World Hindi Day: 20 से अधिक देशों में बोली जाती हिंदी
विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। साल 2024 में विश्व हिंदी दिवस की थीम है- हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुध्दिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को जोड़ना। 10 जनवरी, 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में पहला विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। इस सम्मेलन में लगभग 30 देशों को 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। विश्व हिंदी दिवस को औपचारिक रूप से मनाने की घोषणा 2006 में हुई थी।
वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के अलावा हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए भी विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा भारतीय भाषा के रूप में हिंदी के उपयोग और प्रचार से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन इस बात पर भी जोर देता है कि हिंदी बोलने वालों के योगदान को महत्व देना कितना महत्वपूर्ण है।
यह भाषा के प्रति जुनून विकसित करने पर भी जोर देता है। दुनियाभर में हिंदी बोलने वालों की संख्या 61।5 करोड़ है। वर्ल्ड लैंग्वेज डाटा बेस के आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या 113 करोड़ से अधिक है। यह भाषा पहले पायदान पर है। वहीं, 112 करोड़ स्पीकर्स के साथ चीन की मंदारिन दूसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है और तीसरे पायदान पर हिंदी है।
2004 में हिंदी विकीपीडिया शुरुआत
1983 में हिंदी वर्ड प्रोसेसर अक्षर की शुरुआत तो हुई लेकिन ऑनलाइन सामग्री की उपलब्धता अभी भी दूर की बात बनी हुई थी। 1991 में देवनागरी व 8 अन्य भारतीय लिपियों में यूनिकोड टाइपिंग की शुरुआत हुई। सूचना क्रांति के युग में 1994 में ब्लॉगिंग की शुरुआत निर्णायक साबित हुई। नेट पर सामग्री अपलोड करना आमजन के लिए संभव हुआ। जिमी वेल्स और लैरी सिंगर ने अंग्रेजी विकिपीडिया शुरुआत की।
किसी एक प्लेटफार्म पर क्रमबद्ध सामग्री मिलने की शुरुआत हुई। 2004 में हिंदी विकीपीडिया शुरू हुआ। छिटपुट संख्या में हिंदी में ब्लॉग लिखे गए। उस समय हिंदी को इंटरनेट पर स्थापित करने का जैसा उत्साह संसार भर में दिखाई दिया, हालांकि वह सीमित था लेकिन था अभूतपूर्व। ब्लॉगवाणी जैसे ब्लॉग एग्रीगेटर्स ने इस बात का जिम्मा संभाला कि दुनिया भर में हिंदी में एक भी वाक्य अपलोड किया गया हो तो सार्वजनिक स्पेस पर हर किसी के लिए उपलब्ध हो। दिल्ली निवासी मैथिलीशरण गुप्त और उनके पुत्र सिरिल गुप्त ने इस में अग्रणी भूमिका निभाई।
हिंदी कीबोर्ड ने अकल्पनीय तेजी बढ़ाया
आरंभिक ब्लॉग्स कस्बा, मोहल्ला, कबाड़खाना, शब्दों का सफर ने इतनी वैविध्य पूर्ण सामग्री उपलब्ध कराई कि साल भर के अंदर इन ब्लॉग्स की संख्या हजार को पार कर चुकी थी। दो दशक बाद हिंदी ऑनलाइन लेखन से प्रभावित लोगों की संख्या 60 करोड़ से ऊपर हो गई। अंग्रेजी और चीन की मंदारिन भाषा के बाद हिंदी दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। दुनियाभर में कुल 60 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलते हैं।
अंग्रेजी के इस दौर में हिंदी की पूछ-परख कम नहीं हुई है। दुनिया की कई कंपनियां अपना बिजनेस बढ़ाने तक में हिंदी की मदद ले रही हैं। इसका ताजा उदाहरण ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन है। जिसने भारत में व्यापार बढ़ाने के लिए अपने प्रोडक्टस की जानकारी भी हिंदी भाषा में देनी शुरू की। स्मार्टफोन में समावेशित ध्वनि आधारित हिंदी कीबोर्ड ने इस चमत्कार को अकल्पनीय तेजी से बढ़ाया। हिंदी के बदलते परिदृश्य में बड़ी अर्थव्यवस्था और बड़े बाजार की भूमिका को नजरअंदाज करना सही नहीं होगा। हिंदी आज इंटरनेट पर एक बेहतरीन माध्यम के तौर पर स्थापित हो चुकी है।
176 यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई जाती है हिंदी
दुनिया में जितनी भी भाषाएं उसमें हिंदी सबसे स्पष्ट और सरल मानी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंदी को जैसा बोला जाता है, वैसा ही लिखा जाता है। व्याकरण से लेकर उच्चारण सब कुछ स्पष्ट है। इसलिए दूसरी भाषाओं के मुकाबले हिंदी को सीखना काफी हद सरल माना जाता है। हालांकि शब्दकोश के मामले में हिंदी दूसरी भाषाओं से कहीं से भी कम नहीं है। हिंदी को अपनाने के मामले में बिहार सबसे आगे रहा है। 1881 में बिहार ने उर्दू को हिंदी से रिप्लेस किया। इस तरह बिहार हिंदी को अपनाने वाला देश का पहला राज्य बना।
बिहार में हिंदी को राज्य की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया। इसके बाद देश के कई राज्यों ने इसे अपनी आधिकारिक भाषा बनाया। इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्य शामिल हैं। चौंकने वाली बात यह भी है कि हिंदी भारत में ही नहीं दुनिया के 20 से अधिक देशों में बोली जाती है। इनमें नेपाल, फिजी, UAE, युगांडा, मॉरिशस, त्रिनिनाद, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अमेरिका और जर्मनी समेत ऐसे कई देश हैं। हिंदी के बारे में एक दिलचस्प बात यह भी है कि दुनियाभर की 176 यूनिवर्सिटीज में यह भाषा पढ़ाई जा रही है। इसमें से 45 यूनिवर्सिटीज तो सिर्फ अमेरिका में ही हैं।
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