Yashasvi Jaiswal: पहले ही टेस्ट मैच में बनाया शतक
Yashasvi Jaiswal: क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर किसी खिलाड़ी की शानदार उपलब्धि पर खुशी में बच्चों की तरह उछल पड़ें और उसके लिए ‘यशस्वी भव’ जैसे आशीर्वचन कहने के लिए बाध्य हो जाएं तो कहना ही पड़ेगा कि यह खिलाड़ी कोई छोटा मोटा नहीं होगा और यह है भी नहीं। अपने पहले ही टेस्ट में शतक उसने बनाया और छठे टेस्ट मैच में धमाकेदार डबल सेंचुरी मार दी हो, तो यह खिलाड़ी वाकई कम उम्र में उभरता हुआ बड़ा सितारा ही कहा जायेगा और यह है भी ऐसा ही। आपका अनुमान बिल्कुल सही है। हम अपने त्रासद और करुण संघर्ष के लिए जाने जाने वाले 22 वर्षीय यशस्वी जायसवाल की ही बात कर रहे हैं। इंग्लैंड के विरुद्ध दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में इस छोटी सी उम्र में संभावनाओं से भरे इस सितारा खिलाड़ी ने 209 रनों की शानदार सजगता और आक्रामकता से भरी पारी खेली। यशस्वी की यह पारी इसलिए भी गौरतलब है क्योंकि उनके अलावा इस मैच की पहली पारी में कोई दूसरा खिलाड़ी अर्धशतक तो क्या 35 रन भी नहीं बना सका।
झन्नाटेदार शॉट्स से बनाया दोहरे शतक
रोहित शर्मा, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, जिस मैच में रन बनाने को तरस रहे हों, उस मैच में यशस्वी जायसवाल द्वारा झन्नाटेदार शॉट्स से बनाये गए शानदार दोहरे शतक को खास ही कहना होगा और इससे यह भी साबित होता है कि अगर रोहित शर्मा, विराट कोहली से लेकर सचिन तेंदुलकर तक उनके खेल पर फिदा हैं और उन्हें अपने छोटे भाई की तरह केयर करते हैं, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस छोटे सी उम्र में इस सितारा खिलाड़ी का क्रिकेट किस अंदाज का होगा। यशस्वी जायसवाल की इन दिनों भारतीय क्रिकेट में इसलिए भी चर्चाओं की धूम है क्योंकि वह विनोद कांबली और सुनील गावस्कर के बाद पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने 23 साल की उम्र पूरी होने के पहले ही टेस्ट क्रिकेट में अपना दोहरा शतक बना लिया। कहते हैं, ‘पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं।’
16 दनदनाते चौके लगाए
यशस्वी जायसवाल के साथ भी कुछ ऐसा ही है। अपने पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में यशस्वी जयसवाल ने 16 दनदनाते चौकों और एक लंबे छक्के की बदौलत 171 रन बनाये थे। यह किसी भी महान खिलाड़ी के पदार्पण मैच की पहली पारी के लिहाज से जबरदस्त आंकड़े हैं। हालांकि उन्हें अपने पदार्पण मैच में दूसरी पारी खेलने को नहीं मिली क्योंकि वेस्टइंडीज 2 पारियों में भी मिलाकर भारत की पहली पारी के जितना स्कोर नहीं कर पाया। फिलहाल यशस्वी ने अपने पहले ही टेस्ट मैच में प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीतकर जता दिया कि वह तेजी से उभर रहे बड़े खिलाड़ी हैं।
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बड़ा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी वही होता है जो किसी एक फॉर्मेट में रन बनाने की बजाय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में रन बनाए और यशस्वी की यही खूबी है। मसलन जहां टेस्ट क्रिकेट में उनका एवरेज 50 के आसपास है और स्ट्राइक रेट 60 से ऊपर है वहीं टी-20 इंटरनेशनल में भी यशस्वी ने 161 की स्ट्राइक रेट और करीब 34 रन प्रति इनिंग्स के औसत से 502 रन बनाये हैं जिसमें एक शतक और 4 अर्धशतक शामिल हैं। यशस्वी ने आईपीएल में धमाकेदार बल्लेबाजी की है, इससे अंदाजा लगता है कि यह खिलाड़ी किसी भी फॉर्मेट में रुकने वाला नहीं है। यशस्वी सिर्फ रन ही नहीं बनाते वह जिस अंदाज में रन बनाते हैं वह भी बेहद दर्शनीय होता है।
बल्लेबाजी के अच्छे दिन लौटे
विशाखापट्टनम में अपना दोहरा शतक जमाने के दौरान उन्होंने एक और शानदार उपलब्धि हासिल की कि पिछले 16 सालों में गौतम गंभीर के बाद वह दूसरे ऐसे बाएं हाथ के खिलाड़ी रहे जिसने डबल सेंचुरी बनायी। देखने वाली बात यह भी है कि जायसवाल ने सिर्फ डबल सेंचुरी ही नहीं बनायी बल्कि उनका अंदाज ऐसा रहा कि कमेंटेटरों ने एक सुर में कहा कि भारतीय क्रिकेट को अपना (वीरेंद्र) सहवाग फिर से मिल गया है। उनका यह कहना लाजमी था क्योंकि एक तरफ जहां यशस्वी ने ब्रायन लारा की तरह अपने छोर में अंगद का पांव जमाये खड़े थे वहीं उन्होंने अपने पहले दोहरे शतक में पहला शतक छक्के के जरिये और दूसरा शतक चौके के जरिये बनाया जो कि आमतौर पर वीरेंद्र सहवाग का स्टाइल रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यशस्वी ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को इस टेस्ट श्रृंखला में भरपूर तरीके से यह भरोसा दिया है कि भारतीय क्रिकेट में बल्लेबाजी के अच्छे दिन एक बार फिर से लौट आए हैं।
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