Term Insurance – कम उम्र में प्लान खरीदना फायदे का सौदा
Term Insurance: टर्म इंश्योरेंस यानी सावधि बीमा को बेहतर बीमा उत्पाद कहा जा सकता है। ये अन्य परंपरागत इंश्योरेंस के मुक़ाबले सस्ता होता है। आमतौर पर 18 वर्ष की आयु से 60-65 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक इंश्योरेंस लेने की सलाह दी जाती है। कुछ कंपनियां इससे अधिक आयु तक के लिए भी बीमा सुझा सकती हैं, लेकिन ऐसी स्थिति में प्रीमियम की रकम बढ़ जाती है। इसलिए अगर युवा हैं तो 35-40 वर्ष तक के लिए सावधि बीमा ख़रीद सकते हैं। लेकिन अगर आयु 50 के आसपास है, तो 10-15 वर्ष का बीमा लेना उचित रहेगा। विगत लगभग ढाई दशक में लोगों की आय में वृद्धि के साथ-साथ जीवन-स्तर में काफ़ी सुधार हुआ है। फलस्वरूप, जीवन यापन की लागत भी बढ़ी है। अधिकांश युवा दंपति स्वयं की शिक्षा से लेकर मकान और कार के लोन ईएमआई के ज़रिए चुका रहे हैं। ऐसे में आपके न रहने पर परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े व उसका जीवन-स्तर सही बना रहे, इसी के उपाय के तौर पर सावधि बीमा मदद करता है। टर्म इंश्योरेंस में लाइफ इंश्योरेंस की तरह मैच्योरिटी रिटर्न नहीं मिलता है।
इनकम के आधार पर इंश्योरेंस कवर तय करें
अपने इनकम बेस को समझिए और उसके आधार पर इंश्योरेंस कवर तय कीजिए। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि टर्म इंश्योरेंस प्लान इनकम का 10-15 गुना होना चाहिए। टर्म इंश्योरेंस को आप जितनी जल्दी खरीदेंगे, उतने फायदे में रहेंगे। कम उम्र में आप सस्ते प्रीमियम पर इंश्योरेंस को लॉक कर पाएंगे। आमदनी के सोर्स, लोन और देनदारियां, पारिवारिक जिम्मेदारियां, लाइफस्टाइल, फाइनेंशियल गोल्स आदि का आकलन करने के बाद ही टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदें। टर्म इंश्योरेंस प्लान को खरीदते समय उसकी शर्तों को अच्छे से पढ़ लें। ये देख लें कि किन वजहों से हुई मृत्यु को पॉलिसी में कवर किया जाएगा क्योंकि टर्म इंश्योरेंस में हर तरह की मृत्यु कवर नहीं होती। क्लेम का पैसा तभी मिलता है, जब पॉलिसीधारक की मृत्यु टर्म प्लान के तहत कवर होने वाली वजहों के चलते हुई हो।
टर्म इंश्योरेंस का प्लान ऑनलाइन खरीदना ज्यादा बेहतर है। इसमें आपको इंटरमीडियरी को कमीशन नहीं देना होता। प्रीमियम सस्ता होता है। आप खुद सारी डीटेल्स भरते हैं, इसके कारण गलती की गुंजाइश कम होती है। बीमा एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जितनी कम उम्र में टर्म प्लान लिया जाए, उतना ही सही है। इससे फायदा ये होता है कि उम्र के हिसाब से आपको सस्ते में प्लान मिल जाता है और Term Insurance Plan खरीदने के बाद इस पॉलिसी के खत्म होने तक प्रीमियम में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता है। इसके अलावा टर्म इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स भी उन आवेदकों को आसानी से और कम प्रीमियम पर पॉलिसी ऑफर करते हैं, जो कम उम्र के या फिर पूरी तरह से स्वस्थ होते हैं। मान लीजिए आपकी उम्र 30 साल है, तो फिर आप 8 से 10 हजार रुपये सालाना प्रीमियम पर एक करोड़ रुपये तक का टर्म प्लान खरीद सकते हैं।
Read more: Gold Mutual Fund: सोने का एक डिजिटल फॉर्म गोल्ड म्यूचुअल फंड
पॉलिसी में नॉमिनेशन जरूरी
