Samuhik Vivah Yojana 2024 – दो बच्चों की मां की भी शादी करवा कर दे दिए पैसे
Samuhik Vivah Yojana 2024: यूपी के सुल्तानपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस कार्यक्रम के तहत ऐसी महिलाओं की भी शादी करा दी गई, जो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां हैं। योजना का लाभ देने के नाम पर पैसों की बंदरबांट की गई। मामले के तूल पकड़ने के बाद डीएम ने ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया जबकि एडीओ पर कार्रवाई की संस्तुति कर जांच के आदेश दिए हैं। हैरानी की बात ये है कि सुल्तानपुर में ऐसे एक-दो नहीं कुल 34 मामले सामने आए हैं जहां 2-2 बच्चों की मांओं को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का लाभ दिया गया है। यह मामला बल्दीराय और कुड़वार ब्लॉक से जुड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक समाज कल्याण अधिकारी ने इसमें लापरवाही की है। उल्लेखनीय है कि सामूहिक विवाह योजना के तहत हर जोड़े को 51,000 रुपये मिलते हैं।
कराई गई थी फर्जी शादी
11 जुलाई को बल्दीराय विकास खंड में 81 और 12 जुलाई को कुड़वार ब्लॉक में 67 जोड़ों की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादियां कराई गईं। दोनों ही जगहों पर इस कार्यक्रम में सरकारी पैसे की बड़े स्तर पर बंदरबांट हुई। बल्दीराय के महुली गांव की सरिता और शांति आपस में ननद-भौजाई हैं। सरिता की शादी लगभग 8 वर्ष पहले राजू के साथ हुई, उसे 2 बेटे भी हैं। बड़ा बेटा 5 वर्ष का और छोटा लगभग 7 महीने का है। 12 जुलाई को कुड़वार में सरिता की शादी उसके अपने पति से ही करा दी गई। भगेलू नाम के शख्स की बेटी शांति की भी इसी दिन शादी कराई गई जबकि असल में 5 वर्ष पहले ही उमरा गांव में उसकी शादी हो चुकी है, और उसे एक साल का बेटा भी है। इसके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी शादी इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत कराई गई जबकि असल में वो पहले से शादीशुदा हैं और कई बच्चों की मां हैं।
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नहीं कराई गई किसी की जांच-पड़ताल
महुली ग्राम पंचायत में 11 और 12 जुलाई को 24 शादियां जबकि भखरी में 10 शादियां कराई गई थीं लेकिन वेबसाइट पर भखरी की 10 लाभार्थियों की सूची में भी महुली की 4-5 महिलाएं हैं। भखरी प्रधान प्रतिनिधि सूरज वैश्य और महुली प्रधान प्रतिनिधि शिव सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इसके सत्यापन में पहले सचिव हम लोगों से जानकारी लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
क्या हैं सामूहिक विवाह कार्यकम के नियम
नियम के अनुसार पोर्टल पर आए आवेदन को एडीओ (समाज कल्याण) खंड विकास अधिकारी को भेजते हैं, इसका सत्यापन बीडीओ ग्राम सचिव से करवाकर ऑनलाइन रिपोर्ट करते हैं लेकिन राहुल यादव का कहना है कि हमसे कोई सत्यापन नहीं कराया गया है। अब फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कुड़वार खंड विकास अधिकारी नीलिमा गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया गया है। जिला समाज कल्याण अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि बल्दीराय में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण का प्रभार संभाल रहे। अभिषेक गिरि के निलंबन के लिए डीएम के आदेश पर सीडीओ के माध्यम से शासन से संस्तुति की है।
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