Aacharya Pushpendra Dixit- धर्म की आड़ में करता था फ्रॉड
Aacharya Pushpendra Dixit: फर्राटेदार संस्कृत, लग्जरी लाइफ, बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और नेताओं के साथ तस्वीरें… किसी की ऐसी लाइफ देखकर कौन प्रभावित नहीं हो जाएगा। कुछ ही ऐसी जिंदगी आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित जीता था। सालों से वह अपनी लाइफ स्टाइल से लोगों को प्रभावित करता था। साथ ही उनके काम के नाम पर कथित रूप से वसूली भी करता था। अब आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित का राजफाश हो गया है। उसने मंत्री और मंत्री के पीए बनकर एमपी के डीजीपी को दो इंस्पेक्टर के तबादले के लिए फोन लगा दिए।
साथ ही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बनकर भी उसने फोन किया। खुलासे के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने आचार्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। ग्वालियर क्राइम ब्रांच की टीम ने आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। उसके पास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि वह बड़े नामों पर फर्जीवाड़ा करता था। साथ ही वह हमेशा धार्मिक वेशभूषा में ही रहता था और फर्राटेदार तरीके से संस्कृत बोलता था। संस्कृत बोलने की शैली से लोग प्रभावित हो जाते थे। पुलिस का कहना है कि आरोपी सदैव खुद को धार्मिक आड़ में रखकर इस कई बड़े लोगों के साथ फोटो खींचवाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया करता था। इसी वजह से लोग इसके झांसे में आ जाते थे।
सलमान से लेकर बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें
पुष्पेंद्र दीक्षित के सोशल मीडिया पर अकाउंट पर जाने के बाद पता चलता है कि उसके बड़े लोगों के साथ तस्वीरें हैं। इनमें महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मनोहर लाल खट्टर, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ उसकी तस्वीरें हैं। इसके साथ ही कई अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात की तस्वीरें उसने फेसबुक पर डाल रखी हैं। सभी को मुलाकात के दौरान उनके गले में धार्मिक पट्टा डालता था। इससे पता चलता है कि खुद को आचार्य या बाबा बताकर ही आचार्य पुष्पेंद्र दीक्षित लोगों से मिलता था।
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दो टीआई के ट्रांसफर के लिए डीजीपी को फोन और मैसेज
आरोपी पुष्पेंद्र दीक्षित ने शिवपुरी और गुना के दो टीआई विनय यादव और पंकज त्यागी का ट्रांसफर भिंड और ग्वालियर करने के लिए डीजीपी को मैसेज किया। साथ ही डीजीपी को उसने फोन भी लगाया। जुलाई 2024 में डीजीपी मध्य प्रदेश और विशेष पुलिस महानिदेशक को आरोपी ने मैसेज किया था। खुद को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पीए जयकिशन बताया था। इतना ही नहीं, बड़ी बात तो यह है, जब इस नंबर के बारे में पता किया गया तो तथ्यों में भी यह सामने आया कि यह सिम भी मंत्री के नाम पर ही है। लेकिन पेपर गलत था।
मंत्री बनकर फोन भी किया
यही नहीं, जब ट्रांसफर में देर होने लगी तो आचार्य ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बनकर डीजीपी को फोन भी लगाया। इसके बाद अलग-अलग नामों से डीजीपी के पास फोन आने लगे। इसके बाद डीजीपी को शक हुआ कि टीआई के ट्रांसफर में केंद्रीय मंत्री को दिलचस्पी क्यों है। इसके बाद जांच शुरू की गई तो पता चला कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के यहां से ऐसी कोई सिफारिश नहीं आई है। पुलिस ने तत्काल आरोपी की लोकेशन की तलाश करते हुए ग्वालियर के टेकनपुर में उदलपाड़ा गांव से गिरफ्तार किया। इतना ही नहीं जिन दो टीआई ने इस व्यक्ति से ट्रांसफर करने के लिए संपर्क किया था, उन्हें भी पुलिस महानिदेशक ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
मैसेज की भाषा से डीजीपी ने समझ लिया
इस मामले की जानकारी देते हुए आईजी ग्वालियर रेंज अरविंद सक्सेना ने बताया कि आरोपी कितना ही शातिर क्यों ना हो कुछ ना कुछ गलती कर देता है। आरोपी द्वारा जो मैसेज डीजीपी को भेजे गए थे, उसकी भाषा कुछ इस प्रकार थी कि डीजीपी ने तत्काल समझ लिया कि यह मैसेज सही नहीं है। उन्होंने इस बात की जानकारी तत्काल ग्वालियर पुलिस को भेजकर इसकी सत्यता का पता लगाने की बात कही, जिस पर आईजी ग्वालियर ने यह काम क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। क्राइम ब्रांच की जांच में पूरी बात निकलकर सामने आई।
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सुषमा स्वराज के नाम पर कर चुका है फ्रॉड
हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब आरोपी ने दो पुलिस वालों के ट्रांसफर के लिए खुद को केंद्रीय मंत्री बताकर फोन किया हो। इससे पहले भी उसके खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हुए हैं। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2016 में जब केंद्रीय मंत्री विदेश सुषमा स्वराज हुआ करती थी, तब भी आरोपी ने बीएसएफ कार्यालय नई दिल्ली के कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए कई बार पत्र भेजे थे। जांच के दौरान कूटरचित पाए गए थे। इसके खिलाफ दक्षिण दिल्ली के लोधी कॉलोनी थाना पुलिस स्टेशन में भी मामला दर्ज है। आरोपी पुष्पेंद्र को फिलहाल 8 अगस्त तक रिमांड पर लिया गया है। आरोपी के पास से पांच मोबाइल और 100000 नगद सहित कई आधार कार्ड और अन्य विभागों के बनाए गए पत्र और दस्तावेज जब्त किए गए हैं। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
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