Imran Khan: क्यों दिखने लगे थे पाकिस्तान को दिन में तारे
पाकिस्तान की तरफ से भारत के खिलाफ अकसर आतंगवादी हमले होते रहते है आये दिन कोई ना कोई नापाक हरकत होती ही हैं। 14 फरवरी 2019 को फुलवामा में आतंगवादियों ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के वाहन पर आत्मघाती हमला किया था जिस में भारतीय सेना ने अपने 40 जाबाज जवानों को खो दिया था।
जिसके बाद पुरे देश में आक्रोश छा गया और भारत ने मात्र 12 दिन में ही इसका बदला लिया और 26 जनवरी को बालाकोट एयरस्ट्राइक करके अतंगवादियो को ढेर कर दिया था. भारत ने आतंगवादियो को अपनी आक्रामक कूटनीति से दिन में ही तारे दिखा दिए थे। भारत की इस आक्रामक रवैये से पाकिस्तान बुरी तरह डर गया जिस से वह अपनी अतंगवादी नीतियों के बारे में विचार करने के लिए मजबूर हो गया।
घबरा गई पूरी पाकिस्तानी सरकार
27 फरवरी 2019 को भारतीय विंग कमांडर अभिन्दन वर्धमान ने अपने विमान मिग-21 से हवाई मुठभेड़ में पाकिस्तान के विमान एफ-16 को मार गिराया।इसी दौरान अभिन्दन का विमान दुर्घटना ग्रस्त हो गया और वे पाकिस्तान की सीमा में जा गिरे जहाँ उनको पाकिस्तान द्वारा बंदी बना लिया गया था और कभी ना छोड़ने की बात की गई. तब भारत की सेना किसी भी वक्त हमला करने के लिए तैयार हो गई और पाकिस्तान की तरफ 9 भारतीय मिसाइलो का मुँह मोड़ दिया गया था।
जब पाकिस्तान को इस बात की खबर हुई तो पूरी पाकिस्तानी सरकार घबरा गई और इसी घबराहट में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारतीय प्रधान मंत्री को बार-बार फ़ोन किया लेकिन मोदी ने कोई भी बातचीत करने से मना कर दिया।आनन फानन में आधी रात को तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया के दरवाजे पर पाक के अधिकारी आ पहुंचे और शांति से मामले को निपटने की गुहार लगाने लगे। ऐसा माना जाने लगा था की भारत किसी भी क्षण पाकिस्तान पर मिसाइलों से हमला कर सकता हैं। इस रात को खुद प्रधान मंत्री मोदी ने ‘क़त्ल की रात’कह कर सम्बोधित किया था।
इस घटना का जिक्र खुद अजय बिसारिया ने अपनी किताब एंगर मैनेजमेंट में किया है। उन्होंने भारत की शानदार कूटनीति का जिक्र करते हुए विंग कमांडर अभिनंदन वाले मामले के बारे में बताया है कि कैसे भारत की आक्रामक कूटनीति के चलते पाकिस्तान ने अभिनंदन को मात्र 48 घंटो में ही रिहा कर दिया था।
इमरान ने की थी मोदी से बात करने की कोशिस
बिसारिया ने खुलासा करते हुए बताया हैं कि उन्हें आधी रात को तत्कालीन पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया, उन्होंने कहा कि इमरान पीएम मोदी से बात करना चाहते हैं। बिसारिया ने पूछताछ करवाई और वापस महमूद के पास पहुंचे और बताया कि मोदी उपलब्ध नहीं हैं और कोई भी जरूरी संदेश खुद उच्चायुक्त को दिया जा सकता है। उस बिसारिया ने महमूद से दुबारा बात नहीं की।
अगले ही दिन पाकिस्तान ने दिया शांति का संदेश
अगले ही दिन , 28 फरवरी को इमरान खान ने अभिनंदन को रिहा करने के फैसले के बारे में पाकिस्तानी संसद में बताया, पाकिस्तान ने शांति का संदेश देने की करि थी कोशिस और अभिन्दन की रिहाई को शांति संकेत कहा साथ ही आतंगवाद से निपटने की भी करि बात। लेकिन अमेरिका सहित कई पश्चिम देशो के राजनयिकों ने पाकिस्तान को बताया की अगर उन्होंने अभिनन्दन को नुकसान पहुँचाया होता तो हालत बहुत खराब हो जाते। भारत की धमकी बहुत गंभीर थी जिसके परिणाम पाकिस्तान को झेलने पड़ते। इसका अंदाजा तो पाकिस्तान को भी हो ही चूका था।
बिसारिया ने अपनी किताब में यह भी खुलासा किया है कि कैसे इमरान के एक करीबी दोस्त ने बिश्केक में एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर खान और मोदी के बीच साथ मिलाने और बातचीत करने के लिए बिसारिया से संपर्क किया था। ताकि उन्हें आतंकवाद से निपटने में अपनी ‘ईमानदारी’ के बारे में मोदी को बताने का भी मौका मिल जाता। बिसारिया बताते है कि सैन्य कार्रवाई का संकेत देते हुए, पीएम मोदी ने 2019 में एक चुनावी रैली में कहा था कि पाकिस्तान ने सौभाग्य से अभिन्दन को रिहा कर दिया अन्यथा वह कत्ल की रात होती।
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