Power Of Internet: पनडुब्बी केबल के जरिये जुड़ी है पूरी दुनिया
Power Of Internet: इंटरनेट तकनीक ने हमारी जिंदगी बदलकर रख दी है। इसलिए हम इसके महत्व को समझें और सजग रहें कि अगर किसी दिन अनहोनी की तरह एक झटके में यह न रहे तो हम कैसे जिएं? हालांकि जब वाकई ऐसा होगा तो पता नहीं क्या होगा लेकिन मौजूदा समय में ऐसी स्थिति बन गई है कि इंटरनेट के बिना एक कदम चल पाना संभव नहीं रह गया। इसलिए इंटरनेट महज तकनीक नहीं है हमारी एक नई जीवनशैली है। एक जमाने में जब दूर बैठे लोगों से बातचीत का जरिया पत्र व्यवहार ही हुआ करते थे तब हम मुश्किल में पूरे साल में 10 नये लोगों से पत्र व्यवहार कर पाते थे। अब इंटरनेट ने हमें इस कदर बदलकर रख दिया है कि आज हम हर दिन औसतन 22 से 27 लोगों से बात करते हैं। इनमें कम से कम 5 अजनबी यानी ऐसे लोग होते हैं जिनसे हमारा पहले से परिचय नहीं होता। भारत इंटरनेट से पनडुब्बी केबल के जरिये जुड़ा हुआ है। पूरी दुनिया समुद्र में पड़ी बड़ी-बड़ी इंटरनेट केबिनो के जरिये आपस में जुड़ी हुई हैं।
हर महीने 10 लाख से ज्यादा फोन खरीदे जाते हैं देश में
भारत आमतौर पर नई तकनीकी के मामले में इतना फ्रेंडली देश पहले नहीं हुआ करता था लेकिन आज पूरी दुनिया में अगर मोबाइल और इंटरनेट का बाजार अपनी चमकदार मौजूदगी प्रदर्शित करता है तो उसमें भारत की सबसे बड़ी भूमिका है। भारत में हर महीने 10 लाख से ज्यादा फोन खरीदे जाते हैं और हर महीने 50 हजार से ज्यादा अब भी नये कनेक्शन और मोबाइल सेट लिए जाते हैं क्योंकि भारत इंटरनेट कम्युनिकेशन का हब है। इंटरनेट पर आज हम इस कदर निर्भर हो गए हैं कि इसके बिना एक कदम भी हम नहीं चल सकते।
हमारा फोन चार्ज न हो तो हम किसी को फोन तक नहीं कर सकते क्योंकि अब हम फोन डायरी नहीं बनाते। फोन में ही नंबरों को सुरक्षित रखते हैं। इंटरनेट के जरिये पत्र व्यवहार जैसा भावुक रिश्ता पूरी तरह से बदल गया है। पहले लोग चिट्ठियों का इंतजार करते थे, आज किसी भी पल किसी से संपर्क करना हो, फटाफट मेल लिखी और वह उसी समय उस तक पहुंच जाती है। न डाकिये की राह देखने की जरूरत पड़ती है और न ही पत्रों के इंतजार में दिन गिनने पड़ते हैं। हमारी जिंदगी का कोई भी ऐसा काम नहीं है जो आज इंटरनेट से किसी न किसी रूप में जुड़ न गया हो। इसलिए आज इंटरनेट सही मायनों में हमारी जिंदगी की ऑक्सीजन है। भारत में इस समय करीब 100 करोड़ कनेक्शन हैं जिसमें 90 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन इंटरनेट के हैं। आज हम औसतन हर दिन 10 लोगों से बात करते हैं।
20 फीसदी से ज्यादा फैसले ऑनलाइन
