Jammu Kashmir News – हिंदू से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट
Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार बनाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है। लोकसभा चुनाव में कश्मीर रीजन की किसी सीट पर उम्मीदवार न उतारने वाली भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बड़ा सियासी दांव चला है। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है। पार्टी ने पहले चरण की 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था, जिसमें आधी से ज्यादा सीटों पर मुस्लिम समुदाय को टिकट दिया है। भाजपा ने मुस्लिमों पर भरोसा जताकर ‘घाटी’ में कमल खिलाने का प्लान बनाया है। देखना है कि भाजपा की रणनीति चुनाव में कितनी कारगर साबित होती है। भाजपा ने पहले चरण की कुल 24 विधानसभा सीटों में से 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है और 8 सीट पर अभी टिकट का ऐलान नहीं किया है। पार्टी ने 29 प्रत्याशियों की दूसरी सूची में भी 6 मुस्लिमों को मौका दिया है। भाजपा ने सीट के सियासी समीकरण को देखते हुए उम्मीदवारों पर दांव खेला है। यही वजह है कि पहली लिस्ट में हिंदू से ज्यादा मुस्लिम समुदाय के उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
50 फीसदी से भी ज्यादा मुसलमानों पर भरोसा
भाजपा ने पहले चरण की 15 सीटों में से 8 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिया है। इस तरह 50 फीसदी से भी ज्यादा मुस्लिमों पर भरोसा जताया है। इसमें पांपोर से इंजीनियर सैयद शौकत गयूर, राजपोरा से अर्शीद भट्ट, शोपियां से जावेद अहमद कादरी, अनंतनाग पश्चिम से मो। रफीक वानी, अनंतनाग से एडवोकेट सैयद वजाहत, श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, इंदरवल से तारिक कीन और बनिहाल से सलीम भट्ट को प्रत्याशी बनाया है।
Read more: Haryana Assembly: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कौन मारेगा बाजी ?
7 हिंदू प्रत्याशियों को मौका
वहीं, भाजपा ने सात हिंदू समुदाय के प्रत्याशी उतारे हैं, जिसमें एक कश्मीरी पंडित शामिल है। किश्तवाड़ से शगुन परिहार, डोडा से गजय सिंह राणा, शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ, पाडेर नागसेनी सीट से सुनील शर्मा, भदरवाह से दिलीप सिंह परिहार, रामबन से राकेश ठाकुर और डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार को प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ को टिकट दिया है, जो कश्मीरी पंडित हैं। साथ ही कश्मीरी पंडितों में सुनील शर्मा पर भी भरोसा जताया है। इसके अलावा पांच सीट पर ठाकुर समुदाय से आने वाले नेताओं को टिकट दिया है, जिसमें तीन परिहार है।
मुस्लिम पर दांव खेलने का समीकरण
जम्मू-कश्मीर में भाजपा ने ऐसे ही मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव नहीं खेला है बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत उतारा है। पार्टी का सियासी आधार जम्मू रीजन क्षेत्र में है, इसीलिए पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जम्मू रीजन की दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। कश्मीर रीजन में मुस्लिम वोटों के सियासी प्रभाव को देखते हुए भाजपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। कश्मीर पंचायत चुनाव में भी मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों पर दांव खेला था, जिसमें कुछ हद तक कामयाब रही। इसीलिए विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम पर भरोसा जताया है।
जम्मू की तुलना में कश्मीर में ज्यादा समर्थन नहीं
भाजपा को परंपरागत रूप से जम्मू रीजन की तुलना में कश्मीर रीजन में बहुत ज्यादा समर्थन हासिल नहीं है, लेकिन राजनीति के जानकार लोगों का कहना है कि हाल के सालों में भाजपा का कैडर यहां बढ़ा है। भाजपा ने सबसे अच्छा प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर में साल 2014 के विधानसभा चुनावों में किया था। तब वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। उस समय भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। भाजपा ने कुल 87 में से जम्मू की 25 सीटों पर जीत हासिल की थी।
Read more: BJP-JMM Fight: झामुमो और भाजपा आमने सामने, शिवराज बोले- डर गए हैं हेमंत सोरेन
कश्मीर के रीजन में हिंदू वोटों का प्रभाव बहुत नहीं
भाजपा का राज्य में सियासी आधार जम्मू वाले क्षेत्र में ही रहा है, लेकिन कश्मीर के रीजन में हिंदू वोटों का प्रभाव बहुत नहीं है। मुस्लिम वोटर ही यहां पर निर्णायक भूमिका में है। धारा 370 के हटने के बाद हुए परिसीमन में जम्मू को छह अतिरिक्त सीटें हासिल हुईं, जबकि कश्मीर की सिर्फ एक ही सीट बढ़ी है। इस तरह जम्मू क्षेत्र की सीटें अब 37 से बढ़कर 43 हो गई है तो कश्मीर क्षेत्र की 46 सीटों से बढ़कर 47 रह गई हैं। इस तरह से अब बहुत ज्यादा अंतर नहीं है।
चुनाव में भाजपा ने इन मुद्दों को बनाया आधार
– भाजपा को उम्मीद है कि जम्मू क्षेत्र की 43 में से 35 से 37 सीटें वह जीत सकती है, लेकिन कश्मीर रीजन वाली 47 सीटों में से 10 से 12 सीटें जीतने का प्लान बनाया है।
– कश्मीर की अवाम खासकर मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए नेशनल कॉफ्रेंस ने और अपनी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 370 के लिए संघर्ष करने और राज्य का दर्जा बहाली को शामिल किया है।
– पीडीपी पहले से ही 370 के खिलाफ रही है। इसके चलते ही भाजपा ने कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाके में मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर बड़ा सियासी दांव चला है।
- Content Marketing : भारत में तेजी से बढ़ रहा है कंटेंट मार्केटिंग का क्रेज - January 22, 2025
- Black Magic Hathras: ‘काले जादू’ के नाम पर 9 वर्ष के बच्चे की बलि - January 18, 2025
- Digital Marketing: आपके व्यवसाय की सफलता की कुंजी ‘डिजिटल मार्केटिंग’ - January 18, 2025