Driver’s Insurance: अशोक लेलैंड ने लांच किया कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी
Driver’s Insurance: हाल ही हिंदूजा समूह ने कंपनी अशोक लेलैंड ने ड्राइवर समुदाय की सुरक्षा के लिये ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ लांच किया है। अशोक लेलैंड भारत की सबसे अग्रणी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों में एक है जो कर्मिशियल वाहनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करती है। ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ को पेश करने का उद्देश्य ड्राइवर की सुरक्षा के साथ उसके परिवार की भी आर्थिक सुरक्षा हो सके। ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ 10 लाख रुपये तक का कवरेज प्रदान करती है जिसमें दुर्घटना में मृत्यु, स्थायी और आंशिक दिव्यांगता शामिल है। इस सुरक्षा पॉलिसी की सबसे खास बात यह है कि यह हादसे के बाद अस्पताल का पूरा खर्च उठाती है साथ ही ड्राइवर के बच्चों की शिक्षा के लिये विशेष शिक्षा बोनस जैसे अन्य लाभ भी प्रदान करती है। इसके पहले सरकरा ने भी मोटर पॉलिसी में पर्सनल ऐक्सिडेंट प्रोटेक्शन को भी शामिल किया था जिसके तहत मालिक और ड्राइवर का 15 लाख का बीमा होता है। अगर ऐक्सिडेंट में मालिक या ड्राइवर की मौत हो जाती है तो उनके परिवार को 15 लाख रुपये मिलेंगे।
1 जून से प्रभावी हो गई
पर्सनल ऐक्सिडेंट कवर मोटर इंश्योरेंस के साथ अनिवार्य होता है। अगर मोटर का इंश्योरेंस है और ड्राइवर के पास ड्राइविंग लाइसेंस है तो वह कवर का हकदार होता है। यह कवर ड्राइवर और गाड़ी के मालिक दोनों को मिलता है। अगर मालिक गाड़ी न भी चला रहा हो तो भी वह कवर का हकदार है। पीएसी में न केवल मौत का कवर होता है बल्कि डिसैबिलिटी होने पर भी इसका फायदा मिलता है। वहीं 1 जून 2024 से प्रभावी, ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ बिना किसी अतिरिक्त लागत के ग्राहकों को भेजे जाने वाले सभी इंटरमीडिएट कमर्शियल ट्रकों (आईसीवी), हॉलेज और लॉन्ग हॉलेज ट्रकों पर लागू हो गई है। ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ को ‘अननेम्ड जीपीए (समूह व्यक्तिगत दुर्घटना) पॉलिसी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो अशोक लेलैंड वाहन चलाने वाले किसी भी ड्राइवर को कवर करती है।
इस तरह यह पॉलिसी ड्राइवरों को व्यापक सुरक्षा प्रदान करती है। अशोक लेलैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्रीशेनू अग्रवाल ने कहा, ‘‘अशोक लेलैंड में, हम लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्रों में अपने ड्राइवरों के योगदान को बहुत महत्व देते हैं। इसी दिशा में एक और कदम उठाते हुए हमने ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ लॉन्च की है, जो उनकी सुरक्षा, संरक्षा और कल्याण के प्रति हमारे समर्पण का एक और प्रमाण है। यह पहल न केवल हमारे ड्राइवरों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, बल्कि हमारे सभी हितधारकों के लिए एक सुरक्षित और सहायक ईको सिस्टम को बढ़ावा देने के हमारे विजन को भी दर्शाती है।’’ अशोक लेलैंड के प्रेसिडेंट-एमएचसीवी श्रीसंजीव कुमार ने कहा, ‘‘अशोक लेलैंड ने ‘सारथी सुरक्षा पॉलिसी’ लॉन्च करके हमारे ड्राइवरों की बेहतरी और उनकी सुरक्षा के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता का ही परिचय दिया है। हम ड्राइवर समुदाय के महत्व को पहचानते हैं, और इस बीमा कवरेज के साथ, हम उनके जीवन की गुणवत्ता में और सुधार करने की उम्मीद करते हैं।’’
निरंतर उद्योग के मानक स्थापित
अशोक लेलैंड ने चालक समुदाय के हितों और कल्याण को प्राथमिकता देकर निरंतर उद्योग के मानक स्थापित करना जारी रखा है, जिससे कमर्शियल वाहन बाजार में अग्रणी कंपनियों में से एक के रूप में कंपनी की स्थिति और मजबूत हुई है। ‘सारथी सुरक्षा नीति’ परिवहन क्षेत्र की आधारशिला रखने वाले चालकों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति अशोक लेलैंड की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो इसके विकास और वृद्धि में योगदान करते हैं। सड़क मंत्रालय एक वेबसाइट है, जिस पर हर गाड़ी की जानकारी है, जो बिना बीमा के देश भर में चल रही हैं। इस वेबसाइट की मदद से देश के हर राज्य का ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों पर सख्ती कर सकेगी, जो अपनी गाड़ियों का बिना बीमा कराये ही सड़कों पर दौड़ाते हैं। अभी देश भर में करीब 55 फीसदी गाड़ियां ऐसी हैं, जिनका इनका बीमा नहीं है। इसके अलावा कई गाड़ियां कबाड़ या फिर लंबे समय से खड़ी हैं, जिनका इस्तेमाल कोई नहीं करता है। केवल 40-50 फीसदी दोपहिया मालिकों ने बीमा करा रखा है।
Read more: Tata Punch facelift: 2025 तक मार्केट में एंट्री करेगी टाटा पंच फेसलिफ्ट
वाहन के लिये कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस
हैवी व्हीकल (भारी वाहन) इंश्योरेंस एक तरह का कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस है जो खास तौर पर बुलडोजर, क्रेन, लॉरी, ट्रेलर जैसे भारी वाहनों को कवर करता है। एक सामान्य थर्ड पार्टी हैवी व्हीकल इंश्योरेंस, वाहन की वजह से थर्ड पार्टी को होने वाले नुकसान को कवर करता है। वहीं, एक कॉम्प्रिहेंसिव हैवी व्हीकल इंश्योरेंस, अधिकतम सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कवर के साथ खुद के वाहन को हुए नुकसान को भी कवर करने में मदद करता है। भारत में कई तरह के भारी वाहन होते हैं। यहां कुछ सबसे सामान्य वाहनों के बारे में बताया गया है। इन सबको हमारे कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस में कवर किया जा सकता है।
जैसे बुलडोजर जो खास तौर पर कंस्ट्रक्शन के दौरान मिट्टी और रेत को ढोने में इस्तेमाल किया जाने वाला भारी वाहन है। इसे हैवी व्हीकल इंश्योरेंस के तहत कवर किया जा सकता है। वहीं क्रेन का इस्तेमाल भी आमतौर पर कंस्ट्रक्शन के लिए किया जाता है और भारी वाहनों के लिए कमर्शियल व्हीकल इंश्योरेंस के तहत इसका भी इंश्योरेंस किया जा सकता है। इसके अलावा बेकहो डिगर भारत में खास तौर पर कंस्ट्रक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे आम प्रकार के भारी वाहनों में से एक है। इसके अलावा अलग अलग तरह के उद्योगों में सामान और सामग्री को लाने-ले जाने के लिए भारत में आमतौर पर हर तरह के ट्रेलरों का इस्तेमाल किया जाता है। इसे हैवी ड्यूटी कमर्शियल इंश्योरेंस में कवर किया जा सकता है। वहीं भारत में खास तौर पर बड़ी संख्या में माल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए अक्सर टिपर ट्रक और लॉरी का इस्तेमाल होता है।
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025