Financial help-Health Insurance – पॉलिसी धारक को हर साल देना होता है प्रीमियम
Financial help-Health Insurance: हेल्थ इंश्योरेंस किसी व्यक्ति और इंश्योरेंस कंपनी के बीच होने वाला एक एग्रीमेंट है। इसमें इंश्योरेंस कंपनी दुर्घटना, बीमारी या चोट लगने पर आपके मेडिकल खर्चे उठाती है। इसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने का खर्च, दवाओं का बिल, डॉक्टर की कंसल्टेशन फीस, एम्बुलेंस चार्ज जैसी चीजें कवर की जाती हैं। इसके लिए पॉलिसी धारक को एक तय समय तक हर साल इंश्योरेंस कंपनी को प्रीमियम देना होता है। बीमारियों का बढ़ता खर्च किसी को भी परेशान कर सकता है। इसलिए आपको सही हेल्थ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए। इसके कई फायदे हैं। आज के दौर में अधिकांश लोगों की लाइफस्टाइल खराब हो रही है। देर रात तक जागना, बढ़ता स्क्रीन टाइम और अनहेल्दी खान-पान का सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है। एक समय था, जब डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा और हार्ट डिजीज जैसी लाइफस्टाइल डिजीज को उम्र से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन अब युवाओं में ही इस तरह की गंभीर बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इन हेल्थ कंडीशंस में फाइनेंशियल मदद देने और बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में हेल्थ इंश्योरेंस बेहद मददगार है।
दवाओं के खर्च के साथ मिलती हैं सुविधाएं
मेडिकल टेक्नोलॉजी में हर रोज बदलाव हो रहे हैं। इससे इलाज महंगा होता जा रहा है, जिसका बोझ भी मरीजों पर ही पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर कुछ साल पहले एक नॉर्मल सर्जरी के लिए आपको 2 लाख रुपए खर्च करने पड़ते थे तो वहीं आज उसके लिए 5 लाख रुपए तक का खर्च आ सकता है। इसी तरह टेस्ट, डॉक्टर फीस, बेड का चार्ज जैसे खर्च भी लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है, जो इन खर्चों को कवर कर सकता है।
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बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ
हर कोई अच्छे हॉस्पिटल में बेहतर इलाज कराना चाहता है, लेकिन पैसों के अभाव में कई बार इससे समझौता करना पड़ता है। लोग अपनी जेब के हिसाब से वैकल्पिक इलाज के तरीके ढूंढने लगते हैं। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस आपको बड़े हॉस्पिटल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का काम करता है। हेल्थ इंश्योरेंस मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति के दौरान आपके तनाव को कम कर सकता है। उदाहरण के लिए अगर किसी को अचानक हार्ट अटैक आता है और उसे इमरजेंसी में बाईपास सर्जरी की जरूरत है, जो कि काफी महंगी सर्जरी है। अधिकांश मामलों में डॉक्टर तब तक इलाज शुरू नहीं करते, जब तक आप हॉस्पिटल में पेमेंट जमा न कर दें। ऐसे समय में एकमुश्त लाखों रुपए इकट्टा करना किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए मुश्किल हो सकता है। हालांकि अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस है तो आप मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट करा सकते हैं, जहां उसका तुरंत इलाज शुरू हो सकता है।
बेसिक बातों पर दें ध्यान
हेल्थ इंश्योरेंस लेना बेहद आसान है। आप घर बैठे अपनी जरूरत के मुताबिक ऑनलाइन पॉलिसी चुन सकते हैं। हालांकि हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कई बातों का ख्याल रखना जरूरी है। कई बार लोग अनजाने में गलतियां कर देते हैं, जिससे हेल्थ इंश्योरेंस होने के बाद भी उनका क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट न हो, उसके लिए क्या करना चाहिए? जवाब- हेल्थ इंश्योरेंस कई कारणों से रिजेक्ट हो सकता है। हालांकि कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखकर हम इससे बच सकते हैं।
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नियम और शर्तों को देखें
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय अपने स्वास्थ्य से जुड़ी सही जानकारी दें। किसी भी तरह की मेडिकल हिस्ट्री न छिपाएं। जैसे कि अगर आप स्मोकर हैं या ड्रिंक करते हैं तो यह जानकारी छिपाएं नहीं। वरना जरूरत पड़ने पर आपका क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा। अगर इंश्योरेंस लेते समय किसी को पहले से कोई बीमारी या हेल्थ कंडीशन है या कोई स्मोकर और ड्रिंकर है तो इंश्योरेंस कंपनी यह मानती है कि उस व्यक्ति के बीमार होने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में इंश्योरेंस का प्रीमियम भी ज्यादा होता है। इसलिए कंपनी से किसी भी तरह की जरूरी जानकारी छिपाएं नहीं। किसी भी अस्पताल में भर्ती होने पर तुरंत अपने हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइडर को सूचना दें। अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को समय पर रिन्यू कराते रहें।
आपकी उम्र और मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति
मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस, दोनों ही इमरजेंसी की स्थिति में फाइनेंशियल सिक्योरिटी देते हैं। इसलिए अक्सर लोगों को लगता है कि मेडिक्लेम और हेल्थ इंश्योरेंस दोनों एक ही हैं, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। दोनों के बीच कुछ बेसिक अंतर हैं। फाइनेंशियल एक्सपर्ट राजशेखर बताते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी उम्र और मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर होता है। इसलिए जितनी कम उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाए, उतना ही अच्छा है। इससे आप कम प्रीमियम में लंबा इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ता जाता है, जिससे प्रीमियम भी बढ़ता जाता है।
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