Fake Apps & Websites – सेबी ने सोशल मीडिया अकाउंट से किया सतर्क
Fake Apps & Websites: स्टॉक ब्रोकरों तथा उनके अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल करने वाले नकली ऐप, वेबसाइट और यहां तक कि फर्जी कॉन्टैक्ट नंबर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है जिसके कारण बाजार नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) चिंतित है और इसने नियमन के दायरे में आने वाली सभी इकाइयों से तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। सूत्रों ने बताया कि अब तक इन ऐप के माध्यम से निवेशकों के करोड़ों रुपये ठगे जाने का मामला बाजार नियामक संस्था सेबी के पास पहुंचने के बाद इसके अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ हाल में हुई एक बैठक में पंजीकृत मध्यस्थों द्वारा सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया।
आंतरिक टीमों को मजबूत कर रहा बाजार नियामक
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि बाजार नियामक बढ़ते मामलों के कारण साइबर सुरक्षा और संबंधित निगरानी से जुड़ी अपनी आंतरिक टीमों को मजबूत कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि नियामक ने मामलों में वृद्धि का गंभीरता से संज्ञान लिया है और स्टॉक ब्रोकरों से ऐसे मामलों में निर्धारित मानक प्रक्रिया का पालन करने के अलावा जल्द से जल्द ऐसी संस्थाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। स्टॉक ब्रोकरों को आम जनता के हित में नोटिस जारी करने और निवेशकों को सचेत करने की जरूरत होती है, खासतौर पर ऐसी स्थिति में जो उनके नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही हैं। उन्हें ऐसे पोर्टलों के खिलाफ आपराधिक शिकायतें भी दर्ज करनी होती हैं। एक स्टॉक ब्रोकर ने कहा कि सेबी की चिंता यह है कि इस तरह की कार्रवाइयों में देरी की जा रही है।
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फर्जी पोर्टल के नाम पर गुमराह
एक अन्य उद्योग खिलाड़ी ने बताया कि ऐसे मामले सामने आए हैं जहां फर्जीवाड़ा करने वालों ने किसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के रिलेशनशिप मैनेजर के तौर पर बातचीत करनी शुरू की और निवेशकों को फर्जी पोर्टल के नाम पर गुमराह किया। एक प्रमुख ब्रोकिंग फर्म के अधिकारी ने कहा हम ऐसे मामलों को बहुत गंभीरता से देख रहे हैं और ऐसे हरेक मामले में सार्वजनिक सूचनाएं जारी की गईं हैं। हमने सोशल मीडिया मंच पर ऐसे ऐप और इकाइयों को हटाने में भी सफलता हासिल की जो हमारे नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें जब भी जानकारी मिली है तब हमने व्हाट्सऐप और फेसबुक जैसे मंच से ऐसे समूहों को हटाने के लिए कहा है। ऐसे मामलों की कुल संख्या और निवेशकों को हुए नुकसान के कुल आंकड़े का पता नहीं चल सका क्योंकि उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। हालांकि, ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां निवेशकों को ऐसे फर्जीवाड़े के कारण 9-10 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ है।
सावधानी बरतने का नोटिस जारी
सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर गौहर मिर्जा ने कहा, ‘कानून के तहत ऐसे अपराध के लिए रिपोर्ट दर्ज कराना अनिवार्य है। हालांकि इससे वसूली की कोई उम्मीद बनती है या नहीं वास्तव में यह बेहद विशिष्ट मामला है और यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि धोखाधड़ी का पता कितनी जल्दी लग जाता है और उसकी जांच की जाती है या नहीं। प्राथमिकी दर्ज करने से एक कानूनी प्रक्रिया की शुरुआत दर्ज करने में मदद मिलती है और इसके कारण संभावित रूप से गिरफ्तारी करने या फर्जीवाड़े के नेटवर्क को बाधित करने में मदद मिल सकती है। कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जांच भी संभावित धोखाधड़ी से बचाने में मदद करती है क्योंकि एजेंसियां इस तरह के फर्जीवाड़े के पैटर्न को जान जाती हैं। सेबी को भेजे गए प्रश्नों वाले ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला। बाजार नियामक ने निवेशकों को फर्जी सोशल मीडिया मंचों पर सावधानी बरतने का नोटिस जारी किया। यह दो महीने से भी कम समय में दूसरी ऐसी चेतावनी है। इससे पहले ऐसी ही एक सूचना अप्रैल के मध्य में जारी की गई थी।