Important of Paush according to Indian Religious: सूर्य को पौष मास में अर्घ्य देना कैसे हो सकता हैं फ़लदायक
पौष मास, हिन्दी पंचांग के अनुसार इस बार पौष मास की शुरूआत 27 दिसंबर से हो चुकी है, जो 25 जनवरी 2024 तक रहेगा। इस महीने को धर्म ग्रंथों में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया हैं। धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि पौष महीने में भगवान सूर्य की उपासना करनी चाहिए। वैसे तो हर दिन ही सूर्य की उपासना होनी चाहिए , लेकिन इस महीने में सूर्य की उपासना का अलग ही महत्व हैं, ऐसा करने से व्यक्ति बीमारियो से उभरता हैं और उम्र भी बढ़ती है।
इस दौरान दिन छोटे होते हैं और रातें बड़ी। इसलिए इस समय सूरज की किरणें शारीरिक और मानसिक रूप से भी बहुत ही फायदेमंद होती है और हमें स्वस्थ बनाए रखने के लिए जरूरी होती हैं।पौष मास के दौरान सूर्य की उपासना से मान सम्मान और पद–प्रतिष्ठा में वृद्धि होती हैं। कलयुग में सूर्य देव् ही एक मात्र देव हैं जो साक्षात दर्शन देते हैं। यही वजह है कि पौष महीने के दौरान भगवान सूर्य की उपासना की परम्परा बनाई गई हैं तो चलिए, जानते हैं पौष मास के महत्व के बारे में।
पौष मास में सूर्य को अर्घ्य देते समय रखे इन बातों का ध्यान
- सूर्य उदय से कम से कम एक घंटा पहले बिस्तर छोड़ दे.
- नहा धो कर पूजा–पाठ करे तथा सूर्य देव के दर्शन कर सूर्य मंत्रो का या फिर गायत्री मंत्र उच्चारण जरूर करें।
- तांबे के कलश में लाल रोली ,लाल पुष्प तथा गंगा जल डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय सूर्य का सीधे दर्शन करने की बजाये कलश से गिर रहे जल में सूर्य का दर्शन करना चाहिए।
- पौष माह में सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्य की परिक्रमा भी जरूर करें
- जमींन पर गिरे जल को हाथों से ले कर माथे तथाआँखो पर लगाना चहिये।
- ध्यान रहे जमींन पर गिरे जल में कभी भी पैर ना पड़े।
- घर पर तांबे के धातु से निर्मित सूर्य देव की प्रतिमा रखें और प्रतिदिन हाथ जोड़कर दर्शन करें. इससे सारी परेशानियां दूर हो जाती है
साथ ही अर्घ्य देने के बाद सूर्य देव के 12 नामों ‘ॐ सूर्याय नम:। ॐ मित्राय नम:। ॐ रवये नम:। ॐ भानवे नम:। ॐ खगाय नम:। ॐ पूष्णे नम:। ॐ हिरण्यगर्भाय नम:। ॐ मारीचाय नम:। ॐ आदित्याय नम:। ॐ सावित्रे नम:। ॐ अर्काय नम:। ॐ भास्कराय नम:। ’ का उच्चारण भी जरूर करें.
पौष मास को अन्नदान मास भी कहा जाता है और इस मास में अन्नदान का महत्व बढ़ जाता है। अन्नदान से समाज में घर परिवार का मान सम्मान बढ़ता हैं और घर हमेश धन –धान्य से भरा रहता हैं। इस प्रकार, पौष मास में सूर्यदेव को अर्घ्य देने का अत्यधिक महत्व है। पौष मास में हमे सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए क्योकि यह धार्मिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक उन्नति का मार्गदर्शन करता है और व्यक्ति को सत्य, शुद्धि, और कर्म के माध्यम से समृद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।
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