Railway Recruitment 2024: महिला चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा से मिले अनुपम
हाल ही में ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के संस्थापक अनुपम ने रेलवे बोर्ड अध्यक्षा रेलवे में रिक्त पड़े पदों पर जल्द भर्ती करने को लेकर बात की। रेलवे बोर्ड की पहली महिला चेयरपर्सन जया वर्मा सिन्हा ने अनुपम की बातों को सुना और आश्वासन दिया कि जल्द ही इस विषय पर सकारात्मक ढंग से विचार किया जाएगा। भारतीय रेल में सुरक्षा श्रेणी के 1।77 लाख पद रिक्त हैं।
जून 2023 में एक आरटीआई के जवाब में पता चला कि रेलवे में कुल मिलाकर 2 लाख 74 हज़ार पद खाली हैं। इससे पहले दिसंबर 2022 में रेलमंत्री ने सदन में जानकारी दी थी कि 3।12 लाख पद रिक्त हैं। इतनी भारी संख्या में रेलवे जैसे अहम विभाग में रिक्तियों के बावजूद मार्च 2019 के बाद से सरकार द्वारा कोई नई भर्ती नहीं निकाली गयी।
रेलमंत्री ने किया था वादा
पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आयी एनटीपीसी और ग्रुप-डी की भर्तियों को पांच साल होने को हैं। उस वक़्त के तत्कालीन रेलमंत्री ने चुनाव से ठीक पहले यह वादा किया था कि रेलवे के जरिए अगले दो साल में चार लाख नौकरियां दी जाएंगी। लेकिन यह देखकर अत्यंत दुख होता है कि वादे के उलट नई सरकार में कोई भर्ती ही नहीं निकाली गयी।
इसका खामियाजा सिर्फ बेरोज़गार युवा ही नहीं, रेलवे की गुणवत्ता सुरक्षा और कार्यप्रणाली को भी भुगतना पड़ रहा है। एक तरफ जहां रेलवे भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की उमर निकल रही है। वहीं कर्मचारियों की कमी के कारण रेलकर्मी भारी दबाव और मानसिक तनाव में काम करने को विवश हैं। इसका दुष्प्रभाव जनता को मिल रही रेलवे की सेवा और सुरक्षा पर भी दिख रहा है।
‘मॉडल एग्जाम कोड’ की जरूरत पर बल
अनुपम ने रेलवे बोर्ड की अध्यक्षा को रिक्त पदों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए अन्य मसलों को भी पुरजोर तरीके से उठाया। उन्होंने रेलवे में भर्ती प्रक्रिया के लिए ‘मॉडल एग्जाम कोड’ की जरूरत पर बल दिया। नयी भर्ती लाने की मांग करते हुए अनुपम ने समयबद्ध ढंग से प्रक्रिया पूरी करने का सुगम तरीका भी साझा किया। अनुपम ने रेल बोर्ड अध्यक्षा को कहा कि यदि रेलवे अपनी भर्तियों में ‘मॉडल एग्जाम कोड’ लागू करके विज्ञापन से लेकर नियुक्ति तक की प्रक्रिया 9 महीने में पूरी कर लें तो यह अन्य सभी विभागों के लिए भी एक नज़ीर बनेगा।
मांगों वाला पत्र भी अध्यक्ष को सौंपा
साथ ही अनुपम ने मांगों वाला पत्र भी अध्यक्ष को सौंपा जिसमें रिक्त पड़े 2 लाख 74 हज़ार पदों पर जल्द से जल्द विज्ञापन जारी किया जाए, भर्ती प्रक्रिया में ‘मॉडल एग्जाम कोड’ लागू कर 9 महीने के अंदर विज्ञापन से नियुक्ति तक के सभी चरण पूरे हों, रेलवे में नियमित कार्यों से संबंधित नौकरियों को ठेके पर देना या आउटसोर्स करना बंद किया जाए, इंजीनियरिंग छात्रों के लिए पदों में कटौती न हो, अभियंत्रण पदों पर तकनीकी छात्रों को ही अवसर मिले, ALP, टेक्नीशियन, JE, SSE जैसे सुरक्षा श्रेणी के 1।77 लाख पदों को युद्धस्तर पर भरा जाए, करीब पांच साल से भर्ती न निकलने के कारण जो अभ्यर्थी अधिकतम आयु सीमा पार कर गए, उनके लिए नयी भर्ती में 3 साल उमर की छूट मिले, SSC UPSC IBPS की तरह रेलवे के पास भी वार्षिक भर्ती कैलेंडर हो जिसका सख्ती से पालन किया जाए आदि मांगें की गई हैं।
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रोज़गार के अवसर दिलाने का संघर्ष
युवा नेता अनुपम ने ये उम्मीद जताई है कि विभाग इन गंभीर विषयों पर सकारात्मक ढंग से विचार करेगा ताकि रेलवे भर्ती की तैयारी में जुटे करोड़ों युवाओं की निराशा का निराकरण हो सके। ज्ञात हो कि अनुपम लंबे समय से ‘युवा हल्ला बोल’ के जरिए भारत के युवाओं को रोज़गार के अवसर दिलाने का संघर्ष कर रहे हैं। रेलवे भर्ती में अनियमितताओं को लेकर पिछले साल हुए आंदोलन को भी उन्होंने दिशा दी थी जिसके बाद सरकार को मांगे माननी पड़ी। उम्मीद है रेलवे बोर्ड में हुई इस अहम बैठक के बाद रेलवे अभ्यर्थियों को नए साल में नया विज्ञापन मिलेगा।