Kunwer Sachdeva, Inverter Man – पहले पेन बेचा फिर खड़ी कर दी हजारों करोड़ की कंपनी
Kunwer Sachdeva, Inverter Man: सु-काम कंपनी के फाउंडर कुंवर सचदेव कभी बस में और घर-घर जाकर पेन बेचा करते थे, लेकिन आज वे हजारों करोड़ की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। आज उन्हें दुनिया इनवर्टर मैन के नाम से जानती है। उनकी कंपनी के सोलर प्रोडक्ट्स की डिमांड केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी है। कुंवर सचदेव एक उद्यमी, मार्केटर, इनोवेटर, मोटिवेशनल स्पीकर, थिंकर और लीडर हैं। उन्होंने इनावेटिव और यूजर फ्रेंडली प्रोडक्ट्स के साथ भारत में पॉवर बैकअप सेक्टर में क्रांति लाने का काम किया, इनके द्वारा भारत में बने इनवर्टर को न केवल भारत में बल्कि मध्य पूर्व, अफ्रीका और बांग्लादेश और नेपाल सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में एक घरेलू नाम बना दिया। यूपीएस/इन्वर्टर और सोलर सेक्टर में उनके योगदान के कारण, उन्हें ‘द इन्वर्टर मैन ऑफ इंडिया’ और ‘द सोलर मैन ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है।
पिता रेलवे में क्लर्क थे
कुंवर सचदेव के पिता रेलवे में क्लर्क थे। कुंवर सचदेव की प्राइमरी तक की पढ़ाई प्राइवेट स्कूल में हुई, लेकिन पैसों की कमी की वजह से आगे की पढ़ाई सरकारी स्कूल में पूरी करनी पड़ी। एक मध्यमवर्गीय पंजाबी परिवार में जन्मे कुंवर सचदेव के पिता रेलवे में क्लर्क थे। उनकी मां गृहणी थी। बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले सचदेव ने कक्षा 12वीं में मेडिकल एंट्रेंस पास कर लिया, लेकिन कक्षा 12वीं में 50 प्रतिशत भी अंक नहीं आ पाए। अगले साल उन्होंने फिर कक्षा 12वीं की परीक्षा दी, लेकिन इस बार उनका मेडिकल एंट्रेंस नहीं निकल पाया।
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डॉक्टर बनने का सपना छोड़ दिया
कुंवर डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन मेडिकल एंट्रेंस नहीं निकल पाने की वजह से उन्होंने इस सपने को छोड़ दिया। कुंवर ने अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए घर-घर जाकर पेन बेचे थे। कुंवर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद केबल कम्युनिकेशन कंपनी में मार्केटिंग विभाग में नौकरी की शुरुआत की थी। यही पर उन्हें लगा कि आने वाले समय में देश में केबल का बिजनस काफी मुनाफे वाला हो सकता है। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने बिजनेस की शुरुआत की। कुंवर सचदेव ने सु-काम कम्यूनिकेशन सिस्टम नाम से अपना व्यसाय शुरू किया था।
1998 में शुरू किया इनवर्टर बनाने का काम
कुंवर सचदेव के मुताबिक, उनके घर में एक इनवर्टर था। वह बार-बार खराब हो जाता था। एक बार जब उन्होंने उसे खुद खोलकर देखा तो पता चला कि खराब क्वालिटी के सामान की वजह से ही ये समस्या आ रही थी। इसके बाद उन्होंने खुद ही इनवर्टर बनाने का सोचा और साल साल 1998 में सु-काम पॉवर सिस्टम नाम से कंपनी बनाकर इनवर्टर बनाने शुरू कर दिए। अब कुंवर सचदेव की कंपनी कई सोलर प्रोडक्ट बनाती है। जिनकी डिमांड केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। कुंवर सचदेव आज करीब 2300 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। इस कंपनी में सोलर प्रोडक्ट भी बनते हैं जो दिन में 10 घंटे बिजली दे सकते हैं। इसके प्रोडक्ट अब तक भारत के करीब एक लाख से ज्यादा घरों लगाए जा चुके हैं। सु-काम के सोलर प्रोडक्ट की डिमांड आज भारत के साथ विदेशों में भी है। पॉवर बैकअप इंडस्ट्री को एक संगठित क्षेत्र में बदलने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। पॉवर बैकअप के क्षेत्र में आप जितने भी सफल इनोवेशन देखते हैं, उनमें से अधिकांश उन्हीं के दिमाग की उपज हैं।
