग। सामान्य लोगों में दिमाग का जब दायां हिस्सा काम कर रहा होता है तो बायां हिस्सा निष्क्रिय होता है और जब बायां हिस्सा काम कर रहा होता है तो दायां हिस्सा काम नहीं कर रहा होता लेकिन ब्रेन योग के जरिये हम अपने मस्तिष्क पर इस किस्म का नियंत्रण हासिल कर सकते हैं कि हमारे दिमाग के दोनों हिस्से एक ही समय पर एक ही दिशा में सक्रिय हों। इस तरह ऐसे लोगों की दिमागी क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है जो ब्रेन या सुपर ब्रेन योग नहीं जानते। कई बार हमारे सामाजिक व्यवहार में कुछ ऐसी गतिविधियां शामिल होती हैं जिनका मतलब हम नहीं जानते लेकिन वे बहुत दूरगामी लक्ष्य को साध रही होती हैं।
निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती
जैसे पुराने जमाने में जब किसी छात्र को शिक्षक द्वारा बार-बार पूछे गए सवाल का जवाब नहीं आता था तब शिक्षक उसे दोनों कान पकड़ने या मुर्गा बनने की सजा देते थे। इसके बारे में अब से पहले हम यही समझते थे कि शिक्षकों का यह काम विद्यार्थियों को सबके सामने नीचा दिखाने का काम होता था लेकिन अब योगाचार्य बता रहे हैं कि वास्तव में यह सजा एक सुपर ब्रेन योग था। एक साथ दोनों कान पकड़ने या मुर्गा बनने से हमारे दिमाग का ग्रे-मैटर बढ़ता है और इससे हमें निर्णय लेने में सहूलियत होती है। साथ ही इससे हमारे निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है। इसके अलावा ऐसा करने से किसी भी विषय पर हमारा फोकस बढ़ता है और हमारे सोचने का तरीका कहीं ज्यादा गुणवत्तापूर्ण होता है।
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दाहिने और बायें मस्तिष्क एक तालमेल में
यही वजह है कि आजकल योगाचार्य उन मां-बाप को जिनके बच्चे पढ़ने-लिखने में काफी कमजोर होते हैं उन्हें मारने-पीटने की बजाय उनसे सुपर ब्रेन योग कराने के लिए कहते हैं क्योंकि ऐसा करने से उनकी याद्दाश्त की क्षमता तो बढ़ती ही है, सोचने की भी क्षमता बढ़ जाती है। वजह यह कि यहां भी वही नियम लागू होता है कि हम कुछ ऐसी गतिविधियों पर फोकस करते हैं कि हमारे दाहिने और बायें मस्तिष्क एक साथ, एक तालमेल में आ जाते हैं।
गर्दन नीचे करके टांगों के अंदर से हाथ लाकर कान पकड़ने से भले हम ठीक मुर्गा जैसे न दिखते हों लेकिन हमारे दिमाग का कंसंट्रेशन मुर्गे के जैसे हो जाता है जो सुबह होने पर बांग देना कभी नहीं भूलता। ब्रेन योग या सुपर ब्रेन योग करने का एक बड़ा फायदा यह है कि इसके करने से हमारी शारीरिक क्षमताएं बढ़ती हैं, व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। साथ ही हमारी गतिविधियां ज्यादा तीव्र और चपल होती हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ब्रेन योग क्यों एक साथ सभी तरह के योगजनित फायदे मुहैया कराता है।
दिमाग को भी विशेष दिमाग बनाएं
