Cricket World: सूखता जा रहा रिसोर्स पूल
हाल ही में बीसीसीआई ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उभरते हुए तेज गेंदबाजों को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार ‘तेज गेंदबाजी कांट्रैक्टस’ दिए गए हैं। जिन तेज गेंदबाजों को यह कांट्रैक्ट दिए गए हैं उन्होंने या तो भारत के लिए खेला है या उनके खेलने की संभावना है और इनमें शामिल हैं उमरान मलिक, यश दयाल, आकाश दीप, विजय कुमार व्यषक व विद्वाथ कवेरप्पा। दूसरा यह कि रेड बॉल खिलाड़ियों का एक पूल बनाया जायेगा जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कठिन परिश्रम करने के लिए तैयार व सक्षम हों। अजीत आगरकर के नेतृत्व वाली चयन समिति इस सिलसिले में देशभर में घूम रही है तेज गेंदबाजों, स्पिनर्स, विकेटकीपरों की तलाश करने के लिए। मसलन, खलील अहमद जो वर्षों से फर्स्ट क्लास क्रिकेट नहीं खेल रहे थे, उन्हें इस सत्र में राजस्थान के लिए रणजी ट्राफी खेलने के लिए प्रेरित किया गया। दिल्ली के मयंक यादव की भी पहचान की गई थी
लेकिन विजय हजारे ट्रॉफी में चोटिल होने के बाद वह रणजी ट्रॉफी न खेल सके। अर्शदीप सिंह से भी कहा गया है कि वह रेड बॉल में अपना गेम टाइम बढ़ाएं। खिलाड़ियों की टेस्ट्स व फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए बीसीसीआई टीम इंडिया के कप्तान, कोच व चयनकर्ताओं से वार्ता कर रही है। विचार इस बात पर किया जा रहा है कि रेड बॉल फीस को आईपीएल की फीस के बराबर कर दिया जाये। गौरतलब है कि पिछले 3 सत्रों के दौरान रणजी ट्राफी के स्तर में जबरदस्त गिरावट आयी है, विशेषकर इसलिए कि बड़ी संख्या में खिलाड़ी चोट व वर्कलोड का बहाना करके रेड बॉल सीजन को मिस कर रहे थे। बीसीसीआई को यह भी एहसास हुआ कि आईपीएल नीलामी के होते ही खिलाड़ियों की रणजी ट्रॉफी में दिलचस्पी कम हो जाती है जिससे रिसोर्स पूल सूखता जा रहा है।
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10 मैच खेलने पर खिलाड़ी को 25 लाख
बीसीसीआई पैसे का लालच देकर रेड बॉल में फिर से दिलचस्पी पैदा करना चाहती है। प्रस्ताव यह है कि अगर कोई खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी का पूरा सीजन खेले तो उसकी जेब में कम से कम 75 लाख रुपये आने चाहिए जो कि एक औसत आईपीएल कांट्रैक्ट के बराबर है। फिलहाल रणजी ट्राफी के सत्र में सभी 10 मैच खेलने पर खिलाड़ी को 25 लाख रुपये मिलते हैं।
आईपीएल नीलामी में खिलाड़ी का बेस प्राइस 20 लाख रुपये होता है। पैसे के प्रलोभन से बात बन सकती है। दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट खेलने के लिए न्यूजीलैंड दोयम दर्जे की टीम भेजनी पड़ी थी क्योंकि उसके सभी अच्छे खिलाड़ियों ने एसए20 लीग खेलने को प्राथमिकता दी थी। जाहिर है अधिक पैसे मिलने के कारण। इसी तरह केन विलियमसन आगामी आईपीएल खेलेंगे बजाय न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम के साथ पाकिस्तान के दौरे पर जाने के। इसका अर्थ यह है कि सभी देशों के बोर्ड्स को टी 20 लीगों जितने पैसे टेस्ट व फर्स्ट क्लास क्रिकेट के लिए देने होंगे ताकि वह अपने श्रेष्ठ खिलाड़ियों से राष्ट्रीय ड्यूटी करा सकें। राष्ट्रभक्ति भी पैसे या किसी अन्य लालच से ही उत्पन्न होने लगी है।
बीसीसीआई ने दिया सख्त संदेश
श्रेयस अय्यर ने कमर दर्द बताकर रणजी ट्रॉफी का अंतिम लीग मैच व क्वार्टर फाइनल नहीं खेला था लेकिन जैसे ही यह चर्चा होने लगी कि उन्हें ‘सजा’ के तौर पर सेंट्रल कांट्रैक्ट नहीं दिया जायेगा तो उनकी कमर का दर्द ठीक हो गया और वह रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल खेलने के लिए तैयार हो गए मगर तब तक उन्हें कांट्रैक्ट न दिए जाने का फैसला हो चुका था। दूसरी ओर ईशान किशन पिछले साल ‘व्यक्तिगत कारण’ बताकर दक्षिण अफ्रीका का दौरा बीच में छोड़कर घर लौट आये थे। फिर उन्होंने झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी भी नहीं खेली। उन्हें भी सेंट्रल कांट्रैक्ट नहीं दिया गया।
मध्यक्रम के बैटर श्रेयस अय्यर और विकेट कीपर-बैटर ईशान किशन को सेंट्रल कांट्रैक्ट न देकर बीसीसीआई ने सख्त संदेश दिया है कि अगर कोई खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी नहीं खेल रहा है तो यह बात बर्दाश्त नहीं की जायेगी। रणजी ट्रॉफी से छूट केवल 2 ही सूरतों में संभव है। पहला खिलाड़ी राष्ट्रीय ड्यूटी पर हो, दूसरा चोटिल हो। यह स्वागतयोग्य सख्ती है क्योंकि यह देखने में आ रहा था कि खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में खेलने से बचने के लिए जब मर्जी होती है तब चोटिल होने का बहाना बना लेते है जिससे रणजी ट्रॉफी का स्तर तो गिर ही रहा था, नई प्रतिभाएं भी अपने खेल में सुधार से वंचित हो रही थीं।
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सभी क्रिकेटर्स पर लागू होने चाहिए नियम
बीसीसीआई के लिए ऐसा करना आवश्यक था लेकिन यह नियम ईमानदारी व निष्ठा से सभी क्रिकेटर्स पर लागू होने चाहिए क्योंकि अगर नियम बराबरी से लागू नहीं होंगे तो फिर वह नियम नहीं रह जाते। बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों को लिखित में कहा है कि अगर चयनकर्ता, कोच व कप्तान चाहते हैं कि आप रेड बॉल क्रिकेट खेलें तो आपको खेलना पड़ेगा। इससे पहले अय्यर ग्रेड बी में थे और किशन के पास ग्रेड सी का कांट्रैक्ट था। फिलहाल जो 30 खिलाड़ियों को सेंट्रल कांट्रैक्ट दिए गए हैं- वह 1 अक्टूबर 2023 से 30 सितम्बर 2024 तक लागू रहेंगे। इस अवधि के दौरान जो खिलाड़ी 3 टेस्ट्स या 8 एकदिवसीय या 10 टी20 खेल लेते हैं उन्हें प्रो राट (आनुपातिक) आधार पर ग्रेड सी में शामिल कर लिया जायेगा।
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