Sheikh Hasina- प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किया खुलासा
Sheikh Hasina: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देशभर में छात्रों के हालिया विरोध प्रदर्शन के पीछे कई बड़ी ताकतें होने की बात कही है। हसीना ने प्रदर्शन में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनको आतंकी कहकर संबोधित किया। देश के विपक्षी दलों के अलावा बांग्लादेश की पीएम ने छात्रों के प्रदर्शन में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने देश में फैली अशांति के लिए सीधे तौर पर अमेरिका का नाम लिया। अवामी लीग के सदरुल अहमद खान ने भी अमेरिका की भूमिका को संदेह के घेरे में खड़ा किया है। देश में हिंसक प्रदर्शनों पर बात करते हुए हसीना ने कहा कि ये भी ध्यान देने की बात है कि शव अभी तक नहीं मिला है। अमेरिकी विदेश विभाग ने इसका दावा किया था। आखिर उन्हें शव की खबर किसने दी और फिर शव को फेंकने का आदेश किसने दिया लेकिन फिर शव गिरने लगे।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर पश्चिमी दबाव
Sheikh Hasinaने कहा कि उन्हें ऐसी स्थिति का अनुमान था। उन्होंने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बांग्लादेश के सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर बढ़ते पश्चिमी दबाव का संदर्भ दिया। बांग्लादेश में जनवरी में हुए चुनाव पर अमेरिका की आपत्तियों का संदर्भ दिया, चुनाव का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। हसीना ने कहा कि मुझे पता था कि चुनाव के बाद यह स्वीकार्य नहीं होगा। हम सरकार बना लेंगे तो इस तरह की चोट फिर से आएगी। दूसरी ओर अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में अपने बयान में बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की निंदा करते हुए हसीना सरकार से इंटरनेट कनेक्टिविटी को बहाल करने का आग्रह किया। अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक सचिव डोनाल्ड लू ने कहा था कि मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन के लिए हसीना सरकार के खिलाफ प्रतिबंध लगा सकता है।
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शासन परिवर्तन की संभावना पर विचार
बांग्लादेश की सत्ताधारी अवामी लीग में वित्त और योजना मामलों की उप-समिति के सदस्य, स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) सदरुल अहमद खान ने बताया कि बाइडन प्रशासन बांग्लादेश में शासन परिवर्तन की संभावना पर विचार कर सकता है। ढाका में अमेरिकी दूतावास 18 जुलाई को बंद रहने वाला एकमात्र विदेशी मिशन था, इसी दिन राजधानी शहर में महत्वपूर्ण हिंसा भड़क उठी थी। अवामी लीग के अधिकारी ने सवाल किया कि आखिर 18 तारीख को स्थिति के बारे में उनको कैसे पता था। खान ने ये भी कहा कि अमेरिकी दूतावास के फेसबुक पेज ने 18 जुलाई को प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही मृतक छात्र प्रदर्शनकारियों के लिए एक शोक संदेश पोस्ट किया। इसने आग में घी डालने का काम किया और जाहिर तौर पर छात्रों के बीच हिंसा को भड़काया। अमेरिकी दूतावास की ओर से ये बहुत ही संदिग्ध गतिविधियां हैं।
तोड़-फोड़ को देखकर आंसू निकल पड़े
बांग्लादेश की पीएम Sheikh Hasina गुरुवार को आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शन के बाद हुए नुकसान को देखने के लिए मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन का दौरा करने पहुंची। इस दौरान मेट्रो स्टेशन में हुई तोड़-फोड़ को देखकर शेख हसीना के आंसू निकल पड़े। Sheikh Hasina अपने आंसुओं को टिशू पेपर से पोछतें हुए नजर आईं। मेट्रो स्टेशन की हालत देखकर हसीना ने कहा कि आम लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई व्यवस्था के साथ कोई कैसे तोड़फोड़ कर सकता है। ऐसी कौन सी मानसिकता है जो उन्हें ऐसे काम कराती है। ढाका शहर जाम से परेशान रहता था। मेट्रो बनी तो लोगों को राहत मिली लेकिन अब इसे बर्बाद कर दिया गया। मैं इसे बर्दास्त नहीं कर सकती।
लोगों का गुस्सा फिर भड़का
उनकी इस बयान से लोगों का गुस्सा फिर भड़क गया। Sheikh Hasina की रोते हुए तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग शेख हसीना के आंसुओं को ‘घड़ियाली आंसू’ बता रहे हैं। लोगों ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने प्रदर्शन में मारे गए लोगों और उनके परिवार के लिए इतना दुख नहीं जताया, जितना वे मेट्रो स्टेशन में हुए नुकसान पर जता रही हैं। उन्होंने पूछा कि शेख हसीना ने छात्रों की मौत पर आंसू क्यों नहीं बहाए। दरअसल, बांग्लादेश में पिछले एक महीने से आरक्षण के विरोध में यूनिवर्सिटी छात्रों के द्वारा हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आगजनी और तोड़-फोड़ की थी। पुलिस के साथ हुई झड़प में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
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सबसे आधुनिक मेट्रो स्टेशन बर्बाद हुआ
मीरपुर-10 बांग्लादेश का सबसे व्यस्त और आधुनिक मेट्रो स्टेशन था। अब इसे बंद किया जा चुका है। प्रदर्शनकारियों ने मीरपुर-10 मेट्रो स्टेशन को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। इसमें मेट्रो की वेंडिंग मशीन और सिग्नल कंट्रोलिंग स्टेशन को नुकसान पहुंचा है। मेट्रो रेल के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रेन को दोबारा शुरू करने में कितने दिन लगेंगे, यह जानने में भी कम से कम दो हफ्ते लग जाएंगे। रेलवे पर सुरक्षा इंतजामों का पूरी टेस्टिंग होने के बाद ही पहले की तरह मेट्रो व्यवस्था शुरू होगी।
आरक्षण के विरोध में सड़क पर उतरे थे प्रदर्शनकारी
बांग्लादेश की सरकार ने 2018 में अलग-अलग कैटेगरी को मिलने वाला 56% आरक्षण खत्म कर दिया था, लेकिन इस साल 5 जून को वहां के हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को पलटते हुए दोबारा आरक्षण लागू कर दिया था। इसके बाद से ही बांग्लादेश में हिंसा का दौर शुरू हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। हालात बिगड़ने के बाद सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगाते हुए प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। हालात संभालने के लिए पुलिस की जगह सेना तैनात की गई थी।
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