Front-Running Scam – बैंक ऑफ अमेरिका ने की एक इंटर्नल जांच शुरू
Front-Running Scam: 3 भारतीय कंपनियों में आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी, फर्स्टक्राय और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का नाम एक फ्रंट रनिंग घोटाले में उछला है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में व्हिसलब्लोअर के हवाले से कहा गया है कि ये तीनों कंपनियां, बैंक ऑफ अमेरिका के एक संगठन से जुड़े निवेश बैंकरों से संबंधित एक फ्रंट-रनिंग घोटाले में शामिल हैं। बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा करोड़ों डॉलर के शेयर बेचने से पहले निवेशकों के साथ नॉन-पब्लिक इनफॉरमेशन शेयर की गई थी।
फ्रंट-रनिंग एक इलीगल प्रैक्टिस है। सार्वजनिक तौर पर ट्रेड करने वाले स्टॉक में किसी बड़ी बिक्री से पहले नॉन-पब्लिक जानकारी साझा करना कई देशों में अवैध है क्योंकि इससे प्राप्तकर्ता को ज्यादा फायदा हो सकता है। एडवांस में जानकारी रखने वाले निवेशक शेयरों की परफॉरमेंस पर ‘फ्रंट रन’ दांव लगा सकते हैं और अगर बाजार की चाल पहले से लगाए गए अनुमान के अनुसार रही है तो मुनाफा कमा सकते हैं। यह प्रैक्टिस भारत में इलीगल है।
निवेशकों के साथ लेन-देन की डिटेल्स शेयर
रिपोर्ट में कहा गया है कि जून में व्हिसलब्लोअर की शिकायत के बाद बैंक ऑफ अमेरिका ने एक इंटर्नल जांच शुरू की है। लेकिन बैंक ऑफ अमेरिका के प्रवक्ता ने कहा है कि हम शिकायतों को गंभीरता से लेते हैं और उनकी जांच करते हैं। इस बार इन दावों का सपोर्ट करने के वाला कोई सबूत नहीं मिला है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में कहा गया है कि व्हिसलब्लोअर की शिकायत के अनुसार, आरोप लगाया गया है कि बैंकरों ने भारत में स्टॉक बिक्री की घोषणा से पहले निवेशकों के साथ लेन-देन की डिटेल्स शेयर की थीं। अनुमान है कि इसने निवेशकों को फ्रंट-रनिंग में शामिल होने में सक्षम बनाया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि शिकायत को जून में मार्केट रेगुलेटर सेबी और बैंक ऑफ अमेरिका के एशिया में निवेश बैंकिंग के प्रमुख के साथ भी साझा किया गया था।
Read more: Bahraich Wolf Terror: भेड़ियों में अचानक आक्रामकता कैसे आ गई ?
वॉट्सऐप के जरिए शेयर की गई जानकारी
रिपोर्ट के अनुसार भारत में हिस्सेदारी बिक्री की घोषणा से पहले निवेश बैंकरों ने लेनदेन डिटेल्स साझा करने के लिए वॉट्सऐप के माध्यम से निवेशकों से संपर्क किया। आरोप लगाया गया है कि विचाराधीन हिस्सेदारी बिक्री 20 करोड़ डॉलर की थी और आदित्य बिड़ला समूह की एक शाखा और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी से जुड़ी थी। व्हिसलब्लोअर का यह भी कहना है कि फर्स्टक्राय के लगभग 50 करोड़ डॉलर के आईपीओ और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के 30 करोड़ डॉलर की राइट्स ऑफरिंग के मामले में भी इसी तरह की प्रैक्टिसेज का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट ने यह भी आरोप लगाया कि कंपनी रिकॉर्ड से पता चलता है कि आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी के मामले में 20 करोड़ डॉलर के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री से पहले निवेश बैंकरों ने निवेशकों के साथ मीटिंग्स कीं।
1.28 करोड़ शेयर बेचने का विकल्प
इन निवेशकों में क्वांटिटेटिव-ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट, नॉर्जेस बैंक और जीवन बीमा कंपनी एचडीएफसी लाइफ शामिल थीं। हिस्सेदारी बिक्री 18 मार्च को सार्वजनिक की गई और 20 मार्च के आसपास इसे एग्जीक्यूट किया गया। 18 मार्च को फंड हाउस के प्रमोटर्स आदित्य बिड़ला कैपिटल एंड सन लाइफ (इंडिया) एएमसी इनवेस्टमेंट्स ने कंपनी में 7 प्रतिशत इक्विटी के हिसाब से 2.01 करोड़ शेयरों की हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दी थी। इस हिस्सेदारी बिक्री के साथ अतिरिक्त 1.28 करोड़ शेयर बेचने का विकल्प भी था, जो 4.47 प्रतिशत इक्विटी के बराबर था।
ओवरसब्सक्रिप्शन विकल्प के माध्यम से, प्रमोटर्स का लक्ष्य एएमसी में 11.47 प्रतिशत इक्विटी बेचना था। फ्रंट-रनिंग या इनसाइडर ट्रेडिंग, शेयर बाजार में प्रतिबंधित परंपरा है. इसमें कोई संस्था, स्टॉकब्रोकर या एनालिस्ट से अग्रिम सूचना के आधार पर व्यापार करती है, जबकि वह सूचना ग्राहकों के पास बाद में पहुंचती है. ऐसी सूचनाओं का फायदा उठाकर बड़े निवेशक शेयरों में खरीदी और बिक्री करते हैं और रिटेल निवेशकों को नुकसान पहुंचाते हैं. शेयर बाजार में सबसे घोटाले को अंजाम देने वाले हर्षद मेहता ने भी किसी जमाने में इनसाइडर ट्रेडिंग करके पैसा बनाया था.
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025