Joint family: जहां मिलता है दादा दादी, चाचा-चाची का प्यार
भारत में संयुक्त परिवार की आंकड़ों में कमी आ रही है। लोगों का संयुक्त परिवार के प्रति उदासीन रवैये के बावजूद जॉइंट फैमिली के अनेक फायदे हैं। संयुक्त परिवार से न सिर्फ आपको मनोवैज्ञानिक फायदा मिलता है, बल्कि सामाजिक जीवन को सुदृढ़ करने में भी मदद मिलती है। आमतौर पर परिवार में 3-4 से ज्यादा सदस्य होने से आपको अतिरिक्त प्यार और सपोर्ट मिलता है। यह अतिरिक्त, प्यार आपको अपने दादा दादी, चाची और चाचा, चचेरे भाई बहनों और माता पिता से मिलता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे बड़े होकर ज्यादा परिपक्व और समझदार निकलते हैं।
एकल परिवार में रह रहे लोगों को उनके बुजर्गों का अनुभव नहीं मिलता है। इसके विपरीत संयुक्त परिवार में ज्यादातर दादा दादी अपने बच्चों और नाती पोतों को जीवन के कई अनछुए अनुभवों से रूबरू कराते हैं। इससे आप पहले से ही इन समस्याओं या स्थितियों के लिए तैयार रहते हैं। परिवार के बुजुर्ग मुखिया के तौर पर कार्य करते हैं। व्यावहारिक रूप से संयुक्त परिवार में अधिक सदस्य होते हैं। संयुक्त परिवार में तीन पीढ़ियों एक ही छत के नीचे रहती हैं।
पिकनिक पर जाएं
मानसिक रूप से जब आप काम के दबाव या डिप्रेशन में रहते हैं, तब आपकी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद ही जरूरी होता है। दोनों ही समस्याओं का इलाज संयुक्त परिवार में आसानी से किया जा सकता है। यदि आप अपने संयुक्त परिवार के साथ पिकनिक या सैर सपाटे के लिए जाते हैं तो काम के दबाव या डिप्रेशन से आपको काफी हद तक छुटकारा मिलता है। संयुक्त परिवार में आपको घूमने फिरने का ज्यादा वक्त मिलता है।
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जिम्मेदारियों का एहसास
यदि आप एकल परिवार या न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं तो सभी कार्यों को खुद से पूरा कर पाना मुश्किल होता है। हालांकि, जब आप किसी संयुक्त परिवार में रहते हैं तो आपके अंदर कार्य को सामूहिक रूप से करने की भावना का विकास होता है। आसान भाषा में आपको अपनी जिम्मेदारी का अहसास होता है। जिम्मेदारियों का यही अहसास किसी भी कार्य को हल्का कर देता है। आपको पूरे काम का भार अपने सिर पर लेने की जरूरत नहीं होती है।
सीखते हैं बांटना और परवाह करना
आज के इस भागदौड़ भरे युग में सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग एक दूसरे की परवाह नहीं करते हैं। साथ ही वह किसी भी कार्य को अपने ऊपर लेने के बजाय अन्यों के ऊपर थोपना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार में बचपन से ही आपको मिल बांटकर कार्य करना सिखाया जाता है। इसके अलावा, आपको अपने भाई बहनों और अन्य करीबियों की परवाह करने की भावना का अहसास होता है। एक दूसरे की परवाह करना और कार्य को बांटकर करना मनुष्य की सबसे बड़ी खूबी है। इस प्रकार की चीजों एकल परिवार में सीखने को नहीं मिलती हैं।
आर्थिक मदद
एकल परिवार के मुकाबले संयुक्त परिवार में आर्थिक समस्याओं का आसानी से सामना किया जा सकता है। परिवार में तीन से अधिक सदस्य आर्थिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं। एकल परिवार के मुकाबले संयुक्त परिवारों में कई व्यक्ति कमाते हैं। इससे आर्थिक बोझ को एक दूसरे में बांट दिया जाता है। ऐसा करने से आपके पास पैसों की अच्छी बचत होती है। कई बार आप कर्ज और अन्य आर्थिक समस्याओं के बोझ से दब जाते हैं। इसकी वजह से आपको मानसिक रूप से एंग्जाइटी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। संयुक्त परिवार की यही खूबी इसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतर विकल्प बनाती है।
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मानसिक स्थिरता
एकल परिवार के मुकाबले संयुक्त परिवार यानी जॉइंट फैमिली में रहने वाले लोग मानसिक रूप से ज्यादा परिपक्व होते हैं। ऐसे परिवारों में सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारियों को किसी एक व्यक्ति की जवाबदेही नहीं समझा जाता है। एकल परिवार में इन्हीं जिम्मेदारियों से अनेकों प्रकार की मेंटल हेल्थ की समस्याएं पैदा होती हैं। जिम्मेदारियों का विकेंद्रीकरण होने से किसी भी व्यक्ति को अकेले इन्हें पूरा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाता। वर्तमान में एकल परिवार में रहने वाले लोग मानसिक रूप से जिम्मेदारियों के बोझ तले दब चुके हैं।
बच्चों को नहीं करना पड़ता अकेलेपन का सामना
ज्यादातर संयुक्त परिवारों में बच्चों का बचपन अपने दादा दादी के इर्द-गिर्द बीतता है। संयुक्त परिवार में रहने वाले माता पिता बच्चों की जरूरतों के लिए पहले ही आश्वस्त होते हैं। ज्यादातर एकल परिवारों में माता पिता की गैर मौजूदगी में बच्चों की देखरेख या परवरिश एक बड़ी समस्या होती है। बच्चों के घर में अकेले रहने से उन्हें कई बार मानसिक रूप से अकेलेपन का सामना करना पड़ता है। वहीं, संयुक्त परिवार में सदैव ही परिवार का कोई न कोई सदस्य बच्चों के साथ मौजूद रहता है।
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