Sudha Murthy transformed 10k to 8k Cr business: डॉ. सुधा मूर्ति के बारे में शायद ही आज के समय कोई ना जनता हो
हम यहाँ आज एक ऐसी भारतीय इंजीनियर महिला के बारे में बात कर रहे है जिन्होंने बड़ी सादगी भरा जीवन जीते हुए सफलता की बुलंदियों को छुआ और बन गई करोडो महिलाओ के लिए एक मिशाल उन्होंने अपने पति का भी सहयोग किया और एक बड़ी सॉफ्टवेयर कम्पनी इन्फोसिस फाउंडेशन का भी निर्माण किया।साथ ही साथ उन्हने अपने बच्चो की भी परवरिश और परिवार की जिम्मेदारिया भी करि पूरी , जिस के लिए उन्होंने कुछ समय के लिए अपने करियर से ब्रेक भी लिया।
कैसे हुई सुधा जी की शिक्षा
सुधा मूर्ति जी कई सारे पहलुओं में आगे हैं वे एक इंजीनियर है ,उन्होंने इंजीनियर उस समय पूरी की जब महिलाओं के लिए इंजीनियरिंग में करियर बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था पर उन्होंने इंजीनियरिंग में पहला स्थान हासिल किया और उन्हें रजत पदक से कर्नाटक के मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित किया गया वे इंजीनियरिंग काँलेज में दाखिला लेनी अकेली महिला थी।उसके बाद उन्होंने 1974 में उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में मास्टर की डिग्री हासिल करि। उस समय महिला हो कर इतना बड़ा मुकाम हासिल करना कोई आम बात नहीं थी। उन्हें एक शिक्षिका तथा लेखिका के रूप में भी जाना जाता है उन्होंने बच्चो के लिए कई सारी किताबे भी लिखी है। सुधा जी एक सोशल वर्कर भी हैं उन्होंने समाज के उथान के लिए कई सारे काम किये हैं और कई लोगो को उनके जीवन में सही राह दिखाई।
सुधा मूर्ति जी की शादी
10 फ़रवरी 1978 को उन्होंने नारायण मूर्ति से शादी करी, उस समय उनके आर्थिक हालत कुछ खास अच्छे नहीं थे परन्तु उनके पति नारायण मूर्ति अपना बिज़नेस करना चाहते थे पर उनके पास पैसे नहीं थे अतः सुधा जी ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जमा पूंजी में से लगभग 10 हज़ार रूपये नारायण मूर्ति जी को दिए और नारायण मूर्ति जी ने उन्ही पैसे से इन्फोसिस फाउंडेशन की शुरुआत करि। आज इन्फोसिस फाउंडेशन दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनीयो में से एक बन चुकी हैं और हजारो -लाखो लोगो को रोजगार दे रही है। आज के समय में इन्फोसिस फाउंडेशन की नेट वर्थ लगभग 8 लाख करोड़ हैं।
कैसे हुई इन्फोसिस फाउंडेशन की शुरुआत
नारायण मूर्ति जी ने इन्फोसिस फाउंडेशन की शुरुआत का फैसला उस समय लिया जब भारत आईटी सेक्टर में अपने शुरुआती चरणों में था और उन्होंने अपने घर से ही करि थी इन्फोसिस की शुरुआत ,उस समय उनकी पत्नी सुधा मूर्ति जी उनको आर्थिक सहयोग देने के लिए Walchand group of Industries में सीनियर सिस्टम एनालिस्ट के तौर पर काम करती थीं इसके साथ ही उन्होंने इंफोसिस में भी अलग भूमिकाएं निभाईं और कंपनी को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग दिया।
इंफोसिस लिमिटेड एक इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सर्विसेज कंपनी है और ये कम्पनी देश-विदेश में आईटी फील्ड के लिए जानी जाती है।भले ही सुधा जी ने इन्फोसिस फाउंडेशन तो स्थापित करने में अपना पूरा सहयोग दिया हो परन्तु कभी खुद उन्होंने उस कंपनी में काम नहीं किया क्युकी उनके पति नारायण मूर्ति जी चाहते थे इस कंपनी में दोनों में से कोई एक ही काम करे अतः सुधा जी ने अपने पति को ही आगे किया और कंपनी की पूरी बागडोर उनके पति नारायण मूर्ति के ही हाथो में रही और उन्होंने कंपनी कम्पनी को बुलंदियों पर पहुंचाया,और अपनी मेहनत का लोहा मनवाया।
सुधा मूर्ति और नारायण मूर्ति जी की कहानी हम सब को प्रेरित करने वाली हैं सुधा जी की कहानी हमे सिखाती है कैसे हम सादगी से जीवन जीते हुए तथा निरंतर संघर्षो से लड़ते हुए अपने जीवन को सफल बना सकते है तथा लाखो लोगो के लिए एक मिशाल कायम कर सकते हैं।
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