Budget 2024-25: गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता
Budget 2024-25: हाल ही में केंद्र सरकार ने संसद में अंतरिम बजट पेश किया है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ये अंतरिम बजट पेश किया, अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह अंतरिम बजट है, इस बजट में सीतारमण ने 4 जातियों जैसे गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, इसके अलावा बजट में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश पर जोर दिया गया है तो निवेश तथा राजकोषीय घाटे के बीच संतुलन भी है, आधुनिक टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव को स्वीकार करते हुए इनोवेशन पर फोकस है तो ग्रामीण विकास का भी ध्यान रखा गया है। पर्यटन जैसे क्षेत्र में राज्यों को साथ लेने की कोशिश की गई है, इसलिए विशेषज्ञ इसे ‘विकसित भारत’ की दिशा में कदम बढ़ाने वाला बजट मानते हैं।
2 करोड़ और नए घर बनाने का लक्ष्य
4 जातियों में से सबसे पहले करते हैं गरीबों की बात, तो जान लें कि अंतरिम बजट में “गरीबों के लिए सरकार ने गांव और शहरों में 4 करोड़ से अधिक घर बनाए हैं अब हमने 2 करोड़ और नए घर बनाने का लक्ष्य रखा है, पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारे कार्य किए गए हैं, पीएम आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 70% से अधिक घरों की मालकिन महिलाएं हैं।
मुद्रा योजना के अंतर्गत महिलाओं को 30 करोड़ रुपये से अधिक ऋण दिए गए हैं, करीब एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, अब सरकार का लक्ष्य तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का है, इस योजना से महिलाओं के जीवन में बदलाव और आत्मनिर्भरता आई है। सरकार सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण पर भी ध्यान देगी, मातृ और शिशु देखरेख की योजनाओं को व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत लागू किया जाएगा, 9-14 साल की लड़कियों के टीकाकरण पर ध्यान दिया जाएगा।
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किसानों की बात करें तो 4 करोड़ किसानों को पीएम फसल बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है, पीएम किसान योजना से 11.8 करोड़ लोगों को आर्थिक मदद मिली है, आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने पर भी काम किया है, 3000 नए आईटीआई खोले गए हैं, 54 लाख युवाओं को कौशल योजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है, एशियाई खेलों में भारत के युवाओं को कामयाबी मिली है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.11 लाख करोड़ का प्रावधान
बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के 9.5 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की जगह 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, 3.85 लाख करोड़ रुपये की ग्रांट समेत पूंजीगत व्यय की कुल राशि 14.96 लाख करोड़ रुपये है, वर्ष 2023-24 के संशोधित अनुमान में यह 12.71 लाख करोड़ है। बजट में 3 प्रमुख रेल कॉरिडोर बनाने की घोषणा है- पोर्ट कनेक्टिविटी कॉरिडोर, एनर्जी, मिनरल, सीमेंट और हाई ट्रैफिक डेन्सिटी कॉरिडोर।
विशेष आर्थिक कॉरिडोर बनाने से मौजूदा लाइनों पर भीड़ कम होगी, खासकर पूर्वी राज्यों में, सामान की ढुलाई तेज होगी और लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने में भी मदद मिलेगी, जो अभी जीडीपी का 12% है, अमेरिका और जर्मनी में यह 8% तथा जापान में 9% है,। लागत कम होने से पड़ोसी देशों की तुलना में हमारे मैन्युफैक्चरर्स की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ेगी।
ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस
अंतरिम बजट में ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस फिर बढ़ाया गया है, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के लिए सीधे बजटीय प्रावधानों से मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो हाल के महीनों में कम हुई है, 4 प्रमुख योजनाओं मनरेगा, पीएम आवास योजना ग्रामीण, पीएम ग्राम सड़क योजना तथा पीएम किसान योजना के लिए बजटीय प्रावधान 13.2% बढ़ाया गया है, इससे पहले दो वर्षों के दौरान इसमें लगभग 10% की कमी की गई थी।
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टेक्नोलॉजी के विकास के लिए एक लाख करोड़
बजट में टेक्नोलॉजी के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाया जाएगा, जिससे 50 साल तक का ब्याज मुक्त या बहुत कम ब्याज पर कर्ज दिया जाएगा, इससे उभरते सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, विशेषज्ञों के अनुसार, चुनावी साल में भी इस बात का ध्यान रखा गया है कि राजकोषीय घाटा अधिक न हो, केंद्र ने वर्ष 2024-25 में पूंजीगत खर्च के लिए राज्यों को 1.3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज देने का प्रावधान किया है, इससे पिछड़े राज्यों को भी आगे बढ़ने में मदद मिलेगी, अगर चुनिंदा राज्यों के बजाय सभी राज्य योगदान करें तो भारत के विकास की गति काफी तेज होगी और यह जल्दी विकसित राष्ट्र भी बन सकता है।