यही वजह है कि नई पीढ़ी सामान्य रूप से योग करने की बजाय ब्रेन या सुपर ब्रेन योग करने में ज्यादा यकीन रखती है क्योंकि ब्रेन योग को सही तरीके से करते हुए हम अपना शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक विकास बहुत अच्छी तरह से कर सकते हैं। अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादा सफल और लोकप्रिय हो सकते हैं तो करिअर के मामले में भी हम संभावित ऊंचाई छू सकते हैं। हाल के दिनों में दुनिया के कई हिस्सों में सुपर ब्रेन योग को लेकर शोध हुए हैं और माना गया कि इसके नियमित अभ्यास से सामान्य दिमाग को भी विशेष दिमाग बनाया जा सकता है।
इसलिए नई पीढ़ी में सामान्य योग की जगह ब्रेन या सुपर ब्रेन योग का क्रेज ज्यादा है। ब्रेन योग या सुपर ब्रेन योग दिमाग की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने का एक तरीका है। पिछली पीढ़ियों के लोग जहां योग का इस्तेमाल अपनी मानसिक एकाग्रता के लिए करते रहे हैं वहीं अब नई पीढ़ी के लोग दो कदम आगे बढ़कर ब्रेन योग के जरिये न सिर्फ अपनी मानसिक एकाग्रता को बढ़ाते हैं बल्कि इसे और ज्यादा बेहतर बनाकर मानसिक तीव्रता हासिल करने की कोशिश करते हैं।
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दिमागी ऊर्जा का जबरदस्त संचार
ब्रेन योग से दिमाग सिर्फ स्थिर या संतुलित ही नहीं रहता बल्कि इसकी कार्यप्रणाली और तीव्र व बेहतर होती है। यह एक किस्म का मानसिक व्यायाम है। यह मस्तिष्क की तरंगों को खासतौर पर चैनलाइज करने की प्रक्रिया है और इस पर नियंत्रण करके हम अपने दिमाग को पारंपरिक तरीके से कहीं बेहतर रूप में विकसित कर सकते हैं। इस योग प्रक्रिया के जरिये हम अपने दिमाग के विभिन्न हिस्सों पर न सिर्फ मजबूत संबंध स्थापित कर सकते हैं बल्कि उसे खास तौर पर नियंत्रित कर सकते हैं।
कुल मिलाकर इससे दिमाग का फोकस बढ़ता है। दिमागी ऊर्जा का जबरदस्त संचार होता है। इसके अलावा इसके कुछ ऐसे फायदे हैं जो व्यक्त भले न किए जा सकें लेकिन ये ऐसे लोगों के समूचे व्यक्तित्व में दिखते हैं जिन्हें ब्रेन योग में महारत हासिल होती है। मसलन ऐसे लोगों की स्मार्टनेस साफ तौर पर नजर आती है।
पब्लिक डीलिंग में सफलता
कुछ लोगों के कार्य परिणामों में उनकी कुशलता या स्मार्टनेस दिखती है लेकिन जो लोग ब्रेन या सुपर ब्रेन योग में माहिर होते हैं उन लोगों के चेहरे पर यह स्मार्टनेस साफ नजर आती है। पब्लिक डीलिंग में ऐसे लोग होते हैं तो उन पर आम लोग कहीं ज्यादा भरोसा करते हैं क्योंकि उनके समूचे व्यक्तित्व पर आत्मविश्वास छलछला रहा होता है। इससे लोगों को लगता है कि वह बिल्कुल सही व्यक्ति के सामने हैं और उनका काम हो ही जायेगा। इसलिए ऐसे व्यक्ति हमेशा पब्लिक डीलिंग में बेहद सफल रहते हैं। ब्रेन योग हमारे मन और मस्तिष्क पर एक मनोवैज्ञानिक संतुलन साधने की तरकीब है।
इससे हमारे सोचने की क्षमता तो बढ़ती ही है हमारे सोचने की दिशा ज्यादा रचनात्मक भी बनती है। याद्दाश्त बढ़ना तो इस योग के शुरुआती और बहुत मामूली फायदों में से है। जब हम नियमित रूप से सुपर ब्रेन योग की प्रैक्टिस करते हैं और इसमें दक्षता हासिल कर लेते हैं तो इसका असर हमारे किये गए कामों और लिए गए निर्णयों में भी दिखता है। तब हमारे काम ज्यादा सफाई से किए गए होते हैं और हमारे लिए गए निर्णय कहीं ज्यादा स्पष्ट और प्रभावशाली होते हैं।
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