Madhabi Buch – सेबी की चेयरपर्सन के खिलाफ हो स्वतंत्र जांच – कांग्रेस
Madhabi Buch: सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच के खिलाफ आरोपों को लेकर उठे विवाद के बीच कांग्रेस ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि जांच कराना राष्ट्रीय हित में है, क्योंकि विदेशी निवेशक चिंतित हो रहे हैं और भारत के शेयर बाजारों की साख पर संदेह है। विपक्षी दल ने कहा कि केवल एक निष्पक्ष, स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है, जिसमें सेबी की अध्यक्ष बुच को तब तक के लिए पद से हटा दिया जाए, तभी भारत के शेयर बाजारों और अर्थव्यवस्था में विश्वास और भरोसा बहाल हो सकता है।
कई राज सामने आ रहे
‘प्रोफेशनल्स कांग्रेस’ के अध्यक्ष और आंकड़ा विश्लेषण विशेषज्ञ (डेटा एनालिटिक्स) प्रवीण चक्रवर्ती ने दावा किया कि देश की सबसे महत्वपूर्ण संस्थाओं में से एक सेबी से जुड़े एक के बाद एक कई राज सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि 10 अगस्त को एक विदेशी शोध कंपनी ने सेबी अध्यक्ष और उनके परिवार के खिलाफ अपतटीय निधियों के संबंध में आरोपों वाली एक रिपोर्ट जारी की, जिसके लिए उन्होंने दस्तावेजी सबूत होने का दावा किया। यह आरोप किसी राजनीतिक दल ने नहीं बल्कि एक शोध कंपनी ने लगाया है। जवाब में मोदी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने इस मुद्दे पर बात की। चक्रवर्ती ने पूछा कि उन्होंने सेबी के एक व्यक्ति के खिलाफ एक विदेशी शोध फर्म द्वारा लगाए गए आरोप पर प्रतिक्रिया क्यों दी? उन्होंने कहा कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच जवाब नहीं दे रही हैं, लेकिन आईसीआईसीआई जवाब दे रहा है। क्यों?
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बुच के नेतृत्व में कामकाज का माहौल दमघोंटू
चक्रवर्ती ने बताया कि 500 सेबी अधिकारियों ने भारत सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि बुच के नेतृत्व में कामकाज का माहौल “दमघोंटू, अपमानजनक और भयावह” है। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माधबी पुरी बुच के पास आईसीआईसीआई में काम करते समय दो नौकरियां थीं। वह ग्रेटर स्पेसिफिक कैपिटल नामक एक निजी इक्विटी फंड में भी कार्यरत थीं।।। हो सकता है कि बुच को एक वित्त पेशेवर के रूप में भर्ती किया गया हो, लेकिन इससे आरोपों और सवालों की एक लंबी सूची सामने आती है। क्या यह अधिक चिंता पैदा नहीं करता है?”
मजबूत शेयर बाजार चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने पूछा कि निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ जांच करने में हिचकिचाहट क्यों है? एक पूर्व वित्तीय पेशेवर के रूप में, मुझे विदेशी निवेशकों से कई कॉल आए हैं, जिसमें पूछा गया है, ‘बाजार नियामक की स्थिति क्या है? क्या हम भारत के प्रतिभूति बाजार पर भरोसा कर सकते हैं? बाजार नियामक की ईमानदारी के साथ क्या हो रहा है?’ चक्रवर्ती ने कहा कि कांग्रेस देश में एक बहुत मजबूत शेयर बाजार चाहती है। हम अपने शेयर बाजार में विदेशी पूंजी चाहते हैं। यह देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है; यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। असली सवाल यह है कि यहां किसे संरक्षण दिया जा रहा है?
ईडी माधवी पुरी बुच पर चुप क्यों है? यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है। अगर विदेशी निवेशक चिंतित हो रहे हैं और बाजार नियामक के अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों की एक श्रृंखला के कारण भारत के शेयर बाजारों की साख पर सवाल उठ रहा है, तो क्या इस मामले की जड़ तक पहुंचने और इसे हल करने के लिए जांच करवाना राष्ट्रीय हित में नहीं है? सेबी की अध्यक्ष बुच ने पूर्व में उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए कहा था कि उनकी वित्तीय स्थिति खुली किताब है।
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