टर्म इंश्योरेंस खरीदते समय ध्यान रखें कि प्रीमियम बचाने के चक्कर में छोटी अवधि का प्लान न लें। आमतौर पर आप टर्म प्लान 5, 10, 10, 30 या 40 वर्ष की अवधि तक के लिए ले सकते हैं। टर्म पॉलिसी खरीदते समय उससे कोई भी जानकारी न छुपाएं। इसके अलावा पॉलिसी में नॉमिनेशन जरूरी है, जो सुनिश्चित करता है कि आपके बाद उसी को पैसा मिले जो नॉमिनी है। कुछ लोग प्लान खरीदते समय अपनी मेडिकल हिस्ट्री छुपाते हैं। इस डर से कि कहीं उनकी पॉलिसी में रुकावट न आए या ज्यादा प्रीमियन न देना पड़े। ऐसा गलत होगा और क्लेम के समय दिक्कत आएगी। टर्म प्लान लेते समय अपनी आंख-कान खुले रखें। जिस कंपनी से प्लान खरीदें उसके बारे में ठीक उसी तरह से जांच पड़ताल कर लें, जैसे कि हम कोई भी महंगा सामान या प्रॉपर्टी खरीदने से पहले करते हैं। आमतौर पर टर्म प्लान चुनते समय लोग प्रीमियम को मानक बनाकर सेलेक्शन करते हैं, प्रीमियम को मानक बनाने के बजाय अपनी सालाना आमदनी के करीब 10 गुना तक का प्लान लेना चाहिए।
क्लेम सेटलमेंट अनुपात जांचें
बीमा कंपनियों के प्रीमियम में काफी अंतर पाया जाता है। इसलिए प्रीमियम की तुलना आवश्यक है। यह जानकारी ऑनलाइन जांच सकते हैं। पिछले 3 वर्षों में बीमा कंपनी का क्लेम सेटलमेंट अनुपात जांचें। आमतौर पर 95% से अधिक क्लेम सेटलमेंट अनुपात को स्वीकार्य माना जाता है। आजकल अनेक सरकारी और निजी बीमा कंपनियां बाज़ार में हैं। बीमा कंपनी का चुनाव करते समय उनके प्रमोटर ग्रुप के बीमा क्षेत्र में अनुभव और साख आदि की जानकारी हासिल कर लें ताकि बाद में कोई समस्या ना हो। इंश्योरेंस की रकम आय या ख़र्च के हिसाब से अनुमानित कर सकते हैं। इसके अलावा इसे लक्ष्य के आधार पर भी तय किया जा सकता है।
Read more: Financial help-Health Insurance: फाइनेंशियल मदद और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने हेल्थ इंश्योरेंस मददगार
बीमा राशि की गणना
यदि आपकी उम्र 18-35 वर्ष है तो अपनी वार्षिक आय के 20 गुना तक बीमा की राशि चुन सकते हैं वहीं 35-55 वर्ष वाले आय का 15 गुना और उससे अधिक उम्र वाले 10 गुना राशि का बीमा ख़रीद सकते हैं। बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखकर वार्षिक ख़र्च की राशि में 5-7% तक मुद्रास्फीति जोड़कर बीमा राशि की गणना कर सकते हैं। बीमे की राशि की गणना करते समय अपनी देनदारियों को जोड़ें और सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि (पेंशन) और स्वयं के निवेश को घटा दें। सावधि बीमा ख़रीदते समय कई अतिरिक्त बीमा लाभ भी ऑफर किए जाते हैं, जिन्हें ‘राइडर’ कहा जाता है।
इसमें दुर्घटना के कारण होने वाली मृत्यु, असाध्य बीमारियों का इलाज, दुर्घटना आदि के कारण धनार्जन में सक्षम न रहने पर क़िस्तों की माफ़ी आदि भी शामिल होता है। इसलिए इन्हें जांचें। हालांकि जोखिम के आधार पर इसकी प्रीमियम राशि कम या अधिक हो सकती है जिसे आवश्यकतानुसार चुन सकते हैं। टर्म बीमा ऑनलाइन और ऑफलाइन (कंपनी शाखा और अभिकर्ताओं के माध्यम से) उपलब्ध रहते हैं। अगर आपको पॉलिसी के गुण-लाभ के विषय में पर्याप्त जानकारी है, तो ऑनलाइन ख़रीदकर प्रीमियम में छूट का लाभ ले सकते हैं। पर अगर जानकारी नहीं है तो एजेंट के माध्यम से ही बीमे का चुनाव करें।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025