T20 World Cup 2024: सही मायने global हुआ, अब और मालामाल होगा
अब टी-20 क्रिकेट विश्व कप अमेरिका पहुंचा है तो यह निःसंदेह सही मायनों में ग्लोबल हुआ है और कॉमनवेल्थ खेल के रूप में इस पर जो ठप्पा लगा है उससे इसको मुक्ति मिलेगी। साथ ही क्रिकेट का आर्थिक साम्राज्य भी वैश्विक होगा क्योंकि साल 2023 में आईसीसी ने विश्व कप क्रिकेट के लिए जिन 20 प्रायोजकों के साथ भागीदारी की थी, उससे उसकी महज 15 करोड़ डॉलर की ही कमाई हुई थी जो कि रुपये में 1,250 करोड़ भर थी। एक बार यह अमेरिका पहुंच गया है तो इसका टर्नओवर भी अरबों डॉलर में हो जायेगा क्योंकि अमेरिका में छोटे-छोटे खेल का भी वार्षिक टर्नओवर कई सौ करोड़ डॉलर का है।
अगर बॉस्केटबॉल जैसे लोकप्रिय खेल की बात करें तो इसका सालाना टर्नओवर 10।58 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और अमेरिका की नेशनल बॉस्केटबॉल एसोसिएशन की 30 टीमों की कुल वैल्यू 61।05 बिलियन डॉलर ह, जो पूरी दुनिया के क्रिकेट साम्राज्य की वैल्यू से भी करीब 10 गुना है। क्रिकेट अमेरिका पहुंचा है तो यह भी अब मालामाल होगा। टी-20 वर्ल्ड कप क्रिकेट 2024 शुरू हो चुका है। आईसीसी के इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन इस साल 1 से 29 जून, 2024 तक वेस्टंइडीज और अमेरिका में हो रहा है। जिस अमेरिका में फुटबॉल, बॉस्केटबॉल और बेसबॉल की धूम रहती है, इस साल गर्मियों में उसी अमेरिका के न्यूयार्क और मैनहट्टन जैसे शहरों में ‘आउट है’ का शोर गूंज रहा है।
18वीं सदी में हुई थी क्रिकेट की शुरुआत
अमेरिका में क्रिकेट की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी यानी आधुनिक ओलंपिक के शुरू होने के भी 50 साल पहले। साल 1844 में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच न्यूजर्सी के एलिसिन फील्ड्स होबोकेन मैदान में पहला मैच खेला गया था लेकिन दुर्भाग्य से यह एकमात्र मैच बनकर रह गया क्योंकि बाद के दिनों में क्रिकेट की बजाय अमेरिका बेसबॉल के बुखार में डूब गया। 19वीं सदी के मध्य में भले क्रिकेट बीच-बीच में लोकप्रिय खेल बनने की कोशिश करता रहा हो लेकिन बेसबॉल ने इसे कभी उबरने ही नहीं दिया। अगर क्रिकेट के किसी आधुनिक मैच की बात करें तो अमेरिका ने 20 मार्च, 2019 को संयुक्त अरब अमीरात के साथ पहला टी-20 मैच खेला था। अब इस साल गर्मियों में न्यूयार्क से लेकर मैनहट्टन तक इसी क्रिकेट का बुखार छाया हुआ है।
9 जून को न्यूयार्क में खेला जायेगा भारत-पाकिस्तान मैच
भारत और पाकिस्तान के सभी मैच अमेरिका में हो रहे हैं। यह जानबूझकर बनायी गई योजना है क्योंकि बड़े पैमाने पर अमेरिका में बसे भारतीय और पाकिस्तानी इन मैचों को देखने के लिए मैदानों में टूट पड़े हैं। इससे जहां एक तरफ अमेरिका में क्रिकेट लोकप्रिय हो रहा वहीं दूसरी तरफ कारोबार में चतुर देश इन मैचों की दर्शकों से अच्छी खासी कीमत वसूलकर टूर्नामेंट को अगर लाभकारी न भी बना पाये तो अपने भारी भरकम नुकसान को बचा लेगा।
