Maharashtra, Jharkhand Elections – हरियाणा की हार से राहुल को सबसे बड़ा झटका
Maharashtra, Jharkhand Elections: हरियाणा में भाजपा ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। 90 सदस्यीय विधानसभा में जहां भाजपा को 48 सीटें मिलती दिख रही हैं, वहां कांग्रेस गठबंधन को 37 सीटें ही मिलती दिख रही हैं। माना जा रहा है कि हरियाणा की यह हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। इस हार से राहुल की चुनावी रणनीति पर सवाल उठ सकते हैं। इसका असर आगामी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव को जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने पूरा जोर लगा दिया था।
अब इस वर्ष के आखिर तक महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हो सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा था कि ये चुनाव कांग्रेस के लिए संजीवनी साबित हो सकते हैं। मगर, हरियाणा का हाल देखकर यही लगता है कि इसके नतीजों से पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है। इसका असर आगामी दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। हरियाणा में इस बार कांग्रेस और राहुल जीत के दावे कर रहे थे। कहीं न कहीं यह भी सुगबुगाहट थी कि 10 वर्ष के बीजेपी शासन के बाद वहां पर सत्ता परिवर्तन होगा। मगर, बीजेपी यहां इतिहास रचते हुए सरकार बनाने जा रही है। राहुल अपनी सभाओं में कह रहे थे कि बीजेपी सरकार के दिन गए और अब कांग्रेस की सरकार आ रही है।
राहुल महाराष्ट्र में कई बार दौरा कर चुके हैं
महाराष्ट्र की बात करें तो राहुल लगातार कांग्रेस की ओर से यहां चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। वह कई सभाओं को संबोधित कर चुके हैं। वहीं, भाजपा भी इस राज्य को हर हाल में अपने साथ रखना चाहती है। इस कारण महाराष्ट्र में भाजपा भी अपनी ताकत लगा रही है। ऐसे में महाराष्ट्र में इस बार जो लड़ाई होगी, वह कांटे की होगी। बीजेपी को हरियाणा में मिली जीत से महाराष्ट्र और झारखंड में कई गुना तेजी से पार्टी अपनी ताकत झोंक सकती है।
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झारखंड में तो बीजेपी की उम्मीद ज्यादा, कांग्रेस पीछे
आगामी झारखंड चुनाव में भी बीजेपी को उम्मीद ज्यादा है। हेमंत सोरेन की सरकार में जिस तरीके से हिंदुओं पर हमले हुए, लव जिहाद के मामले आए, आदिवासी गांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों का आना-जाना बढ़ा, उससे झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार निशाने पर आ गई है। यही कारण है कि भाजपा इस चुनाव को लेकर इन्हें मुद्दा बनाते हुए अभी से वहां पूरी ताकत झोंक रही है। खुद पीएम नरेंद्र मोदी बार-बार वहां जा रहे हैं। भाजपा को भी पता है कि वहां दोबारा सत्ता किसी की नहीं आती है। ऐसे में उसे उम्मीद है कि झारखंड में एक बार फिर से उसकी सरकार बन सकती है। यहां कांग्रेस अभी काफी पिछड़ी स्थिति में दिख रही है।
राहुल की चुनावी रणनीति पर उठ सकते हैं सवाल
हरियाणा में इस बार कांग्रेस की जीत के दावे किए जा रहे थे। खुद राहुल बेहद एक्टिव थे मगर, इस हार से कांग्रेस का मनोबल गिर सकता है और हरियाणा कांग्रेस एक बार फिर गुटबाजी और अंतर्कलह का शिकार हो सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि इससे राहुल गांधी की चुनावी रणनीति पर भी सवाल उठ सकते हैं। हरियाणा में बीजेपी पिछले 10 वर्षों से सत्ता में है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 90 सीटों में से 47 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाई थीं।
तब इंडियन नेशनल लोकदल ने 19 और कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं। 2019 में बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इस चुनाव में बीजेपी केवल 40 सीटें जीत पाई थी। तब 10 सीटें जीतने वाली जेजेपी के साथ बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने 5-5 सीटें जीती थीं।
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