Finance Champion : छोटी-छोटी प्लानिंग ला सकती हैं बड़ी उपलब्धियां
Finance Champion – चाहे आप पहले से ही अपने पैसे को व्यवस्थित तरीके से संभाल रहे हों या अब इसे गंभीरता से लेना शुरू कर रहे हों, एक सही चेकलिस्ट आपको व्यवस्थित और सटीक तरीके से खत्म करने में मदद कर सकती है। याद रखें, छोटी-छोटी प्लानिंग आने वाले समय में बड़ी उपलब्धियां ला सकती है। अपने म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स और अन्य निवेशों को देखें। क्या वे आपकी उम्मीदों पर खरे उतरे? अगर आपका मिड-कैप म्यूचुअल फंड उम्मीद से ज्यादा अच्छा कर रहा है, तो हो सकता है कि आप उसका कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेशों में डालना चाहें। अगर इक्विटी निवेश ने बुलिश मार्केट में ज्यादा ग्रोथ कर ली है, तो इसका कुछ हिस्सा डेट फंड्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, या अन्य स्थिर विकल्पों में लगाएं। टैक्स प्लानिंग को आखिरी वक्त यानी मार्च तक टालना तनाव बढ़ा सकता है। इसकी शुरुआत करने से आपके पास बेहतर विकल्प होंगे।
सेक्शन 80C का पूरा फायदा उठाएं
पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, या एनएससी जैसे लोकप्रिय विकल्पों में निवेश करें। अगर आप अपने ईपीएफ में पहले ही योगदान कर चुके हैं, तो हिसाब लगाएं कि रु1.5 लाख की सीमा तक पहुंचने के लिए और कितना निवेश करना है।
सेक्शन 80D न भूलें: हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर रु25,000 (व्यक्ति के लिए) और रु50,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) की कटौती मिलती है।
एनपीएस में योगदान करें: नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश से अतिरिक्त रु50,000 की कटौती का लाभ मिलेगा।
एडवांस टैक्स समय पर भरें: अगर आपकी आय वेतन के अलावा फ्रीलांसिंग, साइड हसल, या किराए से हो रही है, तो 15 दिसंबर की डेडलाइन से पहले एडवांस टैक्स भरें।
क्रेडिट कार्ड कर्ज पर ध्यान दें
हाई-इंटरेस्ट लोन, जैसे क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, आपकी वित्तीय स्थिति पर भारी पड़ सकते हैं। इन्हें समय रहते निपटाना बेहद जरूरी है। क्रेडिट कार्ड पर 36% तक का सालाना ब्याज हो सकता है। बोनस या एक्स्ट्रा इनकम का उपयोग करके इसे जितना हो सके उतना चुका दें। भारतीय बैंकों में आंशिक प्रीपेमेंट पर कोई पेनल्टी नहीं होती। इससे कुल ब्याज का भार कम हो जाता है। साल के अंत में मिलने वाले बोनस या अतिरिक्त इनकम को खर्च करने के बजाय इसे सही तरीके से निवेश करें।
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दीर्घकालिक निवेश करें
पीपीएफ, म्यूचुअल फंड्स, या अन्य लॉन्ग-टर्म विकल्पों में बोनस का एक हिस्सा लगाएं। अगर आपने इस साल अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल किया है, तो इसे फिर से भरें। अपने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में थोड़ा-सा इजाफा करें। जीवन में बदलाव के साथ आपकी बीमा जरूरतें भी बदलती हैं। साल का अंत सही समय है अपनी बीमा पॉलिसी की समीक्षा का।
हेल्थ इंश्योरेंस चेक करें
मेडिकल खर्चों में बढ़ोतरी को देखते हुए अपनी पॉलिसी को अपग्रेड करें। जरूरत पड़ने पर सुपर टॉप-अप प्लान जोड़ें। शादी, बच्चों का जन्म, या घर खरीदने जैसे बड़े बदलाव होने पर अपनी टर्म इंश्योरेंस की कवरेज को दोबारा जांचें। अपनी बीमा पॉलिसी में नामांकित व्यक्ति को चेक और अपडेट करें। जीवन में बदलाव के साथ आपकी बीमा जरूरतें भी बदलती हैं। साल का अंत सही समय है अपनी बीमा पॉलिसी की समीक्षा का। अगर दो साल में रु5 लाख का डाउन पेमेंट देना है, तो हर महीने रु20,000 बचाना होगा। इसे ऑटोमेट करें ताकि बचत में निरंतरता बनी रहे। टैक्स सेविंग निवेशों की शुरुआत अप्रैल से ही कर दें।
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इमरजेंसी फंड मजबूत करें
इमरजेंसी फंड एक वित्तीय सुरक्षा कवच है। इसे सुरक्षित और पूरी तरह से उपलब्ध रखना जरूरी है। अगर आपने इस साल अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल किया है, तो उसे फिर से भरें। अपने फंड को ऐसे विकल्पों में रखें जहां से इसे तुरंत निकाला जा सके, जैसे लिक्विड म्यूचुअल फंड्स। यह वित्तीय योजना बनाने का सबसे अच्छा समय है, क्योंकि यह केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है बल्कि आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ रास्ता भी तैयार करता है।
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