Bihar Politics – हर मुद्दे का जवाब बनकर स्वयं नीतीश कुमार सामने आए
Bihar Politics: राजनीति की आक्रामक पारी खेल रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आभार यात्रा के दौरान सत्ता की असफलता के मुद्दे उछाल कर अपनी पैठ बढ़ाने में लगे हैं, लेकिन राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश कुमार तेजस्वी के हर मुद्दा बम को डिफ्यूज कर यह साबित करने में लगे हैं। जाहिर है तेजस्वी यादव ने नौकरी ,जातीय जनगणना, बड़े आरक्षण प्रतिशत या फिर बढ़ते अपराध के मुद्दा पर नीतीश कुमार को घेरने की तैयारी एक सोची समझी रणनीति के तहत की थी। लेकिन एक-एक कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी के हर मुद्दे का जवाब बन कर स्वयं नीतीश कुमार ही सामने आए।
नौकरी पर मुखर हुए नीतीश
नौकरी के मुद्दे पर लगातार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यह श्रेय अक्सर लेते रहे कि महागठबंधन की सरकार बनते ही उन्होंने पांच लाख नौकरी दी और वे जब हटने लगे तो 4 लाख रिक्तियों की बहाली पर साइन कर गए थे। हालांकि नीतीश कुमार ने न केवल जवाब दिया बल्कि दल के द्वारा एक अभियान चला कर तेजस्वी यादव के झूठ की पोल खोल दिया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के जवाब में एक बड़ा पोस्टर लगाया गया और उस पर एक नारा लिखा: नौकरी मतलब नीतीश सरकार।
जदयू की तरफ से आंकड़े का हवाला भी दिया कि 1990 से 2005 तक जब बिहार में लालू राबड़ी देवी का राज था तब सिपाही भर्ती के आंकड़े बताते है कि कुल नियुक्ति 19 हजार 538 हुई थी जबकि नीतीश राज में सिपाही भर्ती में 2 लाख 14 हजार 600 हुई है। शिक्षक बहाली में लालू राबड़ी राज में 33 हजार 499 नियुक्ति हुई थी जबकि नीतीश कुमार के राज में कुल 5 लाख 61 हजार (2005 से 2023) हुई है। 3 लाख 49 हजार (2005 से 2021) 2 लाख 12 हजार (2023) हुई है।
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बढ़ते अपराध पर एक्शन में आए नीतीश
बढ़ते अपराध को नेता प्रतिपक्ष ने न केवल मुद्दा बनाया बल्कि सुशासन की सरकार पर हमला करते राजभवन तक मार्च भी किया। नेता प्रतिपक्ष तब बैंक लुटने, बलात्कार के बढ़ते मामले के साथ राजनीतिक और गैर राजनीतिक हमले का हर दिन बुलेटिन तक जारी किया। तब हमलावर अंदाज में नीतीश कुमार ने जनसभाओं में कहना शुरू किया कि बिहार की जनता को वह दिन भी याद है जब शाम को घरों ने नहीं निकलती थी। नरसंहार से बिहार दहला हुआ रहता था। प्रशासन मूकदर्शक हुआ करता था। अपहरण का भय इस कदर बढ़ा था कि व्यवसायी और चिकित्सकों का पलायन सबसे ज्यादा हो गया था। तब सीएम हाउस से अपराध की डील होती थी।
जनगणना पर बोले मुख्यमंत्री
जातीय जनगणना को लेकर तेजस्वी यादव राज्य के सीएम नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हुए कहा कि भाजपा के प्रभाव में आ कर जातीय जनगणना पर अब चुप है। एनडीए का अब यह हिडेन एजेंडा बन गया है। खुल कर कुछ नहीं बोल सकते। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई जनसभा में यह कहा भी कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय एनडीए सरकार के दौरान लिया गया था। और अब तो भाजपा के गृहमंत्री ने जातीय जनगणना कराने के निर्णय को सार्वजनिक कर तेजस्वी के जातीय जनगणना और इस पर आधारित आरक्षण के मुद्दे को एक तरह से छीन लिया। लगे हाथ जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तो तेजस्वी यादव को चुनौती दे डाली कि नीतीश कुमार ने तो जातीय जनगणना करा कर दिखा डाला। हिम्मत है तो तेजस्वी यादव गैर भाजपा शासित राज्य में जातीय जनगणना करा कर दिखाएं।
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