RBI Repo Rate : लोगों के पास EMI या अवधि घटाने का विकल्प
RBI Repo Rate – भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% कर दिया। केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद कैनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी अपनी रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (आरएलएलआर) को 0.25% घटा दिया। इन बैंकों से होम लोन लेने वालों के पास यह विकल्प होगा कि वे अपनी ईएमआई को घटाएं व अवधि को अपरिवर्तित रखें या शेष अवधि को घटाएं व ईएमआई की राशि अपरिवर्तित रखें। अभी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी जैसे बैंकों ने ब्याजदर नहीं घटाई है। रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट वह ब्याज दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को पैसे उधार देते हैं, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित रेपो दर पर आधारित होती है।
फ्लोटिंग रेट को पसंद करते हैं लोग
अक्टूबर 2019 में आरबीआई द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार बैंकों को अपने खुदरा ऋणों को बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स से जोड़ने का निर्देश दिया गया था। इसके परिणामस्वरूप रेपो दर अब अधिकांश बैंकों के लिए बेंचमार्क बन गई है। यदि ग्राहक आरएलएलआर से जुड़ा होम लोन चुनता है तो उसकी ब्याज दरें रेपो दर में होने वाले परिवर्तनों के अनुसार बदलेंगी। होम लोन लेने वाले अधिकांश लोगा फ्लोटिंग रेट को पसंद करते हैं, इसलिए उनके ऋण आरएलएलआर से जुड़े होते हैं। आरएलएलआर में कटौती का प्रभाव पुराने और नए होम लोन लेने वालों पर अलग-अलग होगा। इन बैंकों में से अधिकांश ने नया ऋण लेने वालों को तुरंत कटौती का लाभ दिया है। हालांकि पुराने लोन लेने वालों को यह लाभ उनके संबंधित ब्याज दर के रीसेट चक्र के अनुसार मिलेगा।
पुराने खातों के लिए 3 साल पूरा करना जरूरी
कैनरा बैंक ने अपनी ब्याज दर को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है। ध्यान रहे कि यह दर केवल उन नए खातों पर लागू होगी, जो बाद में खोले जाएंगे। पुराने खातों के लिए 3 साल पूरा करना जरूरी होगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के विभिन्न ऋणों पर ब्याज दर 8.90% होगी। बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो आधारित लेंडिंग रेट को 9.35% से घटाकर 9.10% कर दिया है, जो 7 फरवरी से प्रभावी है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने ब्याज को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है, जो 11 फरवरी से प्रभावी है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को 25 आधार अंकों से घटाकर 9.35% से 9.10% कर दिया है। पंजाब नेशनल बैंक ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को 9.25% से घटाकर 9.00% कर दिया है, जो 10 फरवरी से प्रभावी है।
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रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट
रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। यह सीधे आरबीआई की रेपो रेट से जुड़ी होती है, जो ग्राहक आरएलएलआर से जुड़े होम लोन का विकल्प लेते हैं, उनकी ब्याज दर आरबीआई की रेपो रेट में बदलाव के हिसाब से घटती या बढ़ती है। होम लोन में ज्यादातर ग्राहक फ्लोटिंग रेट का विकल्प चुनते हैं, जो आरएलएलआर से जुड़े होती है। आरएलएलआर में कटौती के बाद बैंक ग्राहकों को मासिक किस्त घटाने या फिर कर्ज की अवधि कम कराने का विकल्प देते हैं।
अगर आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह आपके लिए अच्छा मौका हो सकता है क्योंकि ब्याज दरों में कटौती के बाद आपको उतने ही लोन के लिए कम किस्त देनी पड़ेगी। इसके अलावा बैंक अक्सर नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए और बेहतर शर्तों के साथ ऋण की पेशकश करते हैं। आरएलएलआर में कटौती का असर पुराने और नए ग्राहकों पर अलग-अलग होता है। नया होम लोन लेने वालों को ब्याज दरों में कटौती का लाभ फौरन मिल जाएगा लेकिन पुराने ग्राहकों को इसका फायदा तभी मिलेगा जब उनकी ब्याज दर संशोधित करने का फैसला बैंक का बोर्ड करेगा। आम तौर पर बैंक तीन महीने या छह महीने में एक बार ऐसा करते हैं।