UP Teacher Recruitment – योगी सरकार पर विपक्षी दलों का जुबानी हमला
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश देने को लेकर अब तक लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। इस मामले में एक ओर योगी सरकार जहां कोर्ट के आदेश का पालन करने में जुटी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के जुबानी हमले का भी सामना करना पड़ रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सीएम योगी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री जी 69000 शिक्षक भर्ती मामले में रास्ता नहीं निकाल सकते, पिछडे़ और दलित वर्ग के शिक्षक अभ्यर्थियों को न्याय नहीं दे सकते, तो सत्ता छोड़ दें। वहीं, सीएम योगी ने कहा कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछड़ों, दलितों का आरक्षण छीना है। 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ों, दलितों को न्याय नहीं मिला। बीजेपी सरकार ने अपना भ्रष्टाचार और गलत काम छिपाने के लिए शिक्षक अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि पिछड़े, दलित वर्ग के सभी नेता भाजपा छोड़कर पीडीए के साथ आए। इस मामले को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार को लताड़ा है। मायावती ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से साबित होता है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता और ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खासकर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलना सुनिश्चित । वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्तियों में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकार्ड भी पाक-साफ नहीं होने पर यह काफी चर्चाओं में रहा है।मायावती ने कहा कि अब सहायक शिक्षकों की सही बहाली नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक है। सरकार इस ओर जरूर ध्यान दे।
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भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी- अजय राय
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है।उन्होंने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल और डबल बेंच से सरकार के आरक्षण विरोधी चेहरे को बेनकाब किया गया है। हालत यह हैं कि सरकार के अपने मंत्री और सहयोगी दल, सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर आइना दिखा रहे हैं। अजय राय ने कहा कि योगी सरकार तत्काल हाई कोर्ट द्वारा सुझाए गए एवं आरक्षण के सभी नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करे। साथ ही पिछले 5 साल से इन अभ्यर्थियों का दमन करने के कारण एवं न्याय की आवाज दबाने की कोशिश के लिए इन अभ्यर्थियों से माफी मांगे।
चंद्रशेखर आजाद की दो टूक
नगीना सीट से आजाद समाज पार्टी से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हमारी पार्टी इस पूरे मामले पर नजदीकी से निगाह बनाए हुए है, इसलिए बैठक करते समय इस बात को जरूर ध्यान रखें कि इस बार पिछड़े-दलित समाज के इन बच्चों के साथ कोई अन्याय न होने पाए। पहले योगी सरकार कोर्ट में मामला होने का बहाना बनाती थी।अब तो हाईकोर्ट ने भी मान लिया है कि बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है, तो इस बार सरकार इन अभ्यर्थियों के संघर्ष को समाप्त करने वाला निर्णय लेकर इनको ईको गार्डन नहीं, बल्कि विद्यालय भेजने का निर्णय ले।चंद्रशेखर ने कहा कि ध्यान रखें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अगर इस बार इन अभ्यर्थियों के साथ कोई साजिश हुई, तो अबकी बार जो आंदोलन होगा वो सरकार को उखाड़ फेंकने से पहले नहीं रुकेगा।
किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए- सीएम योगी
उधर, 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में सीएम योगी और बीजेपी सरकार के सहयोगी नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत कई नेताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं। यूपी सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए। किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।
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केशव ने भी कोर्ट के आदेश का स्वागत किया
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा और दलित वर्ग के पात्रों की जीत है, जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया।योगी सरकार में सहयोगी सुभासपा के प्रवक्ता अरुण राजभर ने कहा कि ओपी राजभर ने इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाया है। जब तक अनियमितताओं को दूर कर 69 हजार शिक्षक भर्ती आरक्षण नियमावली का सही से पालन कर नई लिस्ट नहीं बनकर जारी होती है, तब तक युवाओं को न्याय और उनका हक दिलाने के लिए लगातार लड़ाई जारी रहेगा।
अनदेखी हुई- अनुप्रिया पटेल
यूपी में बीजेपी की सहयोगी एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि खुद पिछड़ा वर्ग आयोग ने माना था कि इस भर्ती मामले में आरक्षण नियमों की अनदेखी हुई। अब जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया है, तब उम्मीद करती हूं कि वंचित वर्ग के प्रति न्याय होगा। अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि जो माननीय उच्च न्यायालय ने कहा है, मैंने भी हमेशा वही कहा है। उन्होंने कहा कि मैंने इस विषय को हमेशा सदन से लेकर सर्वोच्च स्तर पर उठाया है। साथ ही कहा कि जब तक इस प्रकरण में वंचित वर्ग को न्याय नहीं मिल जाता मैं इस विषय को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए लगातार हर संभव प्रयास करती रहूंगी
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