Kota Student Suicide: JEE Mains की करक रही थी तैयारी
Kota Student Suicide: राजस्थान के कोटा में आईआईटी जेई की तैयारी कर रही एक और छात्रा ने खुदकुशी कर ली है। जिस छात्रा ने अपनी जान दी है उसका JEE Mains का एग्जाम था। छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने एग्जाम के दबाव का जिक्र किया है। जान देने से पहले छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है, मम्मी-पापा मैं JEE नहीं कर सकती इसलिए सुसाइड कर रही हूं, मैं कारण हूं , मैं सबसे खराब बेटी हूं, सॉरी मम्मी पापा यही आखिरी विकल्प है।
कोटा के एक कोचिंग में JEE Mains की तैयारी कर रही 18 साल की छात्रा ने अपने ही घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड किया है। छात्रा का 31 जनवरी को एग्जाम था। जानकारी के मुताबिक कोचिंग का कोर्स खत्म होने के बाद वो घर से ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
NEET के एक छात्र ने भी की थी खुदकुशी
पुलिस को मिले सुसाइड नोट में निहारिका ने खुद को “सबसे बुरी बेटी” बताया और कहा कि यह “उसका आखिरी विकल्प” था। नोट में लिखा है, “मम्मी और पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती। इसलिए, मैं आत्महत्या कर रही हूं। मैं हारी हुई हूं। मैं ही इसकी वजह हूं। मैं सबसे बुरी बेटी हूं। सॉरी, मम्मी और पापा। यह आखिरी विकल्प है।”
बता दें कि अभी एक हफ्ते पहले ही शिक्षा की नगरी कहे जाने वाले कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्र की उम्र 17 से 18 साल थी। मृतक छात्र यूपी के मुरादाबाद जिले का रहने वाला था। कोटा में बीते साल (2023) में 30 छात्रों ने परीक्षा और उसमें प्रदर्शन के दबाव को लेकर अपनी जान दे दी थी। इस साल खुदकुशी की ये दूसरी घटना है। इससे पहले 24 जनवरी 2024 को नीट के एक छात्र ने परीक्षा के डर से खुदकुशी कर ली थी।
शिक्षा मंत्रालय ने नए दिशा-निर्देश जारी किए थे
कोटा में लगातार छात्रों के खुदकुशी के बाद शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस दिशा निर्देश में 16 साल से कम उम्र के छात्रों का अब कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं देने और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे न करने की हिदायत भी दी गई है। कोचिंग सेंटर नियमो में पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार रुपये, दूसरी बार 1 लाख रुपये और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन केंसिल करने के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
नीट और जेईई मेन्स जैसी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों की बड़ी संख्या कोटा में रहते हैं। कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार की नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद ज्यादातर 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोचिंग सेंटर्स में दाखिला देने से मना करने पर खुश नहीं थे।
आत्महत्या के मामलों में कमी नहीं आ रही
कोटा पूरे देश में इंजीनियरिंग और नीट की परीक्षा की तैयारी के लिए प्रसिद्ध है। यहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स हर वर्ष तैयारी के लिए आते हैं। हालांकि, जब कुछ छात्रों का सेलेक्शन नहीं होता है या फिर एग्जाम के डर से वे दबाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। पिछले कुछ वर्षों से सरकार की तरफ से विभिन्न तरह के कदम उठाएं जा रहे हैं, बावजूद इसके आत्महत्या के मामलों में कमी नहीं आ रही है।
इससे पहले मुरादाबाद के रहने वाले छात्र मोहम्मद जैद ने भी आत्महत्या कर ली थी। जैद की उम्र 17 या 18 साल थी। जैद एक हॉस्टल में रहता था और कोटा में NEET कोचिंग में दाखिला लेकर तैयारी करता था। उसका शव उसके कमरे में लटका हुआ पाया गया था। आपको बता दें कि कोटा इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए जाना जाता है। यहां रहकर तैयारी करने वाले 29 छात्रों ने 2023 में आत्महत्या कर ली थी।
आखिर कब रुकेंगे सुइसाइड?
अब सबसे बड़ा सवाल कि आखिर कोटा में होने वाले सुइसाइड कब रुकेंगे? क्या ऐसे ही बच्चे-बच्चियां पढ़ाई के प्रेशर में आत्महत्या करते रहेंगे? इन बच्चों को सही रास्ता दिखाने की जगह सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप लिखने वाले गिद्धों संभल जाओ। एक राष्ट्र के तौर पर हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। इन बच्चों पर मानसिक दबाव को कम करना होगा। इन बच्चों को हमें सही रास्ता दिखाना होगा। जिंदगी की रेस आईआईटी ही नहीं है कई और रास्ते हैं। अगर यहां सफलता मिली तो ठीक नहीं तो किसी दूसरी मंजिल के लिए निकल लेंगे। हां, मां-बाप भी आईआईटी की सफलता को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल न बनाएं। आखिरकर आपका बच्चा या बच्ची आपके लिए जरूरी हैं।
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