आज दुनिया में 20 फीसदी से ज्यादा फैसले इंटरनेट के कारण बिना अदालत में गए ऑनलाइन होते हैं। आज दुनिया में 75 से 80 फीसदी वैश्विक कारोबार लोगों को बिना आमने सामने मिले, बिना बैठक किये इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन मिलने, मीटिंग करने आदि के जरिये सम्पन्न होते हैं। दुनिया में 25 फीसदी से ज्यादा अकेडमिक पढ़ाई लिखाई अब वर्चुअल होती है। मतलब अध्यापकों का या छात्रों का एक दूसरे के सामने मौजूद होना जरूरी नहीं है। इंटरनेट के जरिये अमेरिका में बैठे अध्यापक भारत के छात्रों को पढ़ा रहे होते हैं तो भारत के अध्यापक अमेरिका, यूरोप कहीं के छात्रों को पढ़े रहे होते हैं।
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इंटरनेट ने हमारी जीवनशैली के हर पहलू पर क्रांतिकारी परिवर्तन कर दिए हैं। दुनिया सचमुच में एक ग्लोबल विलेज में बदल गई है जो पहले काल्पनिक मुहावरा होता था। कारोबार हो या सामाजिक व्यवहार हो, साल 2010 के आसपास तक हर साल शादी ब्याह में पूरे देश में 20 से 25 करोड़ से ज्यादा मैरिज कार्ड छपते थे। आज इनकी संख्या घटकर कुछ लाखों तक सीमित हो गई है क्योंकि ज्यादातर लोगों को कार्ड वाट्सएप के जरिये भेज दिए जाते हैं। लोगों को निमंत्रण देने की बात हो या औपचारिक-अनौपचारिक संपर्क करने का तरीका, सब कुछ इंटरनेट के जरिये हो रहा है।
दो तिहाई लोगों का जीना लगभग नामुमकिन
पहले जब लोग विदेश जाते थे तो हम सालों साल उन्हें देख नहीं पाते थे। विदेश छोड़िये, लोग देश में ही जब घर से बाहर चले जाते थे तो उन्हें दोबारा से देखना तभी संभव होता था जब वह लौटकर घर आ जाते थे। आज वे किसी कोने में हो वो वीडियो कॉलिंग से न सिर्फ आपको देखना संभव है बल्कि आमने सामने बात करना, हंसना बोलना, मनोरंजन तक सब कुछ संभव है। आज इंटरनेट के बिना दुनिया में दो तिहाई लोगों का जीना लगभग नामुमकिन है। इंटरनेट विज्ञान के दूसरे आविष्कारों की तरह महज हमारी सुविधाओं में बढ़ोतरी करने वाला एक और आविष्कार भर नहीं है। यह आज की तारीख में बहुत बड़े पैमाने पर लोगों की जिंदगी की धड़कन है। इंटरनेट काम न कर रहा हो तो बैंक का कामकाज ठप हो जाता है। कितनी भी बड़ी आपदा हो, बैंक आपको आपका ही पैसा नहीं निकालने देगा अगर इंटरनेट कनेक्शन सही से काम न कर रहा हो यानी सर्वर डाउन हो।
आज सब कुछ सेंसर कंट्रोल है
आज इंटरनेट के बिना रेलगाड़ियां, हवाई जहाज जहां हैं वहीं वैसी ही स्थिति में रुक जाएंगी। लोगों की तनख्वाहें, बड़ी-बड़ी कॉरपोरेट मीटिंग्स, फैसले, यहां तक कि अगर इंटरनेट बाधित हो तो दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाएं युद्ध भी नहीं कर सकतीं क्योंकि आज सब कुछ सेंसर कंट्रोल है। आज सब कुछ इशारों पर चलता है और ये इशारे इंटरनेट से पैदा होते हैं। इसलिए इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है और यह किसी खास वर्ग या हैसियत तक सीमित नहीं है। आज सब्जी मंडी में एक आम सब्जी बेचने वाला भी इस पर निर्भर है तो सर्राफा बाजार का सबसे बड़ा बुलियन भी इसी के इशारे से चलता है। सड़क पर टैक्सी चलाने वाला आम टैक्सी चालक भी इसी के इशारे पर आगे बढ़ने के लिए बाध्य है।
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