Karnataka Violence – घटना के बाद 52 लोगों को गिरफ्तार
Karnataka Violence: कर्नाटक के माडंया जिले के नागमंगला कस्बे में गणेश मूर्ति विसर्जन शोभायात्रा के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ के कई दुकानों और वाहनों को निशाने से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस घटना के बाद 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और ऐहतियात के तौर पर कस्बे में चार से अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगा दी गई थी। पथराव में दो पुलिसकर्मियों समेत कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं। स्थिति पर काबू पा लिया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। जब बदरिकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई।
दुकानों में तोड़फोड़ की गई
दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने बताया कि नागमंगला शहर में स्थिति अब सामान्य हो गई है। लोग अपने दैनिक कार्य कर रहे हैं। दुकानें खुली हैं।
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BJP-JDS का सरकार पर हमला
घटनाओं के बाद, विपक्षी दलों भाजपा और जद(एस) ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर। अशोक ने आरोप लगाया कि भगवान गणेश की शोभायात्रा पर हमला ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ का प्रत्यक्ष परिणाम है। अशोक ने आरोप लगाया कि शोभायात्रा पर पत्थर फेंके गए, तलवारें लहराई गईं और देसी बम फेंके गए। हम कर्नाटक में रह रहे हैं या तालिबान में? उन्होंने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति से उत्साहित होकर, मुसलमानों की हिंसक भीड़ ने नागमंगला में भगवान गणेश की शोभायात्रा पर बर्बरतापूर्वक हमला किया। केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री तथा जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच।डी। कुमारस्वामी ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की ‘विफलता’ का सबूत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ बंद नहीं करती है तो उसके लिए ‘बुरे दिन दूर नहीं हैं।’
उपद्रवियों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई – सिद्धरमैया
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि हिंसा उपद्रवियों का काम है, जिससे समाज की शांति व सौहार्द में खलल पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और धार्मिक आधार पर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और उकसावे में आए बिना संयम बरतें। गृह मंत्री जी। परमेश्वर ने कहा कि झड़पों को सांप्रदायिक हिंसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह घटना क्षणिक आक्रोश के कारण हुईं। मांड्या जिले के प्रभारी मंत्री एन। चेलुवरायस्वामी ने कहा कि हमारा नागमंगला शांति और सौहार्द का शहर है। हम यहां अशांति पैदा करने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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