Vitamin B3: शरीर में इसकी अधिकता से खुजली, फ्लशिंग, और लिवर भी डैमेज
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि शरीर में विटामिन बी3 या नियासिन की अधिकता भी हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होती है। यह हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकती है। विटामिन बी3 या नियासिन का ज्यादा सेवन धमनियों में सूजन को बढ़ाकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे में इजाफा कर सकता है। विटामिन बी3 या नियासिन शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी पूरी करता है, लेकिन अमेरिका के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए एक अध्ययन में देखने को मिला है, कि डाइट में इसकी ओवरडोज लेने से दिल से जुड़े बीमारियां और उससे होने वाले जोखिम उठाने पड़ सकते हैं। शरीर में इसकी अधिकता से खुजली, फ्लशिंग, और लिवर भी डैमेज हो सकता है।
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1,100 से अधिक लोगों को शामिल स्टडी में
स्टडी में 1,100 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। शोधकर्ताओं में पाया कि शरीर में इस विटामिन की अधिकता से 2पीवाय और 4पीवाय नामक दो अणु पैदा होते हैं। शोध बताता है कि इन दोनों अणुओं का स्तर जितना अधिक होता है, दिल की बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है। स्टडी के नतीजे बताते हैं कि विटामिन बी3 या नियासिन हार्ट हेल्थ के लिए एक नया खतरा बन सकता है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि क्यों कोलेस्ट्रॉल कम करने के बावजूद नियासिन से उतना फायदा नहीं मिलता जितना की उम्मीद की जाती थी। इससे यह पता चलता है कि ज्यादा मात्रा में नियासिन के कुछ नुकसान भी होते हैं।
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दो रूप होते हैं विटामिन बी3 के
विटामिन बी3 पानी में घुलनशील विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स का हिस्सा होता है, जो शरीर में डीएनए रिपेयर, मेटाबॉलिज्म, एनर्जी और हार्मोन के सिंथेसिस में बड़ा पोल प्ले करता है। इसके दो रूप होते हैं, पहला निकोटिनिक एसिड और दूसरा निकोटिनामाइड। ये दोनों ही शरीर में कोएंजाइम निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड और निकोटिनामाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड फॉस्फेट में बदल जाते हैं। जब यह शरीर में ज्यादा बनने लगे या इसकी ओवरडोज हो जाए, तो ऐसे में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। यह चिकन ब्रेस्ट, टूना, हरी मटर, मशरूम, मूंगफली, मेवे और कई तरह की बीजों में पाया जाता है। इसके साथ ही बॉडी खुद भी अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन से विटामिन बी3 का निर्माण करती है, लेकिन ये शरीर की जरूरतों के मुताबिक काफी नहीं होता है।
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32,457 लोगों की मौत हो गई थी 2022 में
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में दिल का दौरा पड़ने से 32,457 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2021 में हार्ट अटैक के आने से 28,413 लोगों की मौत हो गई थी। अकेले 2022 में अचानक से मौत होने में हार्ट अटैक काफी गंभीर बना है। 2020 में 28,579 लोगों की मौत हुई लेकिन 2021 में ये संख्या कम हुई और 28,413 पहुंच गई लेकिन 2022 में एक बार फिर इसमें इजाफा हुआ और संख्या बढ़कर 32,457 हो गई।
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