Hit and Run Law: किसान आंदोलन की तर्ज पर हो सकती थी ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल; जानिए ऐसा क्या है इस कानून में ?
Hit and Run Law: हाल ही में चर्चा में आये हिट एंड रन सम्बंधित नए कानून को लेकर ट्रक ड्राइवरों में रोष था। उन्होंने इस कानून के प्रति अपना विरोध दर्ज कराते हुए हड़ताल शुरू की थी। जिससे आम जनता का आवागमन अस्त व्यस्त होने लग गया। मीडिया सूत्रों की मानें तो इस संबंध में एक ख़ुफ़िया अलर्ट ने सरकार की नींद उड़ा दी थी।
ख़ुफ़िया अलर्ट में मिली जानकारी के अनुसार बस – ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल को किसान आंदोलन की तरह बड़ा रूप दिए जाने की कोशिश की जा रही थी। इसके पीछे कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के होने की बात सामने आयी थी। Hit and Run Law के खिलाफ हो रही हड़ताल उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न राज्यों में उग्र होती जा रही थी। वहीँ केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
जानिये क्या है ये कानून
देश में हिट एंड रन से सम्बंधित बनाये गए कानून को लेकर ट्रक और डम्पर ड्राइवरों ने विरोध जताने के लिए तीन दिवसीय हड़ताल की थी। आइये जानते हैं कि ये नया कानून है क्या ?
नए हिट-एंड-रन कानून का उद्देश्य दुर्घटना के बाद ड्राइवर को घटनास्थल से भागने से रोकना है। जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की यथासंभव मदद की जा सके और उसकी जान बचाई जा सके। जो कि कई बार इलाज के अभाव में जान गँवा देते हैं। इस कानून से लोगों में डर रहेगा और वो भागने की बजाए पीड़ित की सहायता करेंगे और पुलिस को समय पर सूचित करेंगे जिससे पीड़ित की जान बचाई जा सके।
नए कानून के अनुसार यदि कोई ड्राइवर गाडी चलाते वक्त कोई गंभीर दुर्घटना कर देता है या किसी को टक्कर मार देता है, और बिना पुलिस को सूचित किये वहां से भाग जाता है तो उसे इसके लिए दण्डित किया जाएगा। इस दंड के रूप में उसे 10 साल तक की जेल और 7 लाख रूपए तक का जुरमाना भरने का प्रावधान किया गया है। वहीँ यदि वो पीड़ित की मदद करता है तो सजा में नरमी बरती जाएगी।
इससे पहले भारतीय न्याय दंड संहिता में हिट एंड रन केस के लिए कोई अलग से प्रावधान नहीं था। ऐसे मामलों को IPC की धारा 304 A के तहत देखा जाता है। इसके अनुसार किसी की लापरवाही के चलते यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे अधिकतम दो वर्ष की जेल या जुर्माना हो सकता था।
विरोध प्रदर्शन और हड़ताल की ये है वजह
नए हिट एंड रन कानून को लेकर ट्रक और डम्पर ड्राइवर इसलिए विरोध कर रहे हैं क्यूंकि इसमें पहले के मुकाबले बहुत कड़े प्रावधान हैं। उनका कहना है कि दुर्घटना किसी की भी लापरवाही या गलती से हो लेकिन भुगतना उन्हें ही पड़ेगा। उनके लिए 7 लाख जुर्माना भरना और 10 साल की जेल बहुत अधिक है।
साथ ही उन्होंने आशंका जताई की यदि वो घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए आते भी हैं, तो भी क्या गारंटी है कि आस पास की जनता उन्हें छोड़ देगी। उन्हें दोनों ही तरफ से बहुत नुकसान है। यही वजह है कि ड्राइवर अब इस नए कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आये हैं और हड़ताल पर बैठ गए हैं। इसी बात का फायदा उठा कुछ राजनीतिक पार्टी के लोग आग में घी डालने का काम भी कर रहे हैं। जिसकी सूचना मिलते ही सरकार ने त्वरित प्रभाव से गृह मंत्रालय में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ ट्रासंपोर्ट संगठन के साथ बैठक की।
बैठक में बातचीत से निकला समाधान
नए हिट एंड रन कानून के विरोध के बाद सरकार और ट्रांसपोर्ट संगठन के प्रतिनिधियों की बातचीत हुई। जिसके बाद ट्रांसपोर्ट संगठन ने सरकार द्वारा नए कानून को अभी लागू नहीं करने का आश्वासन दिए जाने के बाद, सभी ट्रक ड्राइवरों को हड़ताल वापस लेने को कहा। उन्हने बताया की सरकार अभी इस कानून को लागू नहीं कर रही है। और आगे भी जब इसे लागू करना होगा तो पहले संगठन से बातचीत के बाद ही आगे कुछ निर्णय लिया जाएगा।
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