वर्किंग वुमन ऑफिस ही नहीं घरेलू काम में भी होती हैं आगे, कामकाजी औरतों ने किया ये साबित
Working Woman : आज की सदी की महिलाएं न सिर्फ गृहकार्य में दक्ष होती हैं बल्कि अवसर मिलने पर वो अपने ऑफिस को भी बेहतर ढंग से संभाल सकती हैं। हालाँकि समाज के कुछ हिस्सों में आज भी ये सोच है कि महिलाएं घर और ऑफिस दोनों ही नहीं संभाल सकती। इसीलिए आज भी बहुत सी महिलाओं को शादी के बाद अपना करियर छोड़ना पड़ता है। इस तरह से उनसे उनके अभी तक की शिक्षा और करियर बनाने का हक़ छीन लिया जाता है। उनकी अभी तक बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए की गयी कड़ी मेहनत शादी के बाद किसी काम की नहीं रहती। लेकिन अब वक्त बदल चुका है और अब महिलाएं शादी से पहले अपने करियर विकल्प को लेकर सोचती हैं। और शादी के बाद भी अपने करियर को बनाये रखने के लिए Working Woman घर और ऑफिस दोनों को संभालती हैं।
ऑफिस और घर दोनों संभालती हैं Working woman
आज महिलाएं समाज की पुरानी सभी अवधारणाओं और रूढ़िवादिता को तोड़कर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने दिखा दिया है कि न सिर्फ घर के पुरुष बल्कि महिलाएं भी अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। उनके पास भी करियर संबंधी विकल्प हैं, जिनमे वो अपनी रूचि के अनुसार कार्य कर सकती हैं। आखिर करें भी क्यों न, जब उनके पास इसकी काबिलियत है। हालाँकि आज भी बहुत से परिवारों में महिलाओं के कार्य करने को समाज में अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जाता है। जिनका मानना है कि संभ्रांत परिवार की बहू बेटियां बाहर काम करने नहीं जाती। वो भूल जाते हैं कि जब घर के बेटी बेटे दोनों साथ स्कूल, कॉलेज जा सकते हैं तो काम पर क्यों नहीं ? बावजूद इन सभी कठिनाइयों के आज की महिला इन सभी वर्जनाओं को तोड़ते हुए बहुत आगे बढ़ चुकी है। वो (Working Woman) न सिर्फ अपना घर संभालती है बल्कि अपने बच्चों के साथ साथ अपने ऑफिस को बेहतर तरीके से संभाल रही है।
घर में हो बराबरी का अधिकार
वर्तमान में बहुत से घर ऐसे हैं जिन्हे बहु के पढ़े लिखे होने और जॉब करने से कोई आपत्ति नही होती। वो घर से बाहर भी उन्हें जॉब करने से मना नहीं करते बल्कि उसका सपोर्ट करते हैं। ऐसे में कोई भी महिला ख़ुशी ख़ुशी अपना घर और बाहर दोनों जगह संभाल सकती है। जब महिलाएं घर के साथ साथ ऑफिस का काम भी संभालती हैं ये जरुरी हो जाता है कि उनके पार्टनर और घरवाले भी उनका साथ दें। क्यूंकि जब घर की महिलायें भी घर और बाहर दोनों देखती हैं तो घर के पुरुषों को भी बाहर के साथ साथ घर के काम में भी हाथ बंटाना चाहिए। ऐसे में दोनों को ही सुविधा होगी और घर आराम से चल जाएगा।
महिलाएं अब पहले से मजबूत और बेहतर हुई हैं
समाज में अब पढ़ी लिखी स्त्रियों की संख्या बढ़ गयी है। क्यूंकि बीते कुछ वर्षों में शिक्षा का अच्छा विस्तार हुआ है। जिसका सीधा असर अब समाज में दिखने लगा है। लोग महिलाओं के प्रति अपनी सोच में पहले से अधिक उदार हुए हैं। शिक्षा ने सोच की संकीर्णता को खतम कर दिया है। अब समाज में लड़कियों को पढ़ने से लेकर उनके नौकरी करने तक को लेकर लोगों में बहुत अधिक नकारात्मकता नहीं दिखती। क्यूंकि अब महिलाओं (Working Woman) ने ये साबित कर दिया है कि वो घर में खाना बनाने से लेकर, साफ़ सफाई करने और बच्चों को पालने के साथ साथ वो ऑफिस वर्क फ्रंट पर भी बेहतर प्रदर्शन कर सकती हैं। और इसी तरह घर चलाने और रिश्तेदारी निभाने से लेकर घर का खर्चा तक कमाने का भी हुनर रखती हैं।
कामकाजी महिलाओं (Working Woman) का एक अन्य पक्ष
महिलाओं को अब पहले से मजबूत और मल्टीटास्कर माना जाने लगा है। और यही वजह है की उनसे एक वंडर वुमन होने की अपेक्षा की जाती है। वजह भी साफ़ है, महिलाएं इस उम्मीद पर खुद को खरा उतारने के लिए जी तोड़ मेहनत करती भी है। और ऐसा कर भी पाती हैं। लेकिन कभी ध्यान दिया है की वो ऐसा किस कीमत पर कर रही हैं ? महिलाओं के लिए संघर्ष अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने खुद को बेहतर बनाने और काबिलियत साबित करने के लिए बहुत अधिक भार अपने कन्धों पर ले लिया है। अधिकतर महिलाएं ऐसा लिए अपने स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से समझौता कर रही हैं। उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि वो भी एक इंसान हैं और बाकियों की तरह ही उनकी भी सीमा है। इसलिए आवश्यक है की परिवार के सदस्य हर मोड़ पर उनके साथ रहे जिससे उन्हें अकेले ही घर परिवार के साथ बाहर का काम अकेले न करना पड़े।
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