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अमेरिका में ही टी-20 वर्ल्ड कप 2024 का सबसे हाई बोल्टेज मैच भारत और पाकिस्तान के बीच 9 जून, 2024 को न्यूयार्क में खेला जायेगा। वैसे भारत अपने सभी ग्रुप स्टेज के मैच अमेरिका में ही खेलेगा। इस टी-20 वर्ल्ड कप में पहली बार 20 टीमें शामिल की गई हैं जिसका उद्देश्य क्रिकेट का भूमंडलीय विस्तार है। इसके पहले भी टी-20 वर्ल्ड कप को क्रिकेट की लोकप्रियता दर्शाने के लिए इसे एंबेसडर की तरह इस्तेमाल किया गया है और एकदिवसीय वर्ल्ड कप के विपरीत इसमें पहले भी 16-16 टीमें खेलती रही हैं। इस बार इसमें 20 टीमें हैं जो 29 दिनों के अंतराल में 55 मैच खेलेंगी। फाइनल मैच 29 जून को वेस्टंइडीज के बारबाडोज शहर में होगा। भारत अपने ग्रुप स्टेज के मैच पाकिस्तान, अमेरिका और कनाडा से खेलेगा।
34 हजार दर्शक क्षमता वाला स्टेडियम
न्यूयार्क में इस टूर्नामेंट के लिए खासतौर पर 34 हजार दर्शक क्षमता वाला एक स्टेडियम बनाया गया है जो अमेरिका में बसे भारतीयों और पाकिस्तानियों के क्रिकेट प्रेम को ध्यान में रखकर बनाया गया है। हालांकि अमेरिका में अमेरिकी लोग भी धीरे-धीरे क्रिकेट में रुचि ले रहे हैं। साल 2022 के एक सर्वे के मुताबिक 2 लाख से ज्यादा अमेरिकी क्रिकेट खेलते हैं। ये लोग अमेरिका भर में आयोजित 400 से ज्यादा स्कूली क्रिकेट मैचों, स्थानीय लीग, अकादमियों के मैचों आदि में खेलते हैं।
फिलहाल इनमें भी बड़े पैमाने पर अमेरिका में बसे दक्षिण एशियाई अप्रवासी ही भाग लेते हैं। हालांकि खेलों के इतिहास को पलटें तो 19वीं शताब्दी के मध्य में और 18वीं शताब्दी के शुरुआत में अमेरिका में क्रिकेट तेजी से लोकप्रिय खेल के रूप में उभर रहा था लेकिन इसी दौरान शुरू हो गए गृह युद्ध के कारण अमेरिका की नौजवान पीढ़ी क्रिकेट के बजाय बेसबॉल की तरफ मुड़ गई क्योंकि बेसबॉल में ज्यादा ताकत से हिट करने के मौके थे जिसमें अमेरिकी युवाओं का गुस्सा आसानी से रिलीज हो रहा था।
क्रिकेट का अमेरिका में पहुंचना शुभ संकेत
अमेरिका में एक राष्ट्रीय क्रिकेट टीम मौजूद है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करती है और अमेरिका साल 1965 से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का सहयोगी सदस्य है। हाल के दिनों में अमेरिका में क्रिकेट लौट रहा है। इसकी एकबानगी तब देखने को मिली जब एक अंडर-19 क्रिकेट में अमेरिका ने अर्जेंटीना पर 450 रनों से जीत हासिल की। बहरहाल भले महाबली अमेरिका क्रिकेट में थोड़ा कमजोर हो लेकिन क्रिकेट का अमेरिका में पहुंचना बहुत शुभ संकेत है क्योंकि अभी भले क्रिकेट चार महाद्वीपों में खेला जाता हो लेकिन इसकी छवि कुछ-कुछ कॉमनवेल्थ खेल के रूप में ही है। बता दें कि आज भी दुनिया में ज्यादातर वही देश क्रिकेट खेलते हैं जो कभी ब्रिटेन के गुलाम रह चुके हैं।
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