Jharkhand Assembly Elections 2024- झारखंड में JDU 11 विस सीटों पर लड़ेंगी चुनाव
Jharkhand Assembly Elections 2024: नीतीश कैबिनेट में मंत्री और जेडीयू नेता श्रवण कुमार के अनुसार जेडीयू झारखंड की 11 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव लड़ेगी। 2019 में पार्टी ने 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि उनमें कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया था। श्रवण कुमार का कहना है कि जेडीयू सिर्फ झाल बजाने की भूमिका में नहीं रहना चाहता। उसका अपना अलग अस्तित्व है। इसलिए इस बार भी जेडीयू के उम्मीदवार ताल ठोकेंगे। पिछली बार से इस बार में फर्क यही होगा कि जेडीयू एनडीए में रह कर ही चुनाव लड़ेगा। इसके लिए बातचीत चल रही है।
बिहार में भाजपा के साथ जेडीयू सरकार चला रही है तो केंद्र में भाजपा को जेडीयू ने समर्थन दिया है। इसलिए झारखंड में भी जेडीयू एनडीए फोल्डर में ही रह कर चुनाव लड़ेगा। माना यह भी जा रहा है कि नीतीश कुमार ने झारखंड चुनाव में ‘जय-वीरू’ की जोड़ी उतारने का फैसला कर लिया है। एक तरह से जदयू ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए सबसे बड़ा दांव खेल दिया है।
खोई जमीन हासिल करना चाहता है JDU
झारखंड जेडीयू की जमीन भी रही है। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद जेडीयू के झारखंड में कभी पांच विधायक होते थे। जेडीयू विधायक जलेश्वर महतो तो झारखंड सरकार में मंत्री भी रहे। बाद में झारखंड से जेडीयू की जमीन खिसक गई। यही वजह है कि जेडीयू अब अपना विस्तार करते हुए फिर से झारखंड में भाग्य आजमाना चाहता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार जिस कुर्मी बिरादरी से आते हैं, उसकी खासा आबादी भी झारखंड में है। अभी तक उस बिरादरी के एकमात्र नेता आजसू नेता सुदेश महतो ही झारखंड में हैं।
हालांकि अब एक और कुर्मी नेता झारखंडी भाषा खतियान समिति (जेबीकेएसएस) के जयराम महतो तेजी से राजनीति में उभर रहे हैं। जेडीयू को उम्मीद है कि लंबे समय से बिहार का सीएम रहते नीतीश की एक अलग पहचान है। इसलिए बिरादरी के वोटों को अपने पाले में करने में जेडीयू को कोई खास परेशानी नहीं होगी। दूसरे कि एनडीए में रह कर चुनाव लड़ने से भाजपा और आजसू का साथ भी आसानी से मिल जाएगा। शून्य पर सिमटे जेडीयू को इससे यकीनन संजीवनी मिल जाएगी।
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रास सांसद महतो के हाथ में हैं कमान
जेडीयू ने झारखंड में संगठन की कमान खीरू महतो को सौंपी है। झारखंड में अपनी जमीन तैयार करने के लिए ही नीतीश ने खीरू को बिहार के कोटे से राज्यसभा भेजा था। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में खीरू महतो के बूते ही जेडीयू ने 40 उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि तब एनडीए से अलग होकर जेडीयू ने चुनाव लड़ा था। शायद यही वजह रही कि एक दूसरे के वोट उसे ट्रांसफर नहीं हुए और जेडीयू को एक भी सीट नहीं मिल पाई थी।
विधायक सरयू का BJM बनेगा साथी
जेडीयू ने निर्दलीय सांसद बीजेएम के साथ तालमेल किया है। सरयू राय मूल रूप से भाजपा नेता हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया तो वे तत्कालीन सीएम रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय चुनाव लड़े और उन्हें हरा कर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। उसके बाद वर्ष 2021 में सरयू राय ने भारतीय जनतंत्र मोर्चा नामक पार्टी बनाई। वे नीतीश के पुराने मित्र हैं।
हाल के दिनों में वे नीतीश से मिलते रहे हैं और जेडीयू से तालमेल कर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि सब कुछ ठीक रहा तो वे अपनी पार्टी बीजेएम का विलय जेडीयू में कर देंगे। सरयू राय के साथ आने से झारखंड में जेडीयू मजबूत हो जाएगा और उसे कुछ सीटों पर कामयाबी जरूर मिलेगी।
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