प्लास्टिक-बॉडी इन्वर्टर का आविष्कार
कुंवर सचदेव ने दुनिया के पहले प्लास्टिक-बॉडी इन्वर्टर का आविष्कार किया, जिसे इंडिया टुडे द्वारा ‘इनोवेशन ऑफ द डिकेड’ घोषित किया गया। उन्होंने MOSFET जैसी विश्व स्तरीय तकनीकों की शुरुआत की। उन्होंने इन्वर्टर में माइक्रोकंट्रोलर और डीएसपी साइन वेव लाने का काम किया। उन्होंने यूपीएस की विशेषताओं और इन्वर्टर को एक ही उपकरण में मिलाकर भारत को ‘होम यूपीएस’ दिया।
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दुनिया का पहला टच-स्क्रीन यूपीएस
दुनिया का पहला टच-स्क्रीन यूपीएस भी सचदेव द्वारा ही पेश किया गया। जो ब्लूटूथ सक्षम था जिससे कोई भी यूजर्स अपने फोन से इसकी निगरानी कर सकता हैं। उन्होंने 2005 में पहला 100KVA का इन्वर्टर बनाया था और 100 केवीए इन्वर्टर वाला एक ट्रक बनाया। उन्होंने पूरे भारत में डोर-टू-डोर सेवा देने के लिए सर्विस वैन वाले सर्विस नेटवर्क का निर्माण किया। भारतीय होने के नाते ग्लोबल मार्केट में एक विशिष्ट पहचान बनाने के लिए एक ‘मेक इन इंडिया’ कंपनी की कल्पना की थी। जिसके बाद उन्होने मध्य पूर्व, अफ्रीका, बांग्लादेश और नेपाल के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी धाक जमाई, जहां उनके उत्पादों को उनकी गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए पसंद किया जाता है। इन देशों मे चाइना के उत्पाद को बाहर का रास्ता दिखा दिया। आज भी भारतीय इन्वर्टर और यूपीएस चाइनीज की तुलना में अधिक पसंद किए जाते हैं और इसके लिए उनके प्रयासों को बहुत बड़ा श्रेय जाता है। कुंवर सचदेव के मार्गदर्शन में, सु-काम तेजी से विस्तार करता रहा और सौर ऊर्जा उद्योग में अपनी विशेषज्ञता के लिए व्यापक रूप से जाना जाने लगा।
60 से अधिक पेटेंट फाइल किया
कुंवर सचदेव के योग्य मार्गदर्शन में, Su-vastika ने 6 पेटेंट के साथ 60 से अधिक पेटेंट फाइल करने के लिए पावर बैकअप उद्योग में एकमात्र कंपनी होने का रिकॉर्ड बनाया हैं। Su- Vastika में वे न केवल पावर बैकअप उद्योग में बल्कि ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संचार आदि से संबंधित कई अन्य क्षेत्रों में लगातार नए पेटेंट विचारों के साथ नए उत्पादों को लेकर मार्केट मे आ रहे हैं। Su-vastika के संरक्षक के रूप में कुंवर सचदेव द्वारा विकसित कुछ प्रमुख उत्पादों में LiFEePO4 बैटरी प्रौद्योगिकी-आधारित एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, EV के लिए स्वचालित परीक्षण सेटअप, PCB, BMS, सौर संगत EV चार्जर और लिफ्ट के लिए आपातकालीन बचाव उपकरण शामिल हैं। इसी के साथ कुंवर सचदेव का सपना हैं कि भारत का हर घर सौर ऊर्जा से परिपूर्ण हो जिसके लिए वो खुद कहते है की मैं भारत में हर घर को सौर ऊर्जा से संचालित होते देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि हर व्यवसाय, बड़ा या छोटा, सौर ऊर्जा में निवेश करे और निर्बाध लाभ प्राप्त करे।
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