Atal Setu inauguration: 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हुआ निर्माण
Atal Setu inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में 27वें नेशनल यूथ फेस्टिवल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रदेश में 30,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की है। इस दौरान मोदी ने समुद्र पर बने देश के सबसे लंबे पुल अटल सेतु ( अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु ) का लोकार्पण भी किया। यह सेतु कई खासियतों वाला है। इसके बनने से मुंबई से नवी मुंबई का सफर महज 15 मिनट में पूरा हो जाएगा।
इसके लिए अभी दो घंटे लगते हैं। इसका नाम मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) है लेकिन अब इसे ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ नाम दिया गया है। 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से इसका निर्माण किया गया है। मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी। यह भारत का सबसे लंबा पुल और भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी है।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क
यह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा। इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क में भी सुधार होगा। मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (एमटीएचएल) का नाम अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ रखा गया है। यह अब तैयार हो गया है। पीएम मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था।
एफिल टावर की तुलना में 17 गुना ज्यादा स्टील लगा
इस पुल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले 190 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह समुद्र पर बना दुनिया का 12वां सबसे लंबा पुल है। इसकी लागत 17,840 करोड़ रुपये है। इस पुल के निर्माण में अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना ज्यादा कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है। वहीं एफिल टावर की तुलना में 17 गुना ज्यादा स्टील लगा है। यह भूकंप, उच्च ज्वार और तेज हवाओं के दबाव को झेल लेगा।
कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा
यह पुल लगभग 21.8 किमी लंबा और 6-लेन वाला है। 16.5 किमी लंबा समुद्र के ऊपर और करीब 5.5 किमी जमीन पर बना है। यह देश का सबसे लंबा पुल है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा में लगने वाले समय को भी कम करेगा। यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। अटल सेतु को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।
70,000 वाहन चलेंगे प्रतिदिन
अटल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा। वाहन चालकों को अटल सेतु पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी। समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी। मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं। बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है।
8।5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित
सेवरी से 8।5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित किया गया है, क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंगो प्रोटेक्टेड एरिया और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है। 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया। परियोजना पर काम करने के दौरान सात मजदूरों की जान चली गई। समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना समुद्री ब्रिज निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा था। समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों को समुद्र तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी।
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