National Disaster Management Authority: रास्ते का मानचित्र और आपातकालीन निकास मार्ग जरूरी
National Disaster Management Authority: हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। इसमें 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि इस हादसे में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। प्रदेश में हुई इस बड़ी घटना पर खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को घायलों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने और घटनास्थल पर राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया। आगरा के एडीजी और अलीगढ़ के कमिश्नर को घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
वहीं धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों, खेल,सामाजिक,राजनीतिक आयोजनों आदि सहित सामूहिक समारोहों के स्थानों पर बार-बार होने वाली भगदड़ आज एक बड़ी चिंता का विषय है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने अपने दिशानिर्देशों में बताया है कि पहला कदम पंडालों और कार्यकम स्थलों के मैदानों के आसपास के इलाकों में यातायात को नियंत्रित करना। पैदल चलने वालों के लिए, कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए रास्ते का मानचित्र और आपातकालीन निकास मार्ग महत्वपूर्ण बिंदुओं पर लगाए जाने चाहिए। बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कतार में लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए बैरिकेडिंग करना महत्वपूर्ण है।
सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए
आयोजकों को आवाजाही पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए और झपटमारी तथा अन्य छोटे-मोटे अपराधों के जोखिम को कम करने के लिए पुलिस की मौजूदगी भी रखनी चाहिए। एनडीएमए के मुताबिक, अनधिकृत पार्किंग और पैदल यात्रियों की जगह पर कब्जा करने वाले अस्थायी स्टॉल पर भी ध्यान देने की जरूरत है। चिकित्सा संबंधी आपातस्थितियां कार्यकम स्थलों पर हो सकती हैं। आपातकालीन स्थिति में एम्बुलेंस और स्वास्थ्य सेवा पेशेवर लोगों की जान बचा सकते हैं।
दिशानिर्देशों में बताया है कि मौज-मस्ती करने वालों के लिए, बाहर निकलने के रास्तों से खुद को परिचित करना, शांत रहना और निर्देशों का पालन करना भगदड़ जैसी स्थितियों को रोकने में मदद करेगा। एनडीएमए कहता है कि आयोजकों को बिजली, अग्नि सुरक्षा बुझाने वाले यंत्रों और सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य व्यवस्थाओं का अधिकृत उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। पड़ोस के अस्पतालों की सूची काम आएगी। हल्के, सूती कपड़े पहनना और आग बुझाने के लिए जमीन पर लोटने जैसी बुनियादी तरकीबों का ज्ञान जैसी सरल सावधानियां जरूरी हैं।
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भीड़ की दिशा में आगे बढ़ते रहें
अगर भगदड़ मच जाए, तो अपने हाथों को बॉक्सर की तरह रखकर अपनी छाती को सुरक्षित रखें और भीड़ की दिशा में आगे बढ़ते रहें। खुली जगहों के प्रति सतर्क रहें और जहां भी भीड़ कम हो, वहां बगल में जाएं। दीवारों, बैरिकेड्स या दरवाजों जैसी बाधाओं से दूर रहें। अपने पैरों पर खड़े रहें और अगर आप गिरते हैं तो जल्दी से उठ जाएं। अगर आप इस प्रक्रिया में घायल हो जाते हैं और उठ नहीं पाते हैं, तो अपने सिर को ढकने के लिए अपनी बाहों का इस्तेमाल करें और उलटी तरफ मुड़ जाएं ताकि आपका जोखिम कम हो।
पंडालों में अनियोजित और अनधिकृत बिजली के तार, खाने-पीने की दुकानों पर एलपीजी सिलेंडर और आग लगने का खतरा पैदा करते हैं। आसपास की घनी भीड़ को देखते हुए आग लगने की ये घटनाएं जानलेवा हो सकती हैं।
( भगदड़ की घटनाओं पर एक नजर )
- – 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी 2000 से 2013 तक देश में भगदड़ की घटनाओं में
- – 130 लोगों की मौत हो गई हाथरस घटना में 2 जुलाई 2024 को
- – 36 लोगों की मौत हो गई थी इंदौर शहर के मंदिर में 2023 को
– 12 लोगों की मौत हो गई थी माता वैष्णो देवी मंदिर में जनवरी 2022 में
( क्यों हाती है ऐसी घटनाएं )
- – 79% भगदड़ धार्मिक सभाओं और तीर्थ यात्राओं के कारण होती हैं भारत में
- – 5 से अधिक लोग नहीं होने चाहिए आमतौर पर प्रति वर्गमीटर में
- – 10 से अधिक लोग जुट जाते हैं प्रति वर्गमीटर में देश में धार्मिक आयोजनों में
- – 77 वर्ष बाद भी आपदा प्रबंधन को लेकर देश आज भी बहुत पीछे है।
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National Disaster Management Authority
( दुनिया में घटी भयावह भगदड़ की घटनाएं )
- – 151 लोगों की जान चली गई थी 2022 में दक्षिण कोरिया के सियोल में हैलोवीन समारोह भगदड़ में
- – 96 लोग मारे गए थे 1989 में ब्रिटेन में हिल्सबोरो स्टेडियम में शेफील्ड के
- – 1,426 तीर्थयात्री कुचलकर मर गए 1990 में मक्का के पास सऊदी अरब के अल-मुआइसिम सुरंग के अंदर
- 270 लोगों की मौत हो गई थी हज के दौरान 1994 में सऊदी अरब में
- 191 मुस्लिम यात्रियों की कुचलकर मौत हो गई थी 1998 में भी सऊदी अरब में
- – 126 लोग मारे गए थे 2001 में अफ्रीका में फुटबॉल घटनाओं में
- – 251 मुस्लिम तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी जमारात ब्रिज के पास 2004 में सऊदी अरब में
- – 125 लोगों की मौत हो गई थी 2022 में इंडोनेशिया के एक फुटबॉल स्टेडियम में
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