Healthy Diet: मिथकों के मकड़जाल से खुद को निकालें
खाने के मामले में सैकड़ों मिथ हमारे जीवन में अपनी जगह बना चुके हैं। हैरानी इस बात की कि सच जो है उसे कोई तवज्जो नहीं देता और जो झूठ है उसे ही अंतिम मान लिया जाता है। निश्चित रूप से यह बहुत बुरी बात है। इससे हम अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं। जरूरी यह है कि तमाम मिथकों से दूर होकर उनसे जुड़ी सच्चाई को जानें।
निगेटिव कैलोरी फूड्स
यह थ्योरी आम है कि कुछ ऐसे खाद्य उत्पाद भी हैं जिनमें इतनी कम कैलोरी है कि उन्हें पहचानने की प्रक्रिया में उनमें शामिल कैलोरी से भी ज्यादा कैलोरी खर्च हो जाती है। डायबिटिक एजुकेटरों के मुताबिक फ्री फूड की अवधारणा ऐसे खाने से जुड़ी है जिसमें इतनी कम कैलोरी होती है कि उन्हें जितना जी चाहे खाया जा सकता है। फ्री फूड को आम भाषा में निगेटिव कैलोरी फूड्स भी कहा जाता है। यानी ऐसा खाना जो बुनियादी रूप में पानी आधारित होता है।
इनमें घुलने वाला न्यूट्रिएंट और फाइबर होता है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही हैं, आहार विशेषज्ञों के अनुसार, निगेटिव कैलोरी जैसी कोई चीज नहीं होती। अजवाइन या खीरे जैसी कम कैलोरी वाली कुछ खाद्य वस्तुओं को निगेटिव कैलोरी फूड्स माना जाता है लेकिन यह कुछ और नहीं बल्कि सिर्फ हमारी गलतफहमी है। ज्यादातर फलों और सब्जियों में फाइबर खूब होता है। वे धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज करते हैं और ऊर्जा की सतत आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं।
आमतौर पर डाइजेस्टिव प्रक्रिया में ली जाने वाली कैलोरी में से सिर्फ 10 फीसदी का इस्तेमाल होता है। तथाकथित निगेटिव कैलोरी या फ्री फूड्स के साथ यह करीब 20-30 फीसदी तक चली जाती है।
प्रोटीन पर नजर रखना जरूरी है
प्रोटीन मसल्स बनाने में इस्तेमाल होने वाला ईंधन है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘अमीनो एसिड प्रोटीन का अहम हिस्सा है। मसल्स की ग्रोथ और रिकवरी के लिए इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं सच्चाई पर विशेषज्ञों ने प्रकाश डाला, उनके मुताबिक अतिरिक्त प्रोटीन न केवल आपके शरीर में कैलोरी बढ़ाने का काम करता है बल्कि हड्डियों से कैल्शियम भी कम करता है। इसलिए इस बात पर नजर रखना जरूरी है कि आप कितनी मात्रा में प्रोटीन ले रहे हैं। शरीर मजबूत बनाने और मसल्स तैयार करने के लिए नेशनल स्ट्रेंथ एंड कंडिशनिंग एसोसिएशन शरीर के वजन के हर एक किलोग्राम पर 1.5-2 ग्राम प्रोटीन लेने की सलाह देता है। मतलब यह कि अगर आपका वजन 60 किलो है तो आप 120 ग्राम प्रोटीन लीजिए, उससे ज्यादा नहीं।
सूरज ढलने से पहले भोजन
यह बात इस बहु प्रचलित सिद्धांत पर आधारित है कि अपने भोजन या खानपान का ज्यादातर हिस्सा सूरज ढलने से पहले ले लेना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक हमारे शरीर को भोजन पचाने, उसे सोखने और वेस्ट अलग करने में कम से कम 10-12 घंटे का वक्त लगता है। लेकिन सच्चाई ये है कि हमारे शरीर में एनर्जी एक ही तरह से काम करती है, भले वक्त कोई भी हो। आपका शरीर कैलोरी किस तरह इस्तेमाल करता है, इसके लिए दिन अकेला जिम्मेदार नहीं होता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप सेहतमंद वजन रखना चाहते हैं तो दिनभर में ली जाने वाली कैलोरी का हिसाब रखना सीखिए तभी फायदा महसूस किया जा सकता है। अगर आपको कम कैलोरी काबू में रखनी है तो ली जाने वाली कैलोरी और बर्न की जाने वाली कैलोरी के बीच संतुलन बनाना सीखिए। कामकाजी प्रोफेशनल्स के लिए नाश्ता, लंच और डिनर के अलावा 3-4 हल्का जलपान सही है।
चीनी ऊर्जा देती है
