Exam preparation – पाठ के आधार पर समय बांट दें, ब्रेक का भी ध्यान रखें
Exam preparation: काम कोई भी हो अगर उसे एक सही क्रम और तर्कसंगत तरीक़े से करना हो तो आपको एक सही रणनीति बनानी होती है। अपना परीक्षा परिणाम बेहतर करने के लिए भी आपको रणनीति बनानी होगी। इस रणनीति में आपको शामिल करना होगा सभी विषयों के लिए उचित समय का निर्धारण। सबसे पहले बचे हुए समय के अनुसार सभी विषयों को समय बांट दें। हालांकि एक बात का ध्यान रखें कि जो विषय आपको सबसे कठिन लगता है उसकी शुरुआत सबसे पहले करें। इससे बाद में जल्दबाज़ी के चक्कर में वह अधूरा नहीं छूटेगा। इसी तरह फिर पाठ के आधार पर समय बांट दें और हां, ब्रेक का भी इसमें ध्यान रखें।
नियमित रूप से अध्ययन करें
लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अध्ययन करें। इसके बाद आपको तैयारी करनी होगी विषय को याद करने की। इसके लिए हम शुरू से शुरू करेंगे ताकि कोई बुनियादी जानकारी बाद के पाठों में परेशान ना करे। अब किसी भी पाठ से संबंधित जानकारी को याद करने से पहले आपको उसे विस्तार में पढ़ना होगा। इसके लिए पहले पाठ को पढ़ें और जो भी शब्द समझ में ना आएं उनका अर्थ जानने की कोशिश करें। इस तरह किए गए अध्ययन से आपको पता चल जाएगा कि पाठ के अंदर क्या सामग्री है। यह उत्तर को बेहतर तरीक़े से तैयार करने में मददगार होगा।
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खुद प्रश्न गढ़ने की कोशिश करें
अब पाठ को आपने पढ़ लिया होगा पर परखेंगे कैसे कि याद हुआ? बहुत साधारण बात है- उसके प्रश्न तैयार करके। हो सकता है कि कुछ प्रश्न आपको पाठ के अंत में ही मिल जाएं। पर अगर ऐसा ना हो तो पहले ख़ुद प्रश्न गढ़ने की कोशिश करें। इसके अलावा पुराने प्रश्न पत्रों को भी देख सकते हैं या फिर चाहें तो किसी बड़े या फिर अपने सीनियर की मदद लेकर विषय संबंधी प्रश्न तैयार कर सकते हैं। अक्सर हम प्रश्नों को रटने की कोशिश करते हैं जिस कारण उन्हें सही तरह से लिख ही नहीं पाते। इसलिए किसी भी प्रश्न का उत्तर किताबी रूप में ना लिखकर अपने शब्दों में लिखने की कोशिश करें। इससे होगा ये कि जब आप उसे समझकर अपनी भाषा में लिखने की कोशिश करेंगे तो एक-एक शब्द का अर्थ निकालेंगे यानी हर चीज़ पर बारीकी से ध्यान देंगे। फलस्वरूप, उत्तर लिखने के इस तरीक़े से आप आप ना सिर्फ़ बहुत अच्छी तरह से उस प्रश्न के उत्तर को याद कर लेंगे बल्कि उसी उत्तर को आप आसानी से प्रश्न के किसी भी फॉर्मेट यानी दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय या फिर अति लघु उत्तरीय स्वरूप में भी आसानी से लिख भी पाएंगे।
लिखने की समय सीमा का आकलन
लिखकर याद किया है तो लिखने की समयसीमा का भी आकलन हो जाएगा। प्रश्नों के उत्तर लिखने के बाद उनका मूल्यांकन करें। सबसे पहले लिखे गए प्रश्नों के उत्तरों को मूल उत्तरों से मिलाएं और अंतरों को चिह्नित करें। जहां आपने ग़लत लिखा हो उसे हाइलाइट कर दें ताकि ध्यान से उसे याद किया जाए। समयसीमा के अंदर लिखे गए प्रश्नों की लिखावट देखें कि क्या ये लेखन अच्छे अंक पाने में मदद करेगा। एक और सबसे ज़रूरी बात जो आपको देखनी है वो है शब्दों या व्याकरण से संबंधित ग़लतियां क्योंकि ये छोटी-छोटी ग़लतियां ही आपके सबसे ज़्यादा नंबर कटवाती हैं।
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योजना के बिंदु लिखें
इस क्रम से आपकी तैयारी का एक अध्याय पूरा हो जाएगा। लेकिन कितने अध्याय आप ख़त्म करते जा रहे हैं ये जानना भी तो ज़रूरी है ना। इसलिए एक चार्ट पेपर पर अपनी बनाई गई योजना के बिंदु लिखें और हर पाठ या फिर विषय को ख़त्म करने के बाद उस पर निशान लगा दें, ताकि उस चार्ट को देखकर ही आप तैयारी की प्रगति जान पाएं और निश्चिंत हो पाएं। अध्ययन करते समय केवल पाठ्यपुस्तकों पर ही निर्भर न रहें। ख़ुद के नोट्स, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र, ऑनलाइन संसाधन और मार्गदर्शक पुस्तकों का उपयोग करें। यूं विभिन्न स्रोतों से अध्ययन करने से आप प्रत्येक विषय को गहनता से समझ पाएंगे।
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