Cylinder On Track – यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की 5वीं साजिश
Cylinder On Track : कानपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास जेटीटीएन गुड्स ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। हाल ही में लूप लाइन पर लोको पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को सिलेंडर से 10 फीट पहले ही रोक लिया। देश में ट्रेन को बेपटरी करने की यह 57 दिन में 23वीं कोशिश है। वहीं मध्यप्रदेश के नेपानगर में दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर डेटोनेटर रखने का मामला सामने आया है। इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है। यह आर्मी अफसरों की स्पेशल ट्रेन थी।
कानपुर के प्रेमपुर दिल्ली-हावड़ा रुट पर मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। प्रेमपुर में स्टाप होने के कारण ट्रेन की स्पीड धीमी थी। लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर रखा देखा तो घबरा गया। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी और उतरकर देखा तो 5 किलो का छोटा गैस सिलेंडर पटरी पर रखा गया था। सिलेंडर रखे होने की खबर मिलते ही रेलवे में हड़कंप मच गया। यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश है। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को कासगंज रूट पर भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थ। ट्रैक के पास बोतल में पेट्रोल और बारूद भी रखा मिला था।
ट्रेन के गुजरने से पहले फूटे डेटोनेटर
बुरहानपुर में सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन में विस्फोट की कोशिश की गई। इसके लिए नेपानगर में रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए गए। हालांकि, ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फूट गए। इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन रुकवा दी गई। घटना 18 सितंबर की है, जानकारी अब सामने आई है। मामले में आरपीएफ, एटीएस के अलावा देश की कई सुरक्षा और खुफियां एजेंसियां जांच में जुट गई हैं।
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रेलवे मंत्रालय गंभीर
रेलवे सूत्रों के अनुसार, दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर सागफाटा से डोंगरगांव के बीच 10 डेटोनेटर करीब एक से डेढ़ फीट के अंतराल से रखे गए थे। ट्रेन खंडवा से होते हुए तिरुवनंतपुरम जा रही थी। इसमें आर्मी के अफसर, कर्मचारी और हथियार थे। मामले को रेलवे मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है। सेना ने पूछताछ के लिए चाबीदार और ट्रैकमैन की कस्टडी मांगी है। मध्य रेलवे भुसावल मंडल के पीआरओ जीवन चौधरी ने कहा है कि अभी मामले की जांच चल रही है। ट्रैक पर रखे डेटोनेटर 2014 के बताए जा रहे हैं। यह पांच साल के लिए ही वैध रहते हैं। छठवें साल में इनका टेस्ट होता है, इन्हें रेलवे ही बनाता है।
ट्रेन डिरेल करने पर मौत की सजा की तैयारी
रेलवे एक्ट के मौजूदा प्रावधानों में रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 151 के तहत रेल हादसे की साजिश सिद्ध होने पर अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। अब इस अधिनियम में उपधारा जोड़कर इसे देशद्रोह की श्रेणी में लाने की तैयारी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेल पटरियों पर अवरोधक रखना हादसे की साजिश है। इससे यदि हादसा होता है और जानमाल का नुकसान होता है, तो आरोपी के खिलाफ सामूहिक हत्या की धारा भी लग सकती है। इसके तहत उम्रकैद से लेकर मृत्यु दंड तक का प्रावधान हो सकता है। इसे लेकर कानूनी सलाह-मशविरा किया जा रहा है। जल्द ही इस बारे में नए प्रावधान अधिसूचित हो सकते हैं।
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पुलिस और गैंगमैन का निरीक्षण बढ़ाया गया
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी बताया, पटरी पर अवरोधक रखने की साजिश से निपटने के लिए चुनिंदा यात्री ट्रेनों को संवेदनशील इलाके से गुजारने से पहले पायलट लोको चलाया जाता है। इसके साथ ही रेल ट्रैक पर पुलिस और गैंगमैन का निरीक्षण बढ़ाया गया है। रेलवे आने वाले दिनों में संवेदनशील जगहों पर कैमरे लगाने की तैयारी में है। रेल इंजन पर भी कैमरे लगाने की योजना है, जिससे रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सके। ऐसे में पटरी पर अवरोध होने की स्थिति में चालक ट्रेन को पहले ही रोक सकेंगे।
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