ये मिथक प्रचलित है कि चीनी आपको ऊर्जा देती है। यदि आपको दोपहर या फिर खेल खेलने से पहले ऊर्जा बढ़ाने की जरूरत है तो एक कैंडी बार खाइए। लेकिन सच्चाई ये है कि चॉकलेट, कैंडी और केक जैसी खाद्य सामग्री में चीनी की सामान्य मात्रा पाई जाती है जो यकीनन आपके खून में शर्करा बदलाव ला देगी और फिर इसके जरीए आपके शरीर की प्रणाली में जल्द ही ऊर्जा के संचार का एहसास होगा। लेकिन बाद में ब्लड शुगर में बहुत तेजी से गिरावट आती है और फिर आपको ऐसा महसूस होगा कि ऊर्जा के स्तर में भी कमी आ गई है।
ज्यादा खानावजन बढ़ाए
हम में से ज्यादातर लोगों को लगता है कि अगर हम ज्यादा खाना खाएंगे तो, हमारा वजन बढ़ जाएगा। इस चक्कर में हम लोग सही से खाना नहीं खाते और इससे हमारे शरीर में स्वस्थ पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। विशेषज्ञों की मानें तो, ये एक मिथक है। हम ज्यादा खाना खाने से मोटे नहीं होते बल्कि गलत समय पर, गलत चीज खाने और गलत मात्रा में खाने से मोटापे के शिकार हो जाते हैं। इसलिए सही समय पर और स्वस्थ मात्रा में भोजन करें। बार-बार छोटे-छोटे भोजन करें जो संतुलित होते हैं। इससे मेटाबोलिज्म तेज होता है जिससे आप जो भी और जितना भी खाएंगे, सब पचा ले जाएंगे। तो, मोटापे के डर से खाना खाना ना छोड़ें।
बच्चे बार-बार खाते हैं…
यह एक गलत धारणा है कि अगर बच्चे बार-बार खाते हैं, तो यह उनकी वृद्धि और विकास को तेज करेगा। हालांकि, नियत दिनचर्या और समय पर खाने की आदत, भूख लगने पर भोजन करना, स्वस्थ नाश्ता और संतुलित आहार किसी भी बच्चे की स्वस्थ विकास के लिए महत्वपूर्ण है। बार-बार नाश्ता करना और भोजन करना बच्चे में मोटापा, डायबिटीज आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके अलावा, तीन बार अच्छी तरह से भोजन और प्रति दिन स्वस्थ नाश्ता आपके बच्चे के लिए सही आहार है।
बिना विचारे खाने बढ़ता है तनाव
बिना किसी विचार के खाने से आपका तनाव बढ़ता है क्योंकि उस दौरान आप अनावश्यक कैलोरी ले रहे होते हैं। ऐसा समय, भावनाएं चुनिए जब आपको खाना खाने में आनंद आता हो। एक बार ऐसे समय को चिह्न्ति कर लिया, फिर उसके बाद तनाव से निपटने के दूसरे कारणों को तलाशिए। ध्यान रखिए स्वास्थ्य बेहतर रखने के लिए जरूरी है कि कैलोरी की निश्चित मात्र ली जाए। जब आप बाहर खाते हैं, तो आपको पसंदीदा खाने को मंगाने के लिए विशेष अनुरोध करना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर वहां आप फ्रेंच फ्राई के स्थान पर बेक आलू, मेडू बड़ा के स्थान पर स्टीम इडली, पूड़ी के स्थान पर रोटी, मक्खन के स्थान पर कम फैट वाला पनीर मंगा सकते हैं। यह आपकी कैलोरी की संख्या को नियंत्रित रख सकता है।
आपको रोज खाना चाहिए। खाना छोड़ना आपके लिए कारगर नहीं हो सकता। जब शरीर को रोज का पोषण नहीं मिलेगा, तो इससे आपके मेटाबॉल्जिम में कमी आएगी। इसके बजाए अगले दिन आप हल्का खाना खा सकते हैं। अचानक तेजी से भूख लगने के समय यह निश्चित है कि आप जरूरत से ज्यादा खाना खाएंगे। जब तेजी से भूख लगती है ऐसे में जैसा भी आपको मिलता है आप सरपट कर जाते हैं। इस दौरान आप फल, कटी सब्जियां, सैंडविच आदि खा सकते हैं। लेकिन इस बात के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हो जाए कि उस दौरान वह आपको आसानी से उपलब्ध हो सकें।
- Rupinder Kaur, Organic Farming: फार्मिंग में लाखों कमा रही पंजाब की महिला - March 7, 2025
- Umang Shridhar Designs: ग्रामीण महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर, 2500 महिलाओं को दी ट्रेनिंग - March 7, 2025
- Medha Tadpatrikar and Shirish Phadtare : इको फ्रेंडली स्टार्टअप से सालाना 2 करोड़ का बिजनेस - March